बंधक या फास्टनर (Fasteners) और फास्टनिंग (Fastening) क्या होते हैं Types Of Fastening In Hindi

 दोस्तों मैं सुनिल कुमार आज आपको बताऊंगा Fasteners और Fastening क्या होते हैं तथा Fastening कितने प्रकार की होती है और यह है हमारे लिए क्यों जरूरी है आइए जानते हैं इसके बारे में |

बंधक या फास्टनर (Fasteners) और फास्टनिंग (Fastening) क्या होते हैं


मशीन को छोटे या बड़े अर्थात् विभिन्न प्रकार के पार्ट्स से मिलाकर बनाया जाता है। इन पार्ट्स को आपस में जोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की युक्तियां (Devices) प्रयोग में लाई जाती है | इन युक्तियो (Devices) को बन्ध बन्धक या फास्टनर (fasteners) कहते हैं और जिस कार्यविधि से इन यक्तियों का प्रयोग करते हैं, उसे फास्टनिंग (Fastening) कहते हैं। 

Types-Of-Fastening-In-Hindi, Fastening-Types


फास्टनिंग के प्रकार (Types Of Fastening)

Fastening मुख्यतः तीन प्रकार से की जाती है जो निम्नलिखित है

  1. अस्थायी फास्टनिंग (Temporary Fastening) 
  2. अर्द्ध स्थायी बन्धन (Semi Permanent Fastening) 
  3. स्थायी बन्धन (Permanent Fastening) 


अस्थायी फास्टनिंग (Temporary Fastening) 


मशीन के कई पार्ट्स ऐसे होते हैं, जिनको बार-बार जोड़ने तथा खोलने की आवश्यकता होती है। इसलिए ऐसे पार्ट्स की  अस्थायी फास्टनिंग (Temporary Fastening) की जाती है जैसे - नट और बोल्ट, की(Key), कॉर्टर, पिन, स्क्रू और स्टड इत्यादि से पार्ट्स को जोड़ना। 


अर्द्ध स्थायी बन्धन (Semi Permanent Fastening) 


मशीन के कई पार्ट्स ऐसे होते हैं, जिनको न तो स्थायी रूप से बाँधा । जाता है और न ही अस्थायी रूप से। इस प्रकार की फास्टनिंग तब प्रयोग की जाती है, जब पार्टो को जोड़ देने के बाद किसी कारणवश अलग करने की आवश्यकता पड़ती है। 

इसमें पार्ट्स को यदि अलग किया जाता है तो फास्टनर खराब हो सकता है लेकिन पार्टो में अधिक खराबी नहीं आती है | जैसे - सोल्डरिंग करके पार्टो को जोड़ना। 



स्थायी बन्धन (Permanent Fastening) 

मशीन के कई पार्ट्स ऐसे होते हैं, जिनको स्थायी रूप से आपस में जोडा जाता है। इसमें जोड़े गए पार्ट्स को आसानी से अलग नहीं किया जा सकता। यदि इनको अलग करने की कोशिश की जाए तो पार्ट्स और फास्टनर दोनों के ही खराब होने की संभावना रहती है, जैसे-रिवेटिंग, ब्रेजिंग तथा वैल्डिंग करना। 

Fasteners क्यों जरूरी है

दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं आज का युग औद्योगिक युग है जिसमें विभिन्न कल कारखानों से अनेक प्रकार की मशीनों का निर्माण होता है इन सभी मशीनों को बनाने के लिए छोटे-छोटे पार्टो को आपस में जोड़ा जाता है इसलिए कल कारखानों में जो कारीगर काम करते हैं उनका Fasteners के बारे में जानना जरूरी होता है ताकि वह किसी पार्ट को जोड़ते समय उसकी जरूरत के हिसाब से Fasteners का उपयोग करें तथा एक अच्छा तथा मजबूत जोड़ तैयार करने में सफल हो सके
इसीलिए ITI Fitter theory मैं Fasteners के बारे में पढ़ाया जाता है ताकि हमें एक कुशल फीटर मिल सके |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आधार कार्ड में दस्तावेज़ अपलोड Document upload in Aadhar Card

 इस पोस्ट में हम जानेगे आधार कार्ड में दस्तावेज़ अपलोड करना क्यों जरुरी है और आधार कार्ड में दस्तावेज़ अपलोड करने की प्रक्रिया क्या है | आधा...