वर्नियर कैलीपर|Vernier caliper
यह एक सूक्ष्म मापी यंत्र होता है यह जॉब को अधिक परिशुद्धता मापने के लिए काम में लिया जाता है|
Vernier caliper |
वर्नियर कैलिपर का आविष्कार|Invention of vernier caliper
इसका आविष्कार संन 1630 मैं फ्रांस के पैरी वर्नियर नामक एक व्यक्ति ने किया थावर्नियर कैलिपर का उपयोग|Use of vernier caliper
इसका उपयोग किसी कार्यखंण्ड या जॉब की बाहरी माप, भीतरी माप, तथा गहराई को सूक्ष्म रूप से मापने में किया जाता हैवर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक|least count Vernier caliper
इसके द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम माप को इसका अल्पतमांक (least count) कहते ह|इसका लिस्ट काउंट मीट्रिक प्रणाली में 0.02 मिली मीटर तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.001 इंच होता है
काॅमन सूत्र:-
अल्पतमांक(least count)=मुख्य पैमाने की एक खाने का मान/वर्नियर पैमाने पर कुल खानों की संख्यावर्नियर कैलीपर किसका बना होता है|Whose Vernier Caliper is made of
वर्नियर कैलीपर निकल क्रोमियम इस्पात से बनाए जाते हैंवर्नियर कैलीपर का साइज|Size of vernier caliper
जी मीट्रिक प्रणाली में 150 मिलीमीटर से 300 मिली मीटर तथा ब्रिटिश प्रणाली में 6 से 12 इंच तक साइज में पाए जाते हैंवर्नियर के भाग|parts of vernier caliper
1. बीम या मुख्य पैमाना(beam aur main scale)2. स्थिर जबडा(fixed jow)
3. चल जबड़ा(movable jaw)
4. बर्नियर पैमाना(vernier scale)
5. सक्षम समायोज्य यूनिट(fine adjusting unit)
6. लॉकिंग स्क्रु(locking screw)
7.सूक्ष्म समायोजन स्क्रू(fine adjustable screw)
8. आंतरिक मापन निब(inner measuring nibs)
9. गहराई पत्ती(depth strip)
बीम या मुख्य पैमाना(beam aur main scale)
यह एक चोड़ी धातु की पट्टी होती है जिस पर मुख्य पैमाना बना होता हैइस पर मिली मीटर और इंच में भाग अंकित होते हैं
बीम की बाई तरफ फिक्स जबड़ा होता है जिस पर बर्नियर हेड तथा फाइन समायोजन हेड स्लाइड करते हैं
स्थिर जबडा(fixed jow)
यह बीम का ही एक भाग होता है जो बीम के समकोण पर बना होता हैइस पर बाहरी एवं भीतरी माप लेने के लिए तल(face) बने होते हैं|
चल जबड़ा(movable jaw)
यह जबड़ा तथा स्थिर जबड़ा (fixed jow) दोनों के द्वारा बाहरी एवं भीतरी माप ले सकते हैंबर्नियर पैमाना(vernier scale)
वर्नियर पैमाना वर्नियर हेड पर बना होता है|वरनियर हैड मे एक स्थिर भुजा बनी होती है जिसमें हैंड को स्थिर करने के लिए लॉकिंग स्क्रु लगा होता है|
सक्षम समायोज्य यूनिट(fine adjusting unit)
यह बर्नियर हेड के साथ एक स्क्रू तथा नर्ल की हुई नेट के द्वारा जुड़ी होती है|इस यूनिट का प्रयोग सूक्ष्म मापन के लिए किया जाता है|
परिशुद्ध माप लेने के लिए वर्नियर पहले बर्नियर हेड को दिए माप के लिए लगभग सेट कर लेते हैं फिर लॉकिंग स्क्रू से लॉक करके इस पर लगे फाइन एडजस्टिंग नट के द्वारा वर्नियर हेड को थोड़ा सा ऊपर या नीचे सरका कर परिशुद्ध माप प्राप्त कर लेते हैं|
