स्लिप गेज का उपयोग, प्रकार, ग्रेड और स्लिप गेज चयन करने की विधियां

 दोस्तों आज हम जानेंगे स्लिप गेज के बारे में| स्लिप गेज का उपयोग स्लिप गेज की ग्रेड, स्लिप गेज के प्रकार, तथा स्लिप गेज चयन करने की विधियां|

स्लिप गेज|slip gauge

स्लिप गेज को जॉनसन स्लिप गेज या गेज ब्लॉक भी कहा जाता है|
slip-gauge
slip-gauge


इनकी बनावट आयताकार पीस के रूप में होती है|
भारतीय मानक(I.S.I.) के अनुसार 10 मिलीमीटर तक साइज की ब्लॉक का अनुप्रस्थ परिच्छेद(cross section) 30×9 मिलीमीटर और 10 मिलीमीटर से बड़े साइज का अनुप्रस्थ परिच्छेद (cross section) 35×9 मिलीमीटर होता है|
यह सेट के रूप में पाए जाते हैं|


स्लिप गेज का उपयोग|use of slip gauge

स्लिप गेज का उपयोग वर्कशॉप और समरूप गेजो कि सूक्ष्मता चेक करने के लिए तथा साइन बार को किसी भी कोण में सेट करने के लिए किया जाता है|

स्लिप गेज किसका बना होता है

स्लिप गेज को उच्च क्वालिटी की टूल स्टील से बना कर कठोर कर दिया जाता है| और इनको 0.001(1 माइक्रोन) की सूक्ष्मता (accuracy) मैं फिनिश किया जाता है|
तथा इनके किनारों को चैंफर कर दिया जाता है|

आई. एस. आई. के अनुसार स्लिप गेज की ग्रेड|slip gauge grade according to ISI

भारतीय मानक के अनुसार स्लिप गेज की सूक्ष्मता को तीन ग्रेडों में बांटा गया है|
1. ग्रेड -0(great - 0)
2. ग्रेड-1(grade - I)
3. ग्रेड -2 (Grade - II)

ग्रेड -0(great - 0)

इस ग्रेड की स्लिप गेजों को बहुत ही सूक्ष्मता में बनाया जाता है| इनका उपयोग प्रयोगशाला और मानक कार्यो(standard works) के लिए किया जाता है|

ग्रेड-1(grade - I)

इस ग्रेड वाली स्लिप गेज की सूक्ष्मता(accuracy) 0 ग्रेड वाली स्लिप गेज से कुछ कम होती है|

ग्रेड -2 (Grade - II)

इस प्रकार की स्लिप गेजों का उपयोग वर्कशॉप में उत्पादन करते समय जॉब बनाते समय, जॉब बनाते समय, और उपकरणों की सूक्ष्मता चेक करने के लिए किया जाता है|

स्लिप गेज के प्रकार | types of slip gauge

स्लिप गेज के सेट मुख्यत: दो प्रकार की होती है|
1. मीट्रिक स्लिप गेज सेट | metric slip gauge set
2. ब्रिटिश स्लिप गेज सेट | British slip gauge set

मीट्रिक स्लिप गेज सेट | metric slip gauge set

अगर विश्लेषण किया जाए तो मीट्रिक स्लिप गेज के कई सेट पाए जाते हैं | परंतु M-12 वाला सेट अधिकतर प्रयोग में लाया जाता है जो निम्नलिखित है|
01-  1.001से 1.009 मिली मीटर तक 0.001 मिली मीटर के स्टेप में 9 पीस
02- 1.01से1.49 मिली मीटर तक 0.01 मिली मीटर के स्टेप में 49 पीस
03- 0.5से24.5 मिली मीटर तक 0.5 मिली मीटर के स्टेप में 49 पीस
04- 25 से 100 मिली मीटर तक 25 मिली मीटर की स्टेप में अतिरिक्त पीस 1.0005 मिली मीटर


ब्रिटिश स्लिप गेज सेट | British slip gauge set


01- 1.001 इंच से 1.009 आज तक 0.001 के स्टेप में 9 पीस इंच के स्टेप में
02- 0.101 इंच से 0.149 इंच तक 0.001 इंच 49 पीस स्टेप में
03- 0.05 इंच से 0.95 इंच तक 0.05 इंच 19 पीस के स्टेप में
04- 1 इंच से 4 इंच तक 1 इंच के स्टेप में चार पीस व एक अतिरिक्त पीस 1.005 इंच का 1 पीस
कुल योग=82 पीस

स्लिप गेजों की रिंगिंग विधि | wringing process of slip gauge

स्लीप गेजो को आपस में जोड़ने की विधि को रिंगिंग कहते हैं, जिसे निम्नलिखित पदों द्वारा समझा जा सकता है-
1. सबसे पहले दो स्लिप गेजो (गेज ब्लॉक)  को लेकर उनकी मापन सतहों को टिशू पेपर या चमोइस चमड़ा(chamois leather) अथवा कार्बन टेट्राक्लोराइड से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए|
2. साफ करने के बाद एक स्लिप गेज को दूसरी स्लिप गेज की मापन सतह पर क्रॉस में रखना चाहिए|
3. इसके बाद ऊपर वाली स्लिप गेज को हल्के दबाव से निचा करके दोनों स्लिप भेजो कि मापन सतह को एक सिध में कर लेना चाहिए|
4. इसके बाद ऊपर वाली स्लिप गेज को हल्के दबाव के साथ आगे खिसका कर उसके आधे भाग को एक दूसरी स्लिप गेज के संपर्क से बाहर कर लेना चाहिए|
5. अंत में ऊपर वाली स्लिप गेज को हल्के दबाव के साथ ही पीछे खिसकाना चाहिए और दोनों स्लिप गेजो को सामान करके छोड़ देना चाहिए| आब दोनों स्लिप गेज चुंबक के समान एक दूसरे के साथ सट जाती है | इसी को रिंगिंग क्रिया कहते हैं|

टेलिस्कोपिक गेज के भाग, प्रयोग विधि और स्मॉल होल गेज

 दोस्तों मेरा नाम है सुनिल कुमार और आज हम चर्चा करेंगे| टेलिस्कोपिक गेज के भाग, प्रयोग विधि और स्मॉल होल गेज के बारे में|

टेलिस्कोपिक गेज|telescopic gauge

टेलिस्कोपिक गेज एक अप्रत्यक्ष मापी गेज होता है|
इस गेज का प्रयोग किसी छेद स्लांट या बोर के आंतरिक माप लेने के लिए किया जाता है|
इस गेज से पाठ्यांक(reading) लेने के पश्चात उस माप को आउटसाइड माइक्रोमीटर के द्वारा ज्ञात किया जाता है|

टेलिस्कोपिक गेज से कितनी माप ले सकते है

टेलिस्कोपिक गेज 5 नंबर के सेट में मिलता है तथा इसके द्वारा 12.7 मिली मीटर से 152.7 मिलीमीटर तक माप ले सकते हैं|

टेलिस्कोपिक गेज के भाग|parts of telescopic gauge

टेलिस्कोपिक गेज के मुख्य रूप से चार भाग होते है|

telescopic-gauge,telescopic-gauge-parts
telescopic-gauge


1. दो कॉन्टैक्ट प्लन्जर(to contact plunger)
2. हत्था(handle)
3. स्प्रिंग(spring)
4. लॉकिंग स्क्रु(locking screw)

टेलिस्कोपिक गेज की प्रयोग विधि|use method of telescopic gauge

टेलिस्कोपिक गेज निम्नलिखित प्रकार से उपयोग में लाना चाहिए|
गेज के मापने वाले सिरे को माप लेने वाले छेद में डाल देना चाहिए|
प्लन्जर को हाथ से दबा कर लॉकिंग स्क्रू से लॉक कर देना चाहिए|
लॉकिंग स्क्रु को ढीला करके पाठ्याकं(reading) की सही फीलिंग(feeling) कर लेनी चाहिए|
लॉकिंग स्क्रु की सहायता से प्लन्जर को लॉक कर देना चाहिए|
गेज को बाहर निकालकर पाठ्यांक को आउटसाइड माइक्रोमीटर पर स्थानांतरण(transfer) करके पढ़ना चाहिए|

telescopic-gauge-use
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स्मॉल होल गेज|small hole gauge

स्मॉल होल गेज का उपयोग छोटे साइज के छेदो के भीतरी व्यास(internal diameter) को चेक करने के लिए किया जाता है|
स्मॉल होल गेज की बनावट मे स्प्रिंग स्टील की दो भुजाएं(arms) होती हैं, जिनके सिरे अर्ध गोलाई(half round) में बने होते हैं|
इसके बीच में वेज(wedge) के आकार का एक पीस लगा होता है जिसको एक नर्लिंग हैड से समायोजित(adjust) किया जाता है|
जब हेड को घुमाया जाता है तो वेज आर्मस के सिरों को फैलाता है, जिससे आंतरिक माप ली जाती है|

small-hole-gauge
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स्मॉल हॉल गेज से कितना माप चेक किया जा सकता है

इस गेज से 3 मिलीमीटर से 12.7 मिलीमीटर तक के माप को चेक किया जा सकता है|

स्मॉल होल गेज 7 नम्बर के सेट के रूप में पाए जाते हैं|

स्मॉल होल गेज से माप लेने की विधि

इस गेज से माप लेने के लिए गेज के सिरे को फैलाकर दीवारों के साथ स्पर्श करते हैं फिर फीलिंग करके हैंड को कसकर गेज को बाहर निकाल लेते हैं तथा पाठ्यांक को आउटसाइड माइक्रोमीटर पर स्थानांतरण करके पढ़ लेते है|

दोस्तों हमारे आज के इस पोस्ट में हमने टेलीस्कोपिक गेज तथा स्माल होल गेज के बारे में बताया है आप इस पोस्ट से जुड़े किसी सुझाव या शिकायत के लिए हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं|
धन्यवाद

General knowledge online test|सामान्य ज्ञान ऑनलाइन परीक्षा

 यह टेस्ट सामान्य ज्ञान के प्रश्नों से संबंधित है |

इस पत्र श्रंखला में वह प्रश्नन शामिल किए गए हैं जो पिछली अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए हैं|


आप एक टेस्ट प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी तैयारी को परख सकते हैं|

इस प्रश्न श्रंखला में 30 क्वेश्चन पूछे गए हैं जो कि आने वाले सभी कॉन्पिटिशन एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण है|

