ITI Fitter theory मैं आज हम जानेंगे वाशर (Washer) क्या है वासर के प्रकार Types Of Washer और नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut) आदि के बारे में |
वाशर (Washer) क्या है
वाशर कि धातु Washer Ki Dhatu - वाशर प्रायः धातु (metal) की शीट से बनाए जाते हैं, जिनके सैंटर में बोल्ट को पास करने के लिए छेद बनाया जाता है। कार्य के अनुसार फैरस एवं नॉन-फैरस धातुओं के वाशर भी बनाए जाते हैं।
वाशर के प्रकार Types Of Washer
- प्लेन वाशर (Plain Washer)
- स्प्रिंग वाशर (Spring Washer)
- लॉकिंग वाशर (Locking Washer)
प्लेन वाशर (Plain Washer)
प्लेन वाशर मैटल का एक गोलाकार टुकड़ा होता है, जिसे नट के नीचे चिकनी बेयरिंग सतह (Bearing Surface) उपस्थित करने के लिए दिया जाता है। यह नट के दबाव को अधिक क्षेत्रफल में फैलाता है। यह नट को मैटल काटने से भी बचाता है और इस तरह नट को अधिक टाइट होने देता है। किसी-किसी प्लेन वाशर की ऊपरी चौरस सतह चैम्फर की हुई होती है।
अगर D = बोल्ट का नॉमिनल डायामीटर हो, तो
वाशर का डायामीटर = 2D + 1/.8", या 2D +3 मि.मी. वाशर की मोटाई = 1/8 D
चैम्फर का कोण = 30° और
छेद का डायामीटर = D मुक्त (Clear) होता है।
स्प्रिंग वाशर (Spring Washer)
स्प्रिंग वाशर कंपन्न (Vibration) और जर्किंग (Jerking) वाले स्थानों में नट के नीचे दिए जाते हैं, जहाँ नट के ढीले हो जाने का भय रहता है। इनका इस्तेमाल लॉकिंग अरेंजमेंट के लिए किया जाता है। नट को टाइट करके जब इसे दबाया जाता है तो यह कठोर रुकावट का प्रत्यत्न करता है, जिससे नट की चूड़ियाँ बोल्ट की चूड़ियों को पकड़े रहती हैं, अत: नट ढीला नहीं होता। यह स्प्रिंग वाशर पांच प्रकार का होता है -
(i) सिंगल पैटर्न (Single Pattern) सिंगल कॉइल्ड (Single Coiled)
(ii) स्टैंडर्ड पैटर्न (Standard Pattern)
(iii) डबल पैटर्न (Double Pattern)
(iv) ग्रिप पैटर्न (Grip Pattern) (v) गर्डर पैटर्न (Girder Pattern)
लॉकिंग वाशर (Locking Washer)
ये कई प्रकार के होते हैं और नट के अनुसार बनाए जाते हैं। इनका प्रयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहाँ नट-बोल्ट से पार्ट्स को कसने के बाद कंपन्न से इनके ढीले हो जाने का डर रहता है। इनका प्रयोग अधिकतर ऑटोमोबाइल वाहनों में किया जाता है।
लॉकिंग वाशर का प्रयोग (Uses Of Locking Washer)
- अस्थायी फास्टनिंग करते समय पार्ट्स की सरफेस पर नट से खरोंच (Scratch) लगने से बचाने के लिए।
- टेंपरेरी फास्टनिंग करते समय अच्छी ग्रिपिंग लाने के लिए।
- नट और पार्ट्स के बीच में स्पर्श का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए। नट पर कंपन्न या झटके का असर कम करने के लिए।
- फिटिंग करते समय समायोजन (Adjustment) करने के लिए।
नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut)
लॉक नट या चैक नट (Lock Nut or Check Nut)
इस नट का इस्तेमाल हमेशा साधारण स्टैंडर्ड नट के साथ किया जाता है। स्टैंडर्ड नट को कसकर ऊपर से लॉक नट या चैक नट कस देने पर स्टैण्डड नट ढीला नहीं होता है। यह चैक नट भी एक हैक्सागनल नट ही होता है, जिसकी ऊपर-नीचे की दोनों साइड स्टैण्डर्ड होती हैं। इसकी मोटाई 0.6 D से 0.8D होती है।
स्वतः पाशन नट (Self-Locking Nut)
इस नट को साइमण्डस नट (Symonds Nut) भी कहते हैं। यह एक ऐसा नट है, जिसमें नट को ऊपरी भाग में नाईलोन या फायबर की रिंग लगी रहती है। रिंग का आन्तरिक व्यास बोल्ट के थ्रेड के कोर व्यास से छोटा होता है। बंद करते समय नट लगाये गई नाईलोन स्वयं थ्रेड काट लेता है। ये पोजिटिव ग्रिप की व्यवस्था करता है तथा कम्पन्न के कारण नट को ढीला होने से बचाता है।