लॉकिंग स्क्रु(locking screw)
लांकिंग स्क्रू बर्नियर हेड तथा फाइन एडजस्टिंग हेड पर लगे होते हैं इनके द्वारा पाठयांक लेते समय वरनियर को लॉक करके सही और परिशुद्ध पाठयांक ज्ञात कर लिया जाता हैसूक्ष्म समायोजन स्क्रू(fine adjustable screw)
सूक्ष्म समायोजन स्क्रू की सहायता से परिशुद्ध माप ले सकते हैं|यह फाइल एडजस्टिंग यूनिट तथा वरनियर हेड के बीच लगा होता है|
आंतरिक मापन निब(inner measuring nibs)
अधिकतर बर्नियर कैलीपरो बाहरी जबडो के विपरीत दिशा में जो जबड़े बने होते हैं उन्हें आंतरिक मापन निब कहते हैं|स्पर्श सतह कम करने के लिए इनकी धार(Edge) चाकू(knife) जैसी बनी होती है|
इन जबड़ों या नीबो का प्रयोग किसी झिरी(slots) छेद तथा अन्य भीतरी माप लेने के लिए किया जाता है|
गहराई पत्ती(depth strip)
यह एक बारीक पत्ती होती है जो बीम के पीछे के हिस्से की ओर जुड़ी होती है और यह एक झिरी में स्लाइड करती हैं| यह बीम के अंतिम किनारे पर एक स्टांपर पती और दो पेचों द्वारा जुड़ी होती है अब मुख्य पैमाने पर बर्नियर पैमाने की शून्य रेखाएं आपस में मिलती हैं तब डैप्थ स्ट्रिप की टिप बीम के सिरे की सतह के बराबर रहती है इसका प्रयोग किसी झिरी या छेद(hole) की गहराई मापने में किया जाता हैवर्नियर का सिद्धांत|principle of vernier
वर्नियर कैलीपर दो पैमानों (मुख्य पैमाना तथा बर्नियर पैमाना) के अंतर के सिद्धांत पर कार्य करता है|वर्नियर कैलीपर पढ़ने की विधि|Vernier caliper reading method
वर्नियर कैलीपर से पाठयांक लेते समय सबसे पहले यह देखते हैं कि वरनियर पैमाने की शुन्य वाली रेखा मुख्य पैमाने के कितने भाग पार कर चुकी है|यदि आधे मिली मीटर वाली रेखा को भी यह पार कर चुकी हो तो उसको भी इसमें जोड़ देते हैं|
इसके बाद वरनियर पैमाने की कौन सी लाइन मुख्य पैमाने की किसी एक लाइन के बिल्कुल सिद्ध में है उसको नोट कर लेते हैं|
इसके बाद वरनियर पैमाने के इस पाठयांक को अल्पतम माप से गुणा करके मुख्य पैमाने के पाठयांक में जोड़ देते हैं|
सूत्र - कुल पाठयांक = मुख्य पैमाने का पाठयांक + (वरनियर पैमाने का पाठयांक) × अल्पतमांक
ब्रिटिश प्रणाली में वर्नियर कैलीपर पढ़ने की विधि|Vernier caliper reading method in British system
वर्नियर कैलीपर काम पाठयांक लेते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वरनियर पैमाने की 0 लाइन मुख्य पैमाने के कितने भाग व अनुभाग को पार कर गई है फिर वर्नियर पैमाने की जो लाइन मुख्य पैमाने के ठीक सामने मिल रही है उसे नोट कर लेना चाहिए और उसे अल्पआत्मांक (0.001) से गुणा करके मुख्य पैमाने के पाठयांक में जोड़ देना चाहिए|सूत्र - कुल पाठयांक = मुख्य पैमाने का पाठयांक + (वरनियर पैमाने का पाठयांक × अल्पतमांक)
वर्नियर ऊंचाई गेज|vernier height gauge
वर्नियर हाइट गेज का प्रयोग कार्यखण्डों तथा जॉब के विभिन्न भागों की ऊंचाइयों को मापने तथा परिशुद्ध मार्किंग करने के लिए किया जाता है|इसके मुख्य भागों में- ऊर्ध्वाधर बीम, आधार (base), स्लाइडिंग शीर्ष, सहायक शीर्ष, फाइन समायोजित स्क्रू, ब्रेकेट, स्क्राइबर आदि होते हैं|