प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है|

गलत उत्तर के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं है|

टेस्ट स्टार्ट करने के लिए आपको अपना ईमेल एड्रेस डालना अनिवार्य है |

टेस्ट सबमिट करने के पश्चात आप अपना स्कोर एवं सही आंसर देख सकते हैं|

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स्नैप गेज का उपयोग और उसके प्रकार

दोस्तों मेरा नाम है सुनिल कुमार और मैं आज आपको बताऊंगा|स्नैप गेज|snap gauge के उपयोग, स्नैप गेज के प्रकार, तथा स्नैप गेज को यूज करने के तरीके के बारे में|

 स्नैप गेज|snap gauge

स्नैप गेज का प्रयोग बेलनाकार (cylindrical) जॉब के बाहरी व्यास, चौड़े जोब की लंबाई, चौड़ाई और मोटाई चेक करने के लिए किया जाता है|
स्नैप गेज को कैलीपर गेज भी कहा जाता है|

snap-gauge,स्नेप-गेज
snap-gauge


स्नैप गेज के प्रकार|types of snap gauge

स्नैप गेज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है|
1 ठोस स्नैप गेज|solid snap gauge
2. समायोज्य(एडजेस्टेबल) स्नैप गेज|adjustable snap gauge


ठोस स्नैप गेज|solid snap gauge

यह गेज अंग्रेजी के C अक्षर के आकार में बनी होती है|
इसके सिरे सपाट(flat) होते हैं| जो ग्राइंडिंग तथा लैपिंग से परिशुद्ध(accurate) किए हुए होते हैं|

thos-snap-gauge,solid-snap-gauge


स्नैप गेज एक दो मुंह (सिरो) वाली गेज है, जिसमें एक सिरा Go और दूसरा सिरा Not Go होता है|
इसका Go सिरा व्यास की उच्च सीमा(High Limit) के अनुसार तथा Not Go सिरा निम्न सीमा(low limit) साइज से थोड़ी कम साइज का बना होता है|
अनेक ठोस स्नेप गेजौं(solid snap gauges) में एक ही तरफ  Go तथा Not Go सिरे बने होते हैं|
इसके अगले भाग पर जॉब की उच्च सीमा(High Limit) तथा पीछे वाले भाग में निम्न सीमा(low limit) की माप होती है|
किसी जॉब को चेक करते समय  Go वाले सीरे में जॉब जाना चाहिए तथा Not Go वाले सिरे में जॉब नहीं जाना चाहिए|

solid-snap-gauge
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ठोस स्नैप गेज का उपयोग|use of solid snap gauge

ठोस स्नैप गेज का उपयोग किसी बेलनाकार जॉब की बाहरी व्यास तथा आयताकार जॉब की लंबाई, चौड़ाई, और मोटाई, चेक करने के लिए किया जाता है|

समायोज्य(एडजेस्टेबल) स्नैप गेज|adjustable snap gauge

समायोज्य स्नैप गेज भी ठोस स्नैप गेज(solid snap gauge) के समान ही अंग्रेजी के C अक्षर के आकार की बनी होती है|
समायोजन स्नैप गेज के स्नैप गेज की मापन स्थान पर चार गोलाकार निहाई(anvil) फ्रेम के छिद्र में फिट रहते हैं|
इसमें एंनविल का चोड़ा सिरा ही इसकी मापक सतह होती है|
इसके एंन्विल का पेचौं(screw) के द्वारा निहाई का समायोजन करके आवश्यकतानुसार दोनों एन्विलो में बीच के गैप को सेट किया जाता है|
समायोजन स्नैप गेज का फ्रेम ढलाई (casting) द्वारा ड्राप फोर्जिग करके बनाया जाता है|

adjustable-snap-gauge
adjustable-snap-gauge


समायोज्य स्नैप गेज का उपयोग|use of adjustable snap gauge

एडजेस्टेबल स्नैप गेज का उपयोग अलग-अलग साइज के जॉबों की बाहरी माप को चेक करने के लिए किया जाता है|

दोस्तों आपको हमारा आज का पोस्ट कैसा लगा अपने सभी शिकायत और सुझाव के लिए कृपया हमें कमेंट करें
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Fitter theory online exam|फिटर थ्योरी ऑनलाइन एग्जाम

  इस एग्जाम में फिटर थ्योरी के 50 क्वेश्चन पूछे गए यह प्रश्न कटिंग ओजारो से संबंधित है|जोकी अनेक बार आईटीआई एग्जाम और विभिन्न कंपटीशन एग्जाम में पूछे गए हैं

आप यह एग्जाम देकर अपनी तैयारी को परख सकते है|

प्रत्येक प्रश्न एक नंबर का है|

किसी प्रकार का कोई नकारात्मक अंकन नहीं है|

सभी 50 प्रश्नों के लिए 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है इसके बाद एग्जाम अपने आप सबमिट हो जाएगा

एग्जाम शुरू करने के लिए आपको अपना नाम डालना जरूरी है|

एग्जाम सबमिट करने से पहले अगर आपसे रिक्वायर्ड फॉर्म पूरी करने के लिए कहा जाए तो अपना नाम फिर से डाल दें और सबमिट बटन पर क्लिक करें

नाम डालने के बाद नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करते ही एग्जाम स्टार्ट हो जाएगा|

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रिंग गेज और उसके प्रकार

 दोस्तों मेरा नाम है सुनिल कुमार और आज मैं आपको बताऊंगा रिंग गेज के बारे में |रिंग गेज किस प्रकार के गेज होते हैं|रिंग गेज कार्य के अनुसार कितने प्रकार के होते हैं उनकी बनावट कैसी होती है और रिंग गेज को कैसे काम में लिया जाता है|

रिंग गेज|ring gauge

इस प्रकार की गेज से गोलाकार(cylindrical) जॉब बाहरी व्यास मापा जाता है|

रिंग गेज गोलाकार(cylindrical) आकृति की बनी होती है|

जिसमें जांचे जाने वाले जॉब के अनुसार नॉमिनल साइज का एक छेद बनाता है|

रिंग गेज के बाहरी व्यास की सतह नर्ल की हुई होती है|

रिंग गेज के प्रकार|types of ring gauge

तीन प्रकार की रिंग गेज प्रयोग में लाई जाती है|

1. प्लेन रिंग गेज|plain ring gauge

2. टेपर रिंग गेज|taper ring gauge

3. थ्रेड रिंग गेज|thread ring gauge


प्लेन रिंग गेज|plain ring gauge

प्लेन रिंग गेज को सिलैन्डिरिकल रिंग गेज भी कहते हैं|

प्लेन रिंग गेज की रिंग गेज में 2 गेज होती है| जिसमें एक Go तथा दूसरी Not Go होती है|

Go रिंग गेज किसी सिलैंडरिकल जॉब के बाहरी व्यास पर जानी चाहिए तथा Not Go रिंग गेज नहीं जानी चाहिए|

इस प्रकार की रिंग गेजो में Go और Not Go की पहचान के लिए Not Go गेज के ऊपरी व्यास एक झिरी (groove) बना होता है|

तथा Not Go  रिंग गेज की लंबाई Go रिंग गेज से कम होती है|

plain-ring-gauge,प्लेन-रिंग-गेज
plain-ring-gauge


प्लेन रिंग गेज का उपयोग

प्लेन रिंग गेज का उपयोग इंडिकेट गेज के साथ किया जाता है|

इस प्रकार की गैरों का उपयोग बेलनाकार जॉब के बाहरी व्यास को चेक करने के लिए किया जाता है|

टेपर रिंग गेज|taper ring gauge

इस प्रकार की रिंग गेज एक निश्चित लंबाई तथा साइज के टेपर छिद्र युक्त बनी होती हैं|

taper-ring-gauge,टेपर-रिंग-गेज
taper-ring-gauge


उपयोग

इस प्रकार की गेज के द्वारा बेलनाकार (cylindrical) जॉब के बाहरी व्यास पर बनी टेपर को चेक करने के लिए किया जाता है

थ्रेड रिंग गेज|thread ring gauge

इस प्रकार की गेज से किसी बेलनाकार जॉब के बाहरी व्यास पर बनी चूड़ियों को शुद्धता से चेक किया जाता है|

इसमें दो प्रकार की Go रिंग गेज तथा Not Go रिंग गेज होती है|

thread-ring-gauge,थ्रेड-रिंग-गेज
thread-ring-gauge


 Go छेद जॉब के हाई लिमिट तथा Not Go छेद जॉब के लो लिमिट साइज में बना होता है|

 Go रिंग गेज बेलनाकार जॉब की बाहरी व्यास पर बनी चूड़ियों पर जानी चाहिए तथा Not Go रिंग गेज नहीं जानी चाहिए|

इस प्रकार की गेजो में Go तथा Not Go थ्रेड रिंग गेजो की पहचान के लिए Not Go रिंग गेज की बाहरी व्यास की परिधि पर एक झिरी(groove) कटी होती है तथा लंबाई में यह  Go गेज से छोटी होती है|

इस गेज को प्रयोग में लाते समय इसकी चूड़ियों को अच्छी तरह साफ करके हल्के दबाव से प्रयोग करना चाहिए|

प्लग गेज के बारे में जाने


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प्लग गेज और कार्य के अनुसार प्लग गेज के प्रकार

 दोस्तों मेरा नाम है सुनिल कुमार और आज मैं आपको बताऊंगा प्लग गेज के बारे में तथा कार्य के अनुसार प्लग गेज के कितने प्रकार होते हैं  तथा प्लग गेज के उपयोग किसलिए किया जाता है|