तार पाशन (Wire Lock)
इस एसैम्बली में कई स्क्रू तथा बोल्ट को लॉक करने की विधि है। इस विधि में शाफ्ट स्टील वायर को डाल कर घुमाया जाता है।
सॉन नट या विल्स नट (Sawn Nut Or Wiles Nut)
यह एक हैक्सागनल नट होता है, जिसकी एक साइड से चौड़ाई के करीब एक स्लॉट कटा होता है। स्लॉट के ऊपरी में कैप स्क्रू के लिए क्लीयर छेद (Clear Hole) होता है निचले हिस्से के छेद में चूड़िया बनी रहती है।
नट को कसने के बाद एक कैप स्क्रू साइड को छोटे छेद में की दिया जाता है। स्क्रू के टाइट होने से नट के ऊपरी हिस्से की चूड़ियों और बोल्ट की चूड़ियों (Threads) के बीच (Friction, बढ़ जाती है, जिस कारण नट बोल्ट के साथ लॉक हो जाता है अर्थात् वह ढीला नहीं होता है।
स्प्लिट पिन विधि (Split Pin Method)
स्प्लिट पिन अर्द्ध गोलाकार क्रॉस-सैक्शन के स्टील के तार को मोड़कर बनाई हुई रहती है। यह बोल्ट में इस प्रकार छेद करके फिट की जाती है कि नट की ऊपरी सतह (Top Face) से सटी रहे। यह नट को घूमने और ढीला होने नहीं देती है। छेद का डायामीटर करीब 0.2D रखा जाता है।
पिन को छेद में फिट करके उसके निचले सिरे को दोनों तक
अलग-अलग कर दिया जाता है, स्प्लिट पिन का इस्तेमाल इस कार्य के लिए बने हुए स्पेशल नट के साथ भी किया जाता है। स्प्लिट पिन का उपयोग स्लॉटिड नट, कैसल नट, हैक्सागलन नट क्लीविश पिन इत्यादि को लॉक करने के लिए किया जाता है तथा विभिन्न तरह से उपयोग की जाती है।
ग्रूव्ड नट ( पेनिग नट) (Pening Nut)
यह हैक्सागनल नट होता है, जिसका निचला भाग सिलैण्ड्रीकल सरफेस पर सिलैण्ड्रीकल बना होता है। इसमें एक रिसेस ग्रूव होता है जिसमें नट को लॉक करने के लिए सेट स्क्रू उपयोग किया जाता है|
लेट या लॉकिग प्लेट (Stop-Plate or Locking Plate)
यह एक प्लेट होती है, जिसमें इस प्रकार के ग्रूव कटे होते हैं, जो नट के प्रत्येक - वें चक्कर में उसके कोनों (Corners) में फिट हो जाते हैं। यह प्लेट एक कैप स्क्रू के सहारे नट के साथ कसी जाती है।
लग सहित लॉक वाशर्स (Lock & Washers with Lug)
इस व्यवस्था में लग को व्यवस्थित करने के लिए लॉकिंग होल ड्रिल किया जाता है। नट के साथ वाशर को मोड़कर नट के मूवमेंट को रोका जाता है।
टैब वाशर्स लॉकिंग (Tab washers Locking)
टैब वाशर्स का उपयोग नट को लॉक करने में किया जाता है, जो एड्स (Ends) या कोने के निकट स्थित हो।
स्प्रिंग वाशर्स लॉकिंग (Spring Washers Locking)
स्प्रिंग वाशर्स प्रायः इकहरे (Single) या दोहरे क्वाइल (Double Quils) में मिलते हैं। ये कार्य में नट के नीचे वाशर की तरह लगाये जाते हैं। यह वाशर एसैम्बली को ढीले होने से बचाने में सहायक होते हैं।
लेखक की कलम से-
दोस्तों में हूं Sunil Kumar और इस पोस्ट में हमने जाना ITI Fitter theory के पार्ट वाशर (Washer) क्या है वासर के प्रकार Types Of Washer और नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut) आदि के बारे में इसी प्रकार ITI Fitter theory से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ बने रहे तथा अपने दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इस पोस्ट के बारे में अगर आपका कोई सुझाव या शिकायत है तो कृपया हमें टिप्पणी(comments) करें हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा धन्यवाद |