Vernier height gauge |
वरनियर ऊंचाई गेज में एक भारी आधार होता है जिसकी निचली सतह अच्छी तरह मशीन द्वारा फिनिश होती है|
इसके आधार पर एक धरण(beam) ऊर्ध्वाधर(vertical) दिशा में लगी होती है और इस बीम के सामने वाले भाग पर मुख्य पैमाना(main scale) बना होता है|
इस बीम पर एक सरकने वाला शीर्ष(sliding head) लगा होता है जिस पर वर्नियर पैमाना बना होता है|
इस स्लाइडिंग हेड के साथ एक सहायक हेड फाइंड समायोजन पेज के साथ जुड़ा होता है|
सरकने वाले शीर्ष के साथ ही ब्रैकेट जुड़ा होता है इस ब्रैकेट पर एक क्लैंप लगा होता है जिसकी सहायता से बदले जा सकने वाले स्क्राइबर लगाए जाते हैं|
इन स्क्राइबर से ही सही माप व सही मार्किंग निशान लगाए जाते हैं और यह पॉइंट की तरफ से हार्ड किए हुए अथवा कार्बाइड टिप लगे हुए होते हैं|
वर्नियर हाइट गेज का सिद्धांत, अल्पतमांक, तथा इसके पढ़ने का तरीका वर्नियर कैलिपर की तरह ही होता है|
प्रतियोगी परीक्षाऔ में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रसन
जरा नीचे दिए गए वर्नियर कलीपर से संबंधित 20 प्रश्नों और उत्तरों को देखें:
1. वर्नियर कलीपर क्या होता है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर एक मापन उपकरण है जिसका उपयोग आयामों को मापने के लिए किया जाता है।
2. वर्नियर कलीपर का उपयोग किसलिए किया जाता है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग लंबाई, चौड़ाई, गहराई और अन्य आयामों को मापने के लिए किया जाता है।
3. वर्नियर कलीपर के दो प्रमुख भाग कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर: वर्नियर कलीपर में दो प्रमुख भाग होते हैं - मुख्य स्केल और वर्नियर स्केल।
4. वर्नियर स्केल क्या होता है?
उत्तर: वर्नियर स्केल एक संख्यात्मक स्केल होती है जो सूक्ष्म मापन के लिए उपयोगी होती है।
5. वर्नियर कलीपर की सटीकता क्या होती है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर की सामान्य सटीकता लगभग 0.02 मिलीमीटर या 0.001 इंच होती है।
6. वर्नियर कलीपर के प्रकार क्या-क्या होते हैं?
उत्तर: वर्नियर कलीपर के प्रकार में नॉनियर वर्नियर कलीपर, डिजिटल वर्नियर कलीपर, डिप्थ गेज वर्नियर कलीपर और उल्ट्रा-प्रिसिजन वर्नियर कलीपर शामिल हैं।
7. वर्नियर कलीपर का उपयोग किस क्षेत्र में होता है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग मशीनरी, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल और साइंस क्षेत्रों में होता है।
8. वर्नियर कलीपर के उपयोग से क्या लाभ होता है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग सटीकता, निर्भरता और मापन की सुविधा प्रदान करने में मदद करता है।
9. वर्नियर कलीपर को कैसे पढ़ा जाता है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर को पढ़ने के लिए, मुख्य स्केल पर दिखाए गए नंबर को पढ़ें और फिर वर्नियर स्केल पर दिखाए गए नंबर को जोड़ें।
10. वर्नियर कलीपर के लिए सही देखभाल कैसे की जाए?