प्लग गेज|plug gauge

प्लग गेज का इस्तेमाल किसी कार्य खंड या जॉब मैं बनी आंतरिक माप को चेक करने के लिए किया जाता है|
प्लग गेजो का इस्तेमाल गोलाकार, टेपर, चूड़ीदार, वर्गाकार, आयताकार टेपर, पंचभुज और षट्भुज आकार आदि छेदो को भी शुद्धता में चेक करने के लिए किया जाता है|
किसी आंतरिक व्यास को चेक करने के लिए एक प्लग गेज जिसके सिरे बेलनाकार(cylindrical) आकार मेंGo औरNot Go के रूप में बने होते हैं|
इस गेज के Go सिरे का व्यास छेद की निम्नलिखित सीमा(Lower Limit) की साइज के बराबर और Not Go सिरे का व्यास छेद की उच्च सीमा(Upper Limit) के साइज से थोड़ा अधिक रखा जाता है|
इसके Go सिरे को छेद में प्रवेश कर आते समय यह आसानी से साधारण घर्षण या हल्के दबाव से प्रवेश कर जाता है तो छेद का व्यास ठीक होगा| इसके पश्चात Not Go सिरा डालते हैं वह इस छेद के अंदर नहीं जाना चाहिए|
इसलिए जॉब के छेद का व्यास मैं Go सिरा आसानी से जाना चाहिए और Not Go सिरा छेद में नहीं जाना चाहिए|

plug-gauge,प्लग-गेज
plug-gauge


Go और Not Go सिरे की पहचान कैसे करें

इसकी पहचान के लिए Go सिरा लंम्बा होता है तथा Not Go सिरा लंबाई में छोटा होता है|
कई लिमिट प्लग गेजो में Go और Not Go सिरे एक ही सिरे पर बने होते हैं इस प्रकार की गेजो से चेक करने में समय की बचत होती है इस प्रकार के गेजो से बंद छेद चेक नहीं किए जा सकते हैं इन गेजो का प्रयोग और आर पार(throughout)छेदो को चेक करने में होता है|

कार्य के अनुसार प्लग गेजो के प्रकार|types of plug gauge according to works)

1. बेलनाकार प्लग गेज|cylindrical plug gauge
2. थ्रेड प्लग गेज|thread plug gauge
3. टेपर प्लंग गेज|taper plug gauge
4 फार्म प्लग गेज|form plug gauge

बेलनाकार प्लग गेज|cylindrical plug gauge
cylindrical-plug-gauge,बेलनाकार-प्लग-गेज
cylindrical-plug-gauge

इस प्रकार की गैज सिंगल एंडेड(single ended) तथा डबल एंडेड(double ended) मिलती हैं|
इस प्रकार की डबल एंडेड गेज के दोनों सिरों पर Go और Not Go  गेज लगे होते हैं|
इनका Not Go वाला सिरा लंबाई मेंGo सिरे से छोटा होता है|


इस प्रकार की गेजो में प्रोग्रेसिव प्लग गेज (progressive plug gauge) भी आती है जिसके Go और Not Go सिरे एक ही तरफ बने होते हैं| Go सिरा पहले और Not Go सिरा उसके बाद बना होता है|
बेलनाकर प्लग गेज का उपयोग गोलाकार छिद्र को चेक करने में किया जाता है|

थ्रेड प्लग गेज|thread plug gauge

थ्रेड प्लग गेज मैं भी Go और Not Go बने होते हैं|
इसका भी Not Go वाला सिरा लंबाई में Go सिरे से छोटा होता है|
इसका Go सिरा किसी छेद में बनी चूड़ियों के अंदर प्रवेश करना चाहिए तथा Not Go वाला सिरा प्रवेश नहीं करना चाहिए|

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thread-plug-gauge


इस प्रकार की गेज का उपयोग किसी चूड़ीदार छिद्र जैसे नट आदि को चेक करने के लिए किया जाता है|

टेपर प्लंग गेज|taper plug gauge

इस प्रकार की गेज में एक ही सिरे पर गेज निश्चित लंबाई में टेपर में बनी होती है|
इस प्रकार की गेज निश्चित साइज के टेपर छिद्र के लिए बनाई जाती है|

taper-plug-gauge,टेपर-प्लग-गेज
taper-plug-gauge


इस प्रकार की गेजो का उपयोग टेपर छिद्रों को चेक करने के लिए किया जाता है|

फार्म प्लग गेज|form plug gauge

इस प्रकार की प्लग गेज विशेष कार्य के लिए विशेष प्रकार की बनाई जाती है
इस प्रकार की प्लग गेज जैसे वर्गाकार षट्भुज आकार अष्टभुजाकार आकृति में बनी होती है
इस प्रकार की गेजो का उपयोग अलग-अलग आकृति में बने छिद्रों को चेक करने के लिए किया जाता है|

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Fitter theory, cutting tools online test|कटिंग टूल ऑनलाइन टेस्ट

 फिटर थ्योरी का यह सामान्य online test है

इस टेस्ट में कृतन औजारों(cutting tools) से संबंधित प्रश्न पूछे गए हैं अभी इसमें कोई टाइम लिमिट निर्धारित नहीं है

आप अपना टाइम ले सकते हैं|टेस्ट को सबमिट करने के बाद आप अपने दिए गए आंसर अपना स्कोर तथा सही आंसर देख पाएंगे|

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गेज का आकार, धातु, और शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर गेज के प्रकार

 हेलो दोस्तों मेरा नाम है सुनिल कुमार और मैं आज आपको बताऊंगा| गेज के इस्तेमाल के लाभ के बारे में साथ ही गेज के आकार और उसकी धातु कौन सी होती है तथा शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर यह कितने प्रकार के होते हैं|

गेज का परिचय|introduction of gauge

अधिकतर कारखानों में एक ही साइज और आकृति के पार्ट्स का उत्पादन अधिक संख्या में होता है|उन्हें चेक करने के लिए गेजों का इस्तेमाल किया जाता है|
इन सभी पार्ट्स को चेक करने के लिए स्टील रूल वर्नियर कैलीपर वर्नियर माइक्रोमीटर आदि का इस्तेमाल किया जा सकता ह परंतु इनसे समय अधिक लगता है और बार-बार चेक करने से समय नष्ट होने के कारण उनकी कीमत बढ़ जाती है अधिक (सैकड़ों) पुर्जों को चेक करने में गलती होने की संभावना भी रहती है| इसलिए एक ही साइज के बहुत सारे पार्ट्स को चेक करने के लिए हम गेज का उपयोग करते हैं|

गेज का आकार एवं धातु|shape and material of gauge

अलग-अलग कार्य के अनुसार गेज इस प्रकार से बनाई जाते हैं| कि उनसे किसी कार्य खंड या जॉब की लंबाई, मोटाई, कौणीय सतह, छेद तथा आंतरिक एवं बाहरी चूड़ियां चेक करने के लिए किया जा सके|
कम उपयोग में आने वाली गेज हाई कार्बन स्टील (high Carbon Steel) की बनी होती है और इनको कठोर करके ग्राइंड (grind) कर लिया जाता है|
जिन गेजों का इस्तेमाल अधिक होता है और जिनके घिसने का डर रहता है, उन्हें क्रोमियम स्टील या वैनेडियम स्टील से बनाया जाता है| और उनकी इलेक्ट्रोप्लेटिंग की जाती है|

इलेक्ट्रोप्लेटिंग क्या है?

गेजो को जल्दी-जल्दी किसने से बचाने के लिए उनकी चेकिंग सतह (गेजिंग सतह) पर क्रोमियम की एक परत चढ़ा देते हैं, जिसे इलेक्ट्रोप्लेटिंग कहते हैं|इसके बाद गेज की ग्राइंडिंग तथा लैपिंग करके उसे परिशुद्ध बना लिया जाता है|


शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर गेज के प्रकार|types of gauge according to accuracy and use


शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर गेंजों को चार प्रकार से विभाजित किया जा सकता है|
1. वर्कशॉप गेज|workshop gauge
2. इंस्पेक्शन गेज|inspection gauge
3. रेफरेंस गेज|reference gauge
4. रेडियस गेज|radius gauge

वर्कशॉप गेज|workshop gauge

इस प्रकार के गैजों का इस्तेमाल कार्यशाला (workshop) में कारीगर द्वारा कार्य करते समय किया जाता है|
इस प्रकार के गेजों की टोलरेंस अपेक्षाकृत  इंफेक्शन गेजों तथा रिफरेंस गेजो से कम रखी जाती है|

इंस्पेक्शन गेज|inspection gauge

इंस्पेक्शन गेजों का इस्तेमाल वर्कशॉप गेजो की सूक्ष्मता(accuracy) को चेक करने के लिए प्रोडक्शन इंस्पेक्टर के द्वारा किया जाता है|

रिफरेंस गेज|reference gauge

रिफरेंस गैजों का इस्तेमाल इंस्पेक्शन गेजों तथा वर्कशॉप गेजो की क्षमता को चेक करने के लिए किया जाता है|
इनको मास्टर गेज या कंट्रोल गेज भी कहते हैं|

रेडियस गेज|radius gauge

रेडियस गेज को फिलेट  गेज भी कहते है|
इस गेज के द्वारा किसी कार्य खंड या जॉब भीतरी या बाहरी रेडियस चेक की जाती है
यह सेट के रूप में पाई जाती है, जिसमें रेडियस के अनुसार कई ब्लेड होती है| इन ब्लेडों को एक नट और एक पेच की सहायता से एक होल्डर में फिट कर दिया जाता है|
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रेडियस गेज का साइज

भारतीय स्टैंडर्ड के अनुसार 0.6 मिलीमीटर से 25 मिलीमीटर तक साइज में पाई जाती है|
यह तीन सेटों के रूप में मिलती है
1. 0.6से0.8 मिलीमीटर
2. 1 से 6 मिलीमीटर 1,1.2,1.6,2.5,3,4,5,6 मिलीमीटर
3. 8 से 25 मिलीमीटर 8,10,12,14,16,18,20,22,25 मिलीमीटर

गेजों के इस्तेमाल के लाभ|advantage of gauge use

1. समय की बचत|time saving
2. बर्बादी से बचत|wastage saving
3. इंटरचेन्जेबिलिटी|interchangeability
4. वर्गीकरण करना|classification

समय की बचत|time saving

गेजों की सहायता से कम समय में अधिक संख्या में कार्यखण्ड या जॉब को चेक किया जा सकता है|

बर्बादी से बचत|wastage saving

कारीगर के द्वारा जॉब या कार्यखण्ड को चेक करने से गलत जॉब नहीं बन सकता जिससे धातु बर्बाद होने से बच जाती है|

इंटरचेन्जेबिलिटी|interchangeability

इंटरचेन्जेबिलिटी से पार्ट्स को अदला-बदली करने लायक बनाने में आसानी होती है|
तथा इंटरचेन्जेबिलिटी से शुद्धता आती है जिसके कारण पार्ट्स को जोड़ते समय सही-सही जुड़ते हैं|

वर्गीकरण करना|classification

गेज का इस्तेमाल करने से असेंबलिंग करते समय पार्ट्स का वर्गीकरण आसानी से किया जा सकता है|