उत्तर: वर्नियर कलीपर को साफ़ करें, उसे सुरक्षित रखें, और नमी और धूप से बचाएं। समय-समय पर उसे चेक करें और यदि आवश्यक हो तो उसे निर्माण कंपनी द्वारा जाँचबाट कराएं।
11. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय क्या ध्यान देना चाहिए?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सही पकड़ और स्थिरता बनाए रखें, स्केल को सही ढंग से पढ़ें, और संपर्क बिंदु को सही ढंग से मिलाएं।
12. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सावधानियाँ क्या होनी चाहिए?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सावधान रहें, इसे भूमि पर ठीक रखें, उसे झटके न दें, और लंबे समय तक नमी या आधिकारिक तापमान में न छोड़ें।
13. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय यदि ग्रेडेशन ध्यान से पढ़ा जाए, तो कैसा होगा?
उत्तर: यदि वर्नियर कलीपर के ग्रेडेशन को सही ढंग से पढ़ा जाए, तो सटीक माप किया जा सकता है और त्रुटि का निर्माण कम होगा।
14. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय ध्यान देने योग्य नियम क्या हैं?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करें:
- समय-समय पर इसे जांचें और निर्माण कंपनी द्वारा सर्वेक्षण कराएं।
- अनावश्यक संपर्क से बचें और अच्छी स्थिरता बनाए रखें।
- उच्च और निम्न तापमान से बचें, और धूप और नमी से सुरक्षित रखें।
15. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित तत्वों को कैसे निर्धारित किया जाता है:
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित तत्वों को निर्धारित किया जाता है:
- चौड़ाई या लंबाई: बाहरी और आंतरिक आयामों के बीच की दूरी को मापने के लिए।
- गहराई: सतह और वस्तु के बीच की दूरी को मापने के लिए।
- रेडियस: गोलाकार वस्तु के गोलाकार माध्यरेखा के केंद्र से सतह तक की दूरी को मापने के लिए।
16. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय अलग-अलग ध्यान देने योग्य मापों के बारे में बताएं।
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित मापों का ध्यान दें:
- इंच: अंग्रेजी माप की इकाई है।
- मिलीमीटर: सीएम का एक हजारवां भाग।
- सेंटीमीटर: एक मीटर का एक सौवां भाग।
- माइक्रोमीटर: एक मीटर का दस लाख भाग।
17. वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए सही तकनीक क्या है?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित तकनीक का पालन करें:
- उपयुक्त मापन ज्यामिति का चयन करें।
- स्केल को सटीकता से खींचें और उपयुक्त दर पर रखें।
- यथासंभव स्थिरता बनाए रखें और आवश्यकतानुसार संपर्क बिंदु बनाएं।
18. वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए सामान्य नियम क्या हैं?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित सामान्य नियमों का पालन करें:
- समय-समय पर मापकों की परीक्षण और निर्माण कंपनी द्वारा जांचबाट कराएं।
- स्केल को स्वच्छ रखें और उसकी स्थिरता की जाँच करें।
- उच्च और निम्न तापमान से बचें, और नमी और धूप से सुरक्षित रखें।
19. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सावधानियों के बारे में बताएं।
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:
- ध्यान से उपयोग करें और अनावश्यक झटकों से बचें।
- स्केल को अच्छी तरह से समायोजित और सटीक बनाए रखें।
- संपर्क बिंदु को सही ढंग से मिलाएं और ठीक ग्रेडेशन पढ़ें।
20. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय आप कौनसे तत्वों को माप सकते हैं?
उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय आप चौड़ाई, लंबाई, गहराई, और रेडियस जैसे तत्वों को माप सकते हैं। इसके अलावा आप नटीजा भी माप सकते हैं और सटीक माप कर समय और वस्तुओं की गणना कर सकते हैं।
दोस्तों यह था हमारा आज का टॉपिक आपको हमारा यह ज्ञान संग्रह कैसा लगा कृपया कमेंट करके हमें सुझाव अवश्य दें धन्यवाद
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