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भीतरी(इनसाइड) माइक्रोमीटर का संपूर्ण अध्ययन|inside micrometer

 भीतरी माइक्रोमीटर|inside micrometer

इस माइक्रोमीटर का प्रयोग किसी स्लोट, ग्रुव(groove) छेद या बोर के आंतरिक व्यास या आंतरिक माप को सूक्ष्मता से जांच करने के लिए किया जाता है|

भीतरी माइक्रोमीटर का सिद्धांत|principle of inside Micrometer

यह माइक्रोमीटर लीड तथा पिच अथवा नट और बोल्ट किस सिद्धांत पर कार्य करता है|

भीतरी माइक्रोमीटर का अल्पतमांक|inside Micrometer least count

इस माइक्रोमीटर का अल्पतमांक मीट्रिक प्रणाली में 0.01 मिलीमीटर तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.001 इंच होता है इस प्रकार के माइक्रोमीटर के द्वारा कम से कम 2 इंच तथा मीट्रिक प्रणाली में कम से कम 50 मिलीमीटर दूरी की मांप को चेक किया जा सकता है|

भीतरी माइक्रोमीटर के भागों के नाम|inside Micrometer parts name

Inside-micrometer-parts-name,inside-micrometer-ke-bhago-ke-naam
Inside-micrometer-parts-name


1. स्लीव या बैरल|sleeve or barel
2. थिंबल| thimble
3. एंन्विल|anvil
4. स्पेसिंग कॉलर|spacing collar
5. लोकिंग स्क्रू|locking screw
6. विस्तार छड़|extension road
7. हत्था|Handile

भीतरी माइक्रोमीटर के प्रकार|types of inside Micrometer

इंसाइड माइक्रोमीटर दो प्रकार के होते हैं
1. मीट्रिक भीतरी माइक्रोमीटर
2 ब्रिटिश भीतरी माइक्रोमीटर

मीट्रिक भीतरी माइक्रोमीटर

इसके A सेट में 6 विस्तार छड़ तथा एक 12 मिलीमीटर स्पेसिंग कॉलर होता है इससे 50 मिलीमीटर से 200 मिली मीटर तक की मांप ले सकते हैं|
इसके B सेट में 10 विस्तार छड़ तथा 12 मिली मीटर का एक स्पेसिंग कोलर होता है इससे 50 मिलीमीटर से 300 मिली मीटर तक की माप ले सकते हैं|
इसके C सेट में 4 विस्तार छड़ तथा दो 25 मिली मीटर 25 मिली मीटर लंबाई की स्पेसिंग कोलर होते हैं इसके द्वारा  200 मिली मीटर से 800 मिली मीटर तक की माप ली जा सकती है|

ब्रिटिश भीतरी माइक्रोमीटर

इस माइक्रोमीटर के पहले 2 इंच से 2 सही 1 बटा 2 इंच तक मापा जा सकता है यदि 2 सही 1 बटा 2 इंच से 3 इंच तक मामले ना हो तो 1 बटा 2 इंच का स्पेसिंग कोलर लगा दिया जाता है|
इससे भी बड़ी साइज की माप लेनी हो तो दूसरी विस्तार छड़ लगाई जाती है|
विस्तार छड़ की संख्या तथा माइक्रोमीटर की परास(Range) का दायरा अलग अलग होता है|
इसके A सेट में 6 विस्तार छड़ तथा 1 बटा 2 इंच का स्पेसिंग कोलर होता है|इसके द्वारा 2 इंच से 8 इंच तक की माप ले सकते हैं|
इसके B सैट में 10 विस्तार छड़ तथा 1 बटा 2 इंच का एक स्पेसिंग कोलर होता है इसके द्वारा 2 इंच से 12 इंच तक की माप ले सकते हैं|
इसके C सैट में 4 विस्तार छड़ तथा 1 इंच और 2 इंच की दो स्पेशल कोलर होती हैं इसके द्वारा 8 इंच से 32 इंच तक की माप की ले सकते हैं|

भीतरी माइक्रोमीटर की परिशुद्धता चेक करना

भीतरी माइक्रोमीटर की परिशुद्धता चेक करने के लिए उसे एक निश्चित पाठयांक तक खोलकर आउटसाइड माइक्रोमीटर की सहायता से चेक कर लेना चाहिए|
यदि दोनों माइक्रोमीटर का पाठयांक एक समान हो तो भीतरी माइक्रोमीटर परिशुद्ध तथा ठीक होता है|

छोटा भीतरी माइक्रोमीटर|small inside Micrometer

इस प्रकार के माइक्रोमीटर के स्लीव या बैरल और थिंबल आउटसाइड माइक्रोमीटर की तरह ही होते हैं|
लेकिन एंन्विल और स्पिंडल के स्थान पर वर्नियर कैलीपर की तरह तो जबड़े होते हैं|
इनकी जबड़ों के सिरे बहुत पतले होते हैं, इसलिए इन्हें निब कहते हैं|
इसकी स्लीव या बैरल पर विपरीत दिशा में अंशांकन किया जाता है|
छोटा भीतरी माइक्रोमीटर का उपयोग छोटे-छोटे छेदो एवं सलाटो की माप लेने के लिए किया जाता है|
मीट्रिक प्रणाली के इस प्रकार के माइक्रोमीटर से कम से कम 5 मिलीमीटर व्यास के तथा अधिक से अधिक 25 मिलीमीटर व्यास के छेद को चेक किया जा सकता है|
इस प्रकार के माइक्रोमीटर 5 से 25 मिलीमीटर तथा 25 से 50 मिलीमीटर तथा 50 से 75 मिलीमीटर तथा 75 से 100 मिलीमीटर मांप की सीमा में मिलते है|


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माइक्रोमीटर की शुन्य त्रुटि और ठीक करने की विधियां|micrometer zero error

शुन्यांक त्रुटि|zero error

माइक्रोमीटर की शुन्यांक त्रुटि चेक करने के लिए माइक्रोमीटर के स्पिंडल को रैचेट की सहायता से एन्विल के संपर्क में लाकर यह देखा जाता है कि थिंबल की शुन्य स्लीव या बैरल कि डेटम लाइन के साथ मिल रही है अथवा नहीं|
यदि थिंबल की शुन्य डेटम लाइन के एकदम सामने मिल रही है तो माइक्रोमीटर में कोई भी शुन्यांक त्रुटि नहीं है|
यदि थिंबल की शुन्य डेटम लाइन के एकदम सामने नहीं मिल रही है तो माइक्रोमीटर में  शुन्यांक त्रुटि अवश्य है|

शुन्यांक त्रुटि के प्रकार|types of zero error

शुन्यांक त्रुटि दो प्रकार की होती है
1. धनात्मक त्रुटि|positive error
2. ऋणात्मक त्रुटि|negative error

धनात्मक त्रुटि|positive error

यदि थिंबल की शुन्य स्लीव की डेटम लाइन से पीछे रह जाती है तो इसे धनात्मक त्रुटि कहते हैं|
इसे पाठ्यांक लेने के पश्चात कुल पाठ्यांक मैं से घटाकर सही रीडिंग ज्ञात कर लेते हैं|

ऋणात्मक त्रुटि|negative error

यदि थिंबल की शुन्य स्लीव की डेटम लाइन से आगे बढ़ जाती है तो ऐसी ऋणात्मक त्रुटि कहते हैं|
इसे पाठयांक लेने के पश्चात कुल पाठयांक में जोड़कर सही  रीडिंग ज्ञात कर लेते हैं|

शुन्यांक त्रुटि ठीक करने की विधियां|method of of removing zero error

शुन्यांक त्रुटि दो विधियों से ठीक की जा सकती है
1. सी स्पिनर के द्वारा|by C spanner
2. एन्विल स्क्रू के द्वारा|by anvil screw

सी स्पिनर के द्वारा|by C spanner

माइक्रोमीटर के स्लीव या बैरल पर बने छेद में सी-स्पेनर को फसा कर शुन्य त्रुटि ठीक की जा सकती है|

एन्विल स्क्रू के द्वारा|by anvil screw

कुछ माइक्रोमीटर की शुन्य त्रुटि को एंन्विल स्क्रू को समायोजित करके ठीक किया जा सकता है

टेस्ट पीस(test piece)

यह एक अलांय स्पात का गोल आकार में बना एक पीस होता है यह अच्छी तरह से ग्राइण्ड किया हुआ एवं हार्ड एवं टेम्पर  किया हुआ होता है यह कई साइज में मिलते हैं|
जैसी 25 मिलीमीटर 50 मिलीमीटर तथा 1 इंच,2इंच
इसका उपयोग माइक्रोमीटर में शुन्यांक त्रुटि चेक करने के लिए किया जाता है|

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गहराई माइक्रोमीटर|depth micrometer

 गहराई माइक्रोमीटर |depth micrometer

डेप्थ माइक्रोमीटर की द्वारा इसी कार्यखण्ड या जॉब के स्लॉट छेद या ग्रूव की गहराई को 0.01 की शुद्धता मैं मापा जा सकता है|

इसमें फ्रेम के स्थान पर स्टील का आधार लगा होता है|

इसकी फ्रेम के साथ अलग-अलग गहराई मापने के लिए विस्तार छड़(extension road)का सेट होता है प्रत्येक विस्तार छड़ पर उसका साइज लिखा हुआ होता है|

Depth Micrometer, गहराई माइक्रोमीटर,
Depth Micrometer


इस प्रकार की माइक्रोमीटर के स्लीव या बैरल पर ग्रेजुएशन विपरीत दिशा से शुरू होती है और शुन्य सबसे ऊपर होती है|

माइक्रोमीटर लीड और पिच अथवा नट और बोल्ट के सिद्धांत पर कार्य करता है|

डेप्थ माइक्रोमीटर का अल्पतमांक|depth micrometer least count

गहराई माइक्रोमीटर का अल्पतमांक मीट्रिक प्रणाली में 0.01 मिलीमीटर होता है तथा ब्रिटिश प्रणाली में गहराई माइक्रोमीटर का अल्पतमांक 0.001 इंच होता है|


Depth micrometre ke bhago ke naam|depth micrometre parts name

Depth-Micrometer-parts-name, डेप्थ माइक्रोमीटर के भागों के नाम


1. आधार|base

2. स्लीव या बैरल|sleeve aur barel

3. थिंबल|thimble

4. गहराई रोंड|death road

5. रैचट|ratcht

6. लॉक रिंग|lock ring

गहराई माइक्रोमीटर के लिए अंशांकन|depth micrometre graduation

गहराई माइक्रोमीटर की ग्रेजुएशन दो प्रकार से पढ़ी जा सकती है 1.मैट्रिक गहराई माइक्रोमीटर के लिए ग्रेजुएशन और 2. ब्रिटिश गहराई माइक्रोमीटर के लिए ग्रेजुएशन


मैट्रिक गहराई माइक्रोमीटर के लिए ग्रेजुएशन|graduation of metric system for micrometre

इस प्रणाली में गहराई माइक्रोमीटर पर आउटसाइड माइक्रोमीटर की तरह ही ग्रेजुएशन बनी होती है परंतु अंतर केवल इतना होता है कि इसकी ग्रेजुएशन आउटसाइड माइक्रोमीटर की अपेक्षा विपरीत दिशा में शुरू होती है|

इसकी ग्रेजुएशन स्लीव पर आधार की ओर से शुरू होती है जैसे 25,20,15,10,5,0 आदि निशान और थिंबल पर 50,45,40,35,30,25,20,15,10,5,0 आदि निशान अंकित होते है|

मीट्रिक प्रणाली में गहराई माइक्रोमीटर की विस्तार छड़ 25 मिलीमीटर की रेंज में पाई जाती है|

जैसे-0 से 25 मिलीमीटर,25 से 50 मिलीमीटर आदि|

गहराई माइक्रोमीटर के लिए ब्रिटिश प्रणाली में ग्रेजुएशन|graduation of British system for depth micrometer

इसकी स्लीव या बैरल पर इसके आधार(base) की ओर से 0,9,8,7,6,5,4,3,2,1 आदि निशान और थिंबल पर 0,20,15,10,5 आदि निशान अंकित रहते हैं|

ब्रिटिश गहराई माइक्रोमीटर 0 से 6 इंच सेट वाला प्रयोग में लाया जाता है|जिससे 0"से 1",1"से2"  2"से 3",3"से 4",4"से 5",5"से 6"साइज की 6 विस्तार छड़ (extension road) आती है|

गहराई माइक्रोमीटर की परिशुद्धता चेक करना|depth micrometer accuracy

गहराई माइक्रोमीटर से कार्य करने से पहले इसकी सुन्यांक त्रुटि अवश्य चेक करनी चाहिए

इसका जीरो एरर चेक करने के लिए 0.25 मिली मीटर की गहराई छड़ को माइक्रोमीटर के साथ फिट करके माइक्रोमीटर के आधार को सरफेस प्लेट के ऊपर रखकर इसके रेचट की सहायता से थिंबल को घुमाना चाहिए

जब गहराई छड सतह के साथ स्पर्श करेगी तो थिंबल घूमना बंद कर देता है

इसके बाद यह देखना चाहिए कि थिंबल की शुन्य स्लीव या बैरल की डेटम लाइन की सिध मैं है अथवा नहीं

यदि थिंबल की 0 स्लीव की डेटम लाइन के आगे या पीछे रह जाती है तो समझना चाहिए कि माइक्रोमीटर में शुन्य त्रुटि है|

इसे ठीक करके ही माइक्रोमीटर काम में लेना चाहिए|


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क्यों जरूरी है डिजिटल माइक्रोमीटर

 क्यों जरूरी है डिजिटल माइक्रोमीटर

इस माइक्रोमीटर के द्वारा छोटी से छोटी माप को ज्ञात किया जा सकता है तथा इसमें लगी डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से इससे काफी पारदर्शी एवं परिशुद्ध माप लिया जाता है डिजिटल माइक्रोमीटर से माप लेने पर माप को पढ़ने और समझने मैं आसानी रहती है
डिजिटल माइक्रोमीटर से रीडिंग लेते समय त्रुटि की संभावना ना के बराबर रहती है

डिजिटल माइक्रोमीटर|digital micrometer

यह एक विशेष प्रकार का आधुनिक माइक्रोमीटर होता है इसके फ्रेम पर लॉकिंग स्क्रु के नीचे एक डिजिटल डायल लगा होता है जिसे डिजिटल काउंटर कहते हैं|

Digital micrometer, डिजिटल माइक्रोमीटर,
Digital micrometer


इस डिजिटल काउंटर पर रैचट तथा थिंबल द्वारा लिया गया माप अंकित होता है क्योंकि डिजिटल काउंटर का संबंध गियरो द्वारा माइक्रोमीटर के स्पिंडल से होता है
इस प्रकार की माइक्रोमीटर से पाठयांक सुविधा पूर्वक पढ़ सकते हैं क्योंकि कार्य खंड या जॉब की माप डिजिटल काउंटर पर स्वयं अंकित हो जाती है जिससे समय की बचत भी होती है|
इस माइक्रोमीटर से पाठयांक(reading) लेते समय भूल की संभावना नहीं रहती है क्योंकि इससे पाठयांक लेने से पहले ही त्रुटि ठीक कर दी जाती है|

डिजिटल माइक्रोमीटर का अल्पतमांक|least count of digital micrometer

इस माइक्रोमीटर का अल्पतमांक(least count) मीट्रिक प्रणाली में 0.01 मिलीमीटर तथा इससे भी अधिक परिशुद्धता में 0.001 मिलीमीटर होता है|
तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.001 इंच तथा इससे भी अधिक परिशुद्धता में 0.0001 इंच होता है|

माइक्रोमीटर के बारे में और अधिक जाने click here

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वर्नियर माइक्रोमीटर|vernier micrometer

 वर्नियर माइक्रोमीटर|vernier micrometer

इस प्रकार का माइक्रोमीटर साधारण आउटसाइड माइक्रोमीटर की तरह होता है अंतर केवल इतना है कि इसके स्लीव या बैरल पर डेटम लाइन के समांतर 10 रेखाएं अंकित होती हैं|इसे ही वर्नियर पैमाना कहते हैं|
मीट्रिक वर्नियर माइक्रोमीटर में यह 10 रेखाएं(line) थिंबल के 9 भागों के या 0.09 मिलीमीटर के बराबर होती है|
इस प्रकार की माइक्रोमीटर के द्वारा 1/1000 मिलीमीटर या 0.001 मिली मीटर की परिशुद्धता में माप ले सकते हैं|
अर्थ अर्थ मीट्रिक वर्नियर माइक्रोमीटर का अल्पतमांक 0.001 मिलीमीटर होता है|
ब्रिटिश वर्नियर माइक्रोमीटर में भी स्लीव या बैरल की डेटम लाइन के समांतर 10 रेखाएं अंकित होती हैं जिसे बर्नियर पैमाना (vernier scale) कहते हैं|यह 10 रेखाएं थिंबल केेेेे 9 भागों के बराबर होती है|
 ब्रिटिश प्रणाली में बर्नियर पैमाने के 10 भाग=0.009
ब्रिटिश प्रणाली में वर्नियर माइक्रोमीटर के द्वारा कम से कम 1/10000 इंच अथवा 0.0001 इंच की परिशुद्धता में मापा जा सकता है|
अर्थात इस प्रणाली में अल्पतमांक(least count)0.0001 इंच होता है

Vernier micrometer, vernier micrometre


वर्नियर माइक्रोमीटर का सिद्धांत|principle of vernier Micrometer

वर्नियर माइक्रोमीटर 2 सिद्धांतों पर आधारित होता है|
1. यह नट और बोल्ट के सिद्धांत पर कार्य करता है तथा
2. यह दो पैमानों (मुख्य पैमाना व वर्नियर पैमाना) के अंतर के सिद्धांत पर कार्य करता है

वर्नियर माइक्रोमीटर के अल्पतमांक निकालने का सूत्र|Vernier micrometer least count formula

निम्नलिखित सूत्र के द्वारा आप माइक्रोमीटर का लिस्ट काउंट निकाल सकते हैं|
अल्पतमांक(least count)=पिच/वृत्ताकार पैमाने पर कुल भाग×बर्नियर पैमाने के भाग

माइक्रोमीटर का उपयोग|use of  micrometer

जब हमें बहुत ही सटीक माप की आवश्यकता होती है तो हम एक माइक्रोमीटर का उपयोग करेंगे। मापने की आवश्यकता के आधार पर कई अलग-अलग प्रकार के माइक्रोमीटर हैं। यह बाहर से किसी पाइप, उपकरण या वस्तु के आकार का हो सकता है। यह एक पाइप, आकार या अन्य खोखली वस्तु की अंदर की चौड़ाई हो सकती है। या यह एक छेद या अवकाश की गहराई हो सकती है।
यह वे उपकरण हैं जिन तक आप पहुंचेंगे जब सटीकता सबसे महत्वपूर्ण कारक है। चलती भागों वाली मशीनों के लिए यह अक्सर सच होता है। उदाहरण के लिए, पिस्टन के तरह एक दूसरे से अंदर और बाहर जाने वाले भागों को एक स्थिर, सीधी रेखा में रहने की आवश्यकता होती है। यदि इन भागों में थोड़ा सा भी अंतर है, तो वे विफल होना शुरू कर सकते हैं। यह अन्य अनुप्रयोगों में भी सच है, जैसे कि बीयरिंग का उपयोग। अन्य अनुप्रयोग जिन्हें सबसे सटीक माप की आवश्यकता होती है, वे हैं पाइप फिटिंग- खासकर यदि पाइप बहुत छोटे और हल्के अणुओं जैसे हीलियम के साथ गैसों को स्थानांतरित कर रहा हो। शीट धातुओं जैसी वस्तुओं की मोटाई को मापने के लिए माइक्रोमीटर ही पसंदीदा उपकरण हैं। माइक्रोमीटर के द्वारा हम किसी भी उपकरण को या जॉब को बारीकी से माप सकते हैं|

माइक्रोमीटर को कैसे पढ़ें?|how to read micrometer?

किसी भी माप के लिए उपयोग करने से पहले यह जांचना महत्वपूर्ण है कि माइक्रोमीटर अंग्रेजी है या मीट्रिक है अथवा नहीं। सुनिश्चित करें कि आप एक ऐसे उपकरण का उपयोग कर रहे हैं जिसमें माप की वही इकाई (मैट्रिक या ब्रिटिश) है जिसके साथ आप पहले से काम कर रहे हैं।
अधिकांश माइक्रोमीटर एक इंच (0.001") के 1000वें हिस्से को पढ़ सकते हैं।
लेकिन वर्नियर माइक्रोमीटर एक इंच के 10000वें हिस्से (0.0001") तक पढ़ सकते हैं।
एक बार माइक्रोमीटर को उचित माप में घुमाने के बाद, माप लिया जा सकता है। इसके लिए स्पिंडल और थिम्बल पर अंकित किए गए नंबरों को एक साथ जोड़ने की आवश्यकता होती है जो आपको सटीक माप देगा। माइक्रोमीटर के प्रकार और डिज़ाइन के आधार पर आप जो नंबर चाहते हैं उस माप को आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं|

माइक्रोमीटर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें   माइक्रोमीटर

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आउटसाइड माइक्रोमीटर|Outside micrometer

आउटसाइड माइक्रोमीटर|Outside micrometers

इस प्रकार के माइक्रोमीटर का उपयोग किसी कार्यखण्ड या जॉब के बाहरी व्यास अथवा बाहरी माप चेक करने के लिए किया जाता है|
Outside-micrometer, बहारी माइक्रोमीटर
Outside micrometer

इस प्रकार के माइक्रोमीटर के द्वारा मीट्रिक प्रणाली में 0.01 मिलीमीटर की शुद्धता में तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.001 इंच की शुद्धता में मापा जा सकता है
इस प्रकार की माइक्रोमीटर लीड तथा पिच सिद्धांत पर कार्य करते हैं

 माइक्रोमीटर|micrometer

माइक्रोमीटर एक सूक्ष्म मापी यंत्र होता है

इसके द्वारा किसी कार्यखंड या जॉब को मीट्रिक प्रणाली में 0.01 मिलीमीटर या इससे भी अधिक परिशुद्धता में 0.001 मिलीमीटर की सूक्ष्मता से चेक किया जा सकता है तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.001 इंच तक चेक किया जा सकता है|

माइक्रोमीटर का सिद्धांत|principle of micrometer

माइक्रोमीटर लीड और पिच किस सिद्धांत पर कार्य करता है| या यू कहे की नट और बोल्ट के सिद्धांत पर कार्य करता है|


आउटसाइड माइक्रोमीटर की भागों के नाम|parts name of outside micrometer

1. फ्रेम|frame
2. स्पिंडल|spindle
3. स्लीव या बैरल|sleeve or barel
4. एन्विल|anvil
5. थिंम्बल|thimble
6. रैचेट स्टॉप|ratchet stop
7. लॉक नट|lock nut

फ्रेम|frame

यह एक C के आकार का फ्रेम है यह एक कठोर हिस्सा है जिसमें किसी जॉब या वस्तु को मापने के लिए दोनों होल्डिंग पॉइंट होते हैं। इसका आकार माइक्रोमीटर मापने की सीमा पर निर्भर करता है इसलिए सी फ्रेम का आकार बढ़ता है क्योंकि सीमा बड़ी हो जाती है।
इसका मुख्य कार्य एक माइक्रोमीटर की बुनियादी संरचना प्रदान करना है जिसमें एक छोर पर स्थित स्थिर निहाई और चलने योग्य धुरी सी फ्रेम के दूसरे छोर से अंदर या बाहर की ओर स्लाइड करती है।

स्पिंडल( धुरी)|spindle

यह सामान्यत क्रोमियम स्टील का बना होता है
यह एक बेलनाकार लंबा हिस्सा जो अन्य सभी भागों आस्तीन, लॉक नट और थिम्बल के माध्यम से जुड़ा होता है। यह चलने योग्य हिस्सा है और इसका शाफ़्ट के साथ संबंध है क्योंकि हम शाफ़्ट को दक्षिणावर्त घुमाते हैं या वामावर्त घुमाते हैं, धुरी वस्तु के आकार की तुलना में इसे समायोजित करने के लिए बाहर या अंदर की ओर स्लाइड करती है।

स्लीव या बैरल|sleeve or barel

यह एक बैरल प्रकार का बेलनाकार भाग है जो धुरी पर लगा होता है और माइक्रोमीटर का मुख्य पैमाना होता है क्योंकि आस्तीन पर मुख्य पैमाना उकेरा जाता है। थिम्बल के नीचे और धुरी के चारों ओर घूमता है। इसका मुख्य कार्य बाहरी माइक्रोमीटर के मामले में मिलीमीटर में पढ़ने का संकेत है यह क्रोमियम स्टील का बना होता है|

एन्विल|anvil

यह क्रोमियम स्टील से बना होता है|  यह माइक्रोमीटर का एक छोटा स्थिर बेलनाकार हिस्सा है जो सी-फ्रेम के दूसरे छोर में स्थित है और वस्तुओं को मापने के लिए एक होल्डिंग पॉइंट के रूप में कार्य करता है। तो हम कह सकते हैं कि यह माइक्रोमीटर के कठोर माप और धारण बिंदु में से एक है|

थिंम्बल|thimble

थिम्बल को स्पिंडल  के साथ जोड़ा है और थिम्बल की परिधि के चारों ओर एक पैमाना लिखो जाता है। थिम्बल का कार्य पैमाना अंश में माप का मान दिखाना है।

रैचेट स्टॉप|ratchet stop

यह थिंबल की एक सिरे से जुड़ा होता है यह मापने की प्रक्रिया के लिए स्पिंडल को वांछित दिशा में घुमाने के लिए एक घुंघराला थंब ग्रिप है, जिसमें मापने वाली वस्तु में माइक्रोमीटर के अधिक कसने से बचने के लिए लचीली क्रिया प्रदान की जाती है और यह प्रत्येक माप के समान दबाव बल भी सुनिश्चित करता है।
जैसे ही पाठयाक सही आता है तो रैचेट की सहायता से दो बार चट चट की आवाज लेनी चाहिए|

लॉक नट|lock nut

पाठयांक लेने के बाद स्पिंडल को लॉक करने के लिए एक लॉक नट लॉकिंग युक्ति का प्रयोग किया जाता है यह फे्म के साथ जुड़ा होता है|

माइक्रोमीटर की परास|micrometer range

माइक्रोमीटर की द्वारा ली जाने वाली मांप की सीमा को ही माइक्रोमीटर की परास कहते हैं
बाहरी माइक्रोमीटर विभिन्न प्रकार के स्पिंडल और एविल कॉन्फ़िगरेशन में उपलब्ध हैं ताकि ऑपरेटर को वर्कपीस पर मुश्किल-से-पहुंच सुविधाओं को मापने की अनुमति मिल सके। एक विशिष्ट आउटसाइड माइक्रोमीटर पर मापने की सीमा 1" (25 मिमी) होती है। कुछ विशेष अनुप्रयोग माइक्रोमीटर में 1" (25 मिमी) से छोटी या अधिक सीमा होती है। वाइड रेंज आउटसाइड माइक्रोमीटर (विनिमेय एविल माइक्रोमीटर) उपलब्ध हैं और एक ही रेंज (आमतौर पर एक 6 "रेंज) को कवर करने के लिए अलग-अलग माइक्रोमीटर की लागत की तुलना में एक माइक्रोमीटर सेट की लागत को कम करते हैं।
माइक्रोमीटर मानकों का उपयोग माइक्रोमीटर पर शून्य-ओपनिंग स्थिति को सत्यापित करने करने के लिए किया जाता है, जब माइक्रोमीटर स्पिंडल माइक्रोमीटर एविल से संपर्क नहीं करता है, जैसे कि 1" (25 मिमी) से अधिक माइक्रोमीटर|
माइक्रोमीटर की परास निशानों के रूप में स्लीव या बैरल पर अंकित की जाती है इसके अलावा इसके फ्रेम पर भी लिखी हुई होती है|

माइक्रोमीटर कैसे पढ़ें|how to read micrometer

स्लीव या बैरल पर निशान लाइनों के दो सेट के रूप में मिलते हैं
स्पिंडल पर सटीक ग्राउंड थ्रेड एक माइक्रोमीटर की उच्च सटीकता और रिज़ॉल्यूशन का आधार है। एक अंग्रेजी माइक्रोमीटर स्पिंडल 40 TPI का उपयोग करता है। स्पिंडल की एक क्रांति मापने वाले चेहरे को .025 तक आगे बढ़ाती है। स्लीव को हर .025" में ग्रैजुएट किया जाता है और थिम्बल को हर .001" में ग्रेजुएट किया जाता है। माइक्रोमीटर रीडिंग .0001"।
एक माइक्रोमीटर स्लीव को 40 बराबर भागों में बांटा गया है। प्रत्येक विभाजन को एक ऊर्ध्वाधर रेखा द्वारा इंगित किया जाता है जो एक इंच या .025 के चालीसवें हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक चौथी पंक्ति को एक लंबी रेखा और एक संख्या द्वारा चिह्नित किया जाता है जो एक सौ-हजारवें हिस्से को दर्शाता है। उदाहरण: आस्तीन पर रेखा "1" के रूप में चिह्नित है ".100" का प्रतिनिधित्व करता है, "2" के रूप में चिह्नित लाइन .200 का प्रतिनिधित्व करती है|
माइक्रोमीटर थिम्बल को 25 बराबर भागों में बांटा गया है। थिम्बल का एक पूरा घुमाव आस्तीन पर सबसे छोटे विभाजन के साथ मेल खाता है। इस प्रकार, थिम्बल पर विभाजन .025" या .001" का पच्चीसवां हिस्सा है।
एक 10000 को पढ़ने के लिए एक अतिरिक्त पैमाने की आवश्यकता होती है जिसे वर्नियर स्केल कहा जाता है। एक नियमित माइक्रोमीटर के मामले में, वर्नियर में 10 डिवीजन होते हैं, जो स्लीव पर चिह्नित होते हैं, जो थिम्बल स्केल के 9 डिवीजनों के भीतर होते हैं। इसलिए, वर्नियर पर प्रत्येक विभाजन थिम्बल की तुलना में एक 10 वा हिस्सा छोटा है, इस प्रकार .0001 का प्रतिनिधित्व करता है।

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वर्नियर कैलीपर|Vernier caliper|वर्नियर हाइट गेज|vernier height gauge

 वर्नियर कैलीपर|Vernier caliper

यह एक सूक्ष्म मापी यंत्र होता है यह जॉब को अधिक परिशुद्धता मापने के लिए काम में लिया जाता है|

Vernier-caliper, वर्नियर-कैलीपर
Vernier caliper


वर्नियर कैलिपर का आविष्कार|Invention of vernier caliper

इसका आविष्कार संन 1630 मैं फ्रांस के पैरी वर्नियर नामक एक व्यक्ति ने किया था

वर्नियर कैलिपर का उपयोग|Use of vernier caliper

इसका उपयोग किसी कार्यखंण्ड या जॉब की बाहरी माप, भीतरी माप, तथा गहराई को सूक्ष्म रूप से मापने में किया जाता है

वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक|least count Vernier caliper

इसके द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम माप को इसका अल्पतमांक (least count) कहते ह|
इसका लिस्ट काउंट मीट्रिक प्रणाली में 0.02 मिली मीटर तथा ब्रिटिश प्रणाली में 0.001 इंच होता है

काॅमन सूत्र:-

अल्पतमांक(least count)=मुख्य पैमाने की एक खाने का मान/वर्नियर पैमाने पर कुल खानों की संख्या

वर्नियर कैलीपर किसका बना होता है|Whose Vernier Caliper is made of

वर्नियर कैलीपर निकल क्रोमियम इस्पात से बनाए जाते हैं

वर्नियर कैलीपर का साइज|Size of vernier caliper

जी मीट्रिक प्रणाली में 150 मिलीमीटर से 300 मिली मीटर तथा ब्रिटिश प्रणाली में 6 से 12 इंच तक साइज में पाए जाते हैं

वर्नियर के भाग|parts of vernier caliper

1. बीम या मुख्य पैमाना(beam aur main scale)
2. स्थिर जबडा(fixed jow)
3. चल जबड़ा(movable jaw)
4. बर्नियर पैमाना(vernier scale)
5. सक्षम समायोज्य यूनिट(fine adjusting unit)
6. लॉकिंग स्क्रु(locking screw)
7.सूक्ष्म समायोजन स्क्रू(fine adjustable screw)
8. आंतरिक मापन निब(inner measuring nibs)
9. गहराई पत्ती(depth strip)

बीम या मुख्य पैमाना(beam aur main scale)

यह एक चोड़ी धातु की पट्टी होती है जिस पर मुख्य पैमाना बना होता है
इस पर मिली मीटर और इंच में भाग अंकित होते हैं
बीम की बाई तरफ फिक्स जबड़ा होता है जिस पर बर्नियर हेड तथा फाइन समायोजन हेड स्लाइड करते हैं

स्थिर जबडा(fixed jow)

यह बीम का ही एक भाग होता है जो बीम के समकोण पर बना होता है
इस पर बाहरी एवं भीतरी माप लेने के लिए तल(face) बने होते हैं|

चल जबड़ा(movable jaw)

यह जबड़ा तथा स्थिर जबड़ा (fixed jow) दोनों के द्वारा बाहरी एवं भीतरी माप ले सकते हैं

बर्नियर पैमाना(vernier scale)

वर्नियर पैमाना वर्नियर हेड पर बना होता है|
वरनियर हैड मे एक स्थिर भुजा बनी होती है जिसमें हैंड को स्थिर करने के लिए लॉकिंग स्क्रु लगा होता है|

सक्षम समायोज्य यूनिट(fine adjusting unit)

यह बर्नियर हेड के साथ एक स्क्रू तथा नर्ल की हुई नेट के द्वारा जुड़ी होती है|
इस यूनिट का प्रयोग सूक्ष्म मापन के लिए किया जाता है|
परिशुद्ध माप लेने के लिए वर्नियर पहले बर्नियर हेड को दिए माप के लिए लगभग सेट कर लेते हैं फिर लॉकिंग स्क्रू से लॉक करके इस पर लगे फाइन एडजस्टिंग नट के द्वारा वर्नियर हेड को थोड़ा सा ऊपर या नीचे सरका कर परिशुद्ध माप प्राप्त कर लेते हैं|

लॉकिंग स्क्रु(locking screw)

लांकिंग स्क्रू बर्नियर हेड तथा फाइन एडजस्टिंग हेड पर लगे होते हैं इनके द्वारा पाठयांक लेते समय वरनियर को लॉक करके सही और परिशुद्ध पाठयांक ज्ञात कर लिया जाता है

सूक्ष्म समायोजन स्क्रू(fine adjustable screw)

सूक्ष्म समायोजन स्क्रू की सहायता से परिशुद्ध माप ले सकते हैं|
यह फाइल एडजस्टिंग यूनिट तथा वरनियर हेड के बीच लगा होता है|

आंतरिक मापन निब(inner measuring nibs)

अधिकतर बर्नियर कैलीपरो बाहरी जबडो के विपरीत दिशा में जो जबड़े बने होते हैं उन्हें आंतरिक मापन निब कहते हैं|
स्पर्श सतह कम करने के लिए इनकी धार(Edge) चाकू(knife) जैसी बनी होती है|
इन जबड़ों या नीबो का प्रयोग किसी झिरी(slots) छेद तथा अन्य भीतरी माप लेने के लिए किया जाता है|

गहराई पत्ती(depth strip)

यह एक बारीक पत्ती होती है जो बीम के पीछे के हिस्से की ओर जुड़ी होती है और यह एक झिरी में स्लाइड करती हैं| यह बीम के अंतिम किनारे पर एक स्टांपर पती और दो पेचों द्वारा जुड़ी होती है अब मुख्य पैमाने पर बर्नियर पैमाने की शून्य रेखाएं आपस में मिलती हैं तब डैप्थ स्ट्रिप की टिप बीम के सिरे की सतह के बराबर रहती है इसका प्रयोग किसी झिरी या छेद(hole) की गहराई मापने में किया जाता है

वर्नियर का सिद्धांत|principle of vernier

वर्नियर कैलीपर दो पैमानों (मुख्य पैमाना तथा बर्नियर पैमाना) के अंतर के सिद्धांत पर कार्य करता है|

वर्नियर कैलीपर पढ़ने की विधि|Vernier caliper reading method

वर्नियर कैलीपर से पाठयांक लेते समय सबसे पहले यह देखते हैं कि वरनियर पैमाने की शुन्य वाली रेखा मुख्य पैमाने के कितने भाग पार कर चुकी है|
यदि आधे मिली मीटर वाली रेखा को भी यह पार कर चुकी हो तो उसको भी इसमें जोड़ देते हैं|
इसके बाद वरनियर पैमाने की कौन सी लाइन मुख्य पैमाने की किसी एक लाइन के बिल्कुल सिद्ध में है उसको नोट कर लेते हैं|
इसके बाद वरनियर पैमाने के इस पाठयांक को अल्पतम माप से गुणा करके मुख्य पैमाने के पाठयांक में जोड़ देते हैं|
सूत्र - कुल पाठयांक = मुख्य पैमाने का पाठयांक + (वरनियर पैमाने का पाठयांक) × अल्पतमांक

ब्रिटिश प्रणाली में वर्नियर कैलीपर पढ़ने की विधि|Vernier caliper reading method in British system

वर्नियर कैलीपर काम पाठयांक लेते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वरनियर पैमाने की 0 लाइन मुख्य पैमाने के कितने भाग व अनुभाग को पार कर गई है फिर वर्नियर पैमाने की जो लाइन मुख्य पैमाने के ठीक सामने मिल रही है उसे नोट कर लेना चाहिए और उसे अल्पआत्मांक (0.001) से गुणा करके मुख्य पैमाने के पाठयांक में जोड़ देना चाहिए|
सूत्र - कुल पाठयांक = मुख्य पैमाने का पाठयांक + (वरनियर पैमाने का पाठयांक × अल्पतमांक)

वर्नियर ऊंचाई गेज|vernier height gauge

वर्नियर  हाइट गेज का प्रयोग कार्यखण्डों तथा जॉब के विभिन्न भागों की ऊंचाइयों को मापने तथा परिशुद्ध मार्किंग करने के लिए किया जाता है|
इसके मुख्य भागों में- ऊर्ध्वाधर बीम, आधार (base), स्लाइडिंग शीर्ष, सहायक शीर्ष, फाइन समायोजित स्क्रू, ब्रेकेट, स्क्राइबर आदि होते हैं|

Vernier-height-gauge,वर्नियर-ऊंचाई-गेज
Vernier height gauge


वरनियर ऊंचाई गेज में एक भारी आधार होता है जिसकी निचली सतह अच्छी तरह मशीन द्वारा फिनिश होती है|
इसके आधार पर एक धरण(beam) ऊर्ध्वाधर(vertical) दिशा में लगी होती है और इस बीम के सामने वाले भाग पर मुख्य पैमाना(main scale) बना होता है|
इस बीम पर एक सरकने वाला शीर्ष(sliding head) लगा होता है जिस पर वर्नियर पैमाना बना होता है|
इस स्लाइडिंग हेड के साथ एक सहायक हेड फाइंड समायोजन पेज के साथ जुड़ा होता है|
सरकने वाले शीर्ष के साथ ही ब्रैकेट जुड़ा होता है इस ब्रैकेट पर एक क्लैंप लगा होता है जिसकी सहायता से बदले जा सकने वाले स्क्राइबर लगाए जाते हैं|
इन स्क्राइबर से ही सही माप व सही मार्किंग निशान लगाए जाते हैं और यह पॉइंट की तरफ से हार्ड किए हुए अथवा कार्बाइड टिप लगे हुए होते हैं|
वर्नियर हाइट गेज का सिद्धांत, अल्पतमांक, तथा इसके पढ़ने का तरीका वर्नियर कैलिपर की तरह ही होता है|

प्रतियोगी परीक्षाऔ में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रसन 

जरा नीचे दिए गए वर्नियर कलीपर से संबंधित 20 प्रश्नों और उत्तरों को देखें:

1. वर्नियर कलीपर क्या होता है?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर एक मापन उपकरण है जिसका उपयोग आयामों को मापने के लिए किया जाता है।

2. वर्नियर कलीपर का उपयोग किसलिए किया जाता है?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग लंबाई, चौड़ाई, गहराई और अन्य आयामों को मापने के लिए किया जाता है।

3. वर्नियर कलीपर के दो प्रमुख भाग कौन-कौन से होते हैं?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर में दो प्रमुख भाग होते हैं - मुख्य स्केल और वर्नियर स्केल।

4. वर्नियर स्केल क्या होता है?

   उत्तर: वर्नियर स्केल एक संख्यात्मक स्केल होती है जो सूक्ष्म मापन के लिए उपयोगी होती है।

5. वर्नियर कलीपर की सटीकता क्या होती है?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर की सामान्य सटीकता लगभग 0.02 मिलीमीटर या 0.001 इंच होती है।

6. वर्नियर कलीपर के प्रकार क्या-क्या होते हैं?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर के प्रकार में नॉनियर वर्नियर कलीपर, डिजिटल वर्नियर कलीपर, डिप्थ गेज वर्नियर कलीपर और उल्ट्रा-प्रिसिजन वर्नियर कलीपर शामिल हैं।

7. वर्नियर कलीपर का उपयोग किस क्षेत्र में होता है?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग मशीनरी, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल और साइंस क्षेत्रों में होता है।

8. वर्नियर कलीपर के उपयोग से क्या लाभ होता है?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग सटीकता, निर्भरता और मापन की सुविधा प्रदान करने में मदद करता है।

9. वर्नियर कलीपर को कैसे पढ़ा जाता है?

   उत्तर: वर्नियर कलीपर को पढ़ने के लिए, मुख्य स्केल पर दिखाए गए नंबर को पढ़ें और फिर वर्नियर स्केल पर दिखाए गए नंबर को जोड़ें।

10. वर्नियर कलीपर के लिए सही देखभाल कैसे की जाए?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर को साफ़ करें, उसे सुरक्षित रखें, और नमी और धूप से बचाएं। समय-समय पर उसे चेक करें और यदि आवश्यक हो तो उसे निर्माण कंपनी द्वारा जाँचबाट कराएं।

11. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय क्या ध्यान देना चाहिए?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सही पकड़ और स्थिरता बनाए रखें, स्केल को सही ढंग से पढ़ें, और संपर्क बिंदु को सही ढंग से मिलाएं।

12. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सावधानियाँ क्या होनी चाहिए?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सावधान रहें, इसे भूमि पर ठीक रखें, उसे झटके न दें, और लंबे समय तक नमी या आधिकारिक तापमान में न छोड़ें।

13. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय यदि ग्रेडेशन ध्यान से पढ़ा जाए, तो कैसा होगा?

    उत्तर: यदि वर्नियर कलीपर के ग्रेडेशन को सही ढंग से पढ़ा जाए, तो सटीक माप किया जा सकता है और त्रुटि का निर्माण कम होगा।

14. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय ध्यान देने योग्य नियम क्या हैं?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

    - समय-समय पर इसे जांचें और निर्माण कंपनी द्वारा सर्वेक्षण कराएं।

 - अनावश्यक संपर्क से बचें और अच्छी स्थिरता बनाए रखें।

    - उच्च और निम्न तापमान से बचें, और धूप और नमी से सुरक्षित रखें।

15. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित तत्वों को कैसे निर्धारित किया जाता है:

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित तत्वों को निर्धारित किया जाता है:

    - चौड़ाई या लंबाई: बाहरी और आंतरिक आयामों के बीच की दूरी को मापने के लिए।

    - गहराई: सतह और वस्तु के बीच की दूरी को मापने के लिए।

    - रेडियस: गोलाकार वस्तु के गोलाकार माध्यरेखा के केंद्र से सतह तक की दूरी को मापने के लिए।

16. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय अलग-अलग ध्यान देने योग्य मापों के बारे में बताएं।

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित मापों का ध्यान दें:

    - इंच: अंग्रेजी माप की इकाई है।

    - मिलीमीटर: सीएम का एक हजारवां भाग।

    - सेंटीमीटर: एक मीटर का एक सौवां भाग।

 - माइक्रोमीटर: एक मीटर का दस लाख भाग।

17. वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए सही तकनीक क्या है?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित तकनीक का पालन करें:

    - उपयुक्त मापन ज्यामिति का चयन करें।

    - स्केल को सटीकता से खींचें और उपयुक्त दर पर रखें।

    - यथासंभव स्थिरता बनाए रखें और आवश्यकतानुसार संपर्क बिंदु बनाएं।

18. वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए सामान्य नियम क्या हैं?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित सामान्य नियमों का पालन करें:

    - समय-समय पर मापकों की परीक्षण और निर्माण कंपनी द्वारा जांचबाट कराएं।

    - स्केल को स्वच्छ रखें और उसकी स्थिरता की जाँच करें।

    - उच्च और निम्न तापमान से बचें, और नमी और धूप से सुरक्षित रखें।

19. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय सावधानियों के बारे में बताएं।

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:

    - ध्यान से उपयोग करें और अनावश्यक झटकों से बचें।

    - स्केल को अच्छी तरह से समायोजित और सटीक बनाए रखें।

    - संपर्क बिंदु को सही ढंग से मिलाएं और ठीक ग्रेडेशन पढ़ें।

20. वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय आप कौनसे तत्वों को माप सकते हैं?

    उत्तर: वर्नियर कलीपर का उपयोग करते समय आप चौड़ाई, लंबाई, गहराई, और रेडियस जैसे तत्वों को माप सकते हैं। इसके अलावा आप नटीजा भी माप सकते हैं और सटीक माप कर समय और वस्तुओं की गणना कर सकते हैं।

दोस्तों यह था हमारा आज का टॉपिक आपको हमारा यह ज्ञान संग्रह कैसा लगा कृपया कमेंट करके हमें सुझाव अवश्य दें धन्यवाद

Tap drill size|टेप ड्रिल साइज |Tap wrench|टेप रिंच

 Tap drill size | टेप ड्रिल साइज

आज हम जानेंगे टेप ड्रिल साइज के बारे में टेबल साइज कैसे निकालते हैं ड्रिल साइज साइज निकालने का  सूत्र क्या है साथ ही हम टेप ड्रिल साइज के कुछ प्रसन्न भी देखेंगे 
आइए देखते हैं टेप ड्रिल साइज क्या होता है
जब किसी कार्यखण्ड या जॉब में टैपिंग की जाती है तो उसमें टेप की साइज के अनुसार उससे कुछ छोटे साइज का ड्रिल छिद्र करना पड़ता है यह ड्रिल छिद्र टेपर कटी हुई चूड़ियों के कोर व्यास के बराबर होना चाहिए|
यदि ड्रिल छिद्र टेप के साइज से अधिक बड़ा हो गया तो पूरी गहराई की चूड़ी नहीं बनेगी|
यदि ड्रिंल होल टेप के साइज से छोटा बना है तो टाइपिंग करते समय टेप के टूटने का खतरा बना रहेगा इसलिए टेप के साइज के अनुसार ड्रिल होल करना अति आवश्यक है|

टेप साइड से ड्रिल साइज निकालने के सूत्र |tap size se drill size nikaalne ke sutra

1. ब्रिटिश मानक चूड़ियों के लिए (British standard threads formula

ब्रिटिश मानक चूड़ियों (B.S.W, B.S.F, B.A.) का साइज इंच में होता है
अलग-अलग मानक की चूड़ियों में 1 इंच में चूड़ियों की संख्या अलग-अलग होती है

इन चूड़ियों के लिए टेप ड्रिल साइज निम्नलिखित सूत्रों से निकाला जा सकता है

1. T.D.S.=T.S.-2d जहां, T.D.S.= टेप ड्रिल साइज
T.S.= टेप साइज, d=चूड़ी की गहराई =0.64P

2. T.D.S.=T.S.×7/8-1/32 P=चूड़ी की पिच =1/no. of T.P.I

1. टेप ड्रिल साइज प्राइस दशमलव में निकलता है परंतु लेटर और नंबर ड्रिल को छोड़कर भिंन्न मे ड्रिल प्राय 1 बटा 64 के क्रम में होते हैं इसलिए ड्रिल का साइज भिन्न में 1 बटा 64 इंच की दर से बदला जाता है |
2. दशमलव साइज को 0.960 से भाग देने पर देने  पर ड्रिल का साइज निकाला जा सकता है|

2.  मिट्रिक या S.I.S. चूड़ियों के लिए टेप ड्रिल साइज सूत्र|tap drill size formula for metric or ISI thread

1. T.D.S.= T.S.-2d
अथवा T.D.S.=T.S.-1.22P
2T.D.S.=T.S.-8
जहां,T.D.S.= टिप ड्रिल साइज
T.S.=टेप साइज
d=चूड़ी की गहराई
P=चूड़ी की पिच

महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर|important question answer

1. निम्नलिखित में से कौन से कटिंग पैरामीटर ड्रिल में उपयोग किए जाते हैं?

 Answer- काटने की गति फ़ीड कट की गहराई यह सभी ड्रिल में में उपयोग किए जाने वाले पैरामीटर हैं। इन मापदंडों के अलावा, मशीनिंग समय, धातु हटाने की दर भी काटने वाले पैरामीटर हैं जो ड्रिल में उपयोग किए जाते हैं।

2. काटने की गति के लिए सूत्र है______जहां d=ड्रिल का व्यास मिमी में, n=ड्रिल का आरपीएम।


Answer - (π×d×n)/1000


स्पष्टीकरण: हालांकि इस प्रश्न में काटने की गति परिधीय गति है, इसके माध्यम से तय की गई दूरी π×d के बराबर होनी चाहिए तथा n आरपीएम (RPM) है और 1000 वहां है जैसा कि हम इसे मिमी में माप रहे हैं।

3. फ़ीड को ______ में व्यक्त किया जा सकता है

Answer- mm/revolution


व्याख्या: फीड की परिभाषा के अनुसार, फ़ीड प्रति चक्कर की दूरी है। तो इसकी इकाई इस सूत्र से मेल खाना चाहिए

4. कट की गहराई का सूत्र है______जहां d=ड्रिल का व्यास।

Answer - d/2


व्याख्या:- क्योंकि  कट की गहराई उपयोग की गई ड्रिल के आधे व्यास के बराबर होती है। अतः यदि d ड्रिल का व्यास है तो उसका सूत्र d/2 के बराबर होना चाहिए।

5. यदि L = मिमी में ड्रिल की यात्रा की लंबाई, n = ड्रिल के आरपीएम, s = मिमी में ड्रिल की प्रति चक्र फ़ीड। फिर मशीनिंग समय _____ के रूप में सूत्र दिया जा सकता है

Answer- l/(n×s)


स्पष्टीकरण: L/(n×s)- मशीनिंग समय की गणना के लिए यह सही सूत्र है। यहाँ l मिमी में व्यक्त किया गया है, n चक्र/मिनट है और s मिमी में व्यक्त किया गया है। तो इन सभी इकाइयों को मशीनिंग समय के सूत्र में रखने से हमें पूरे व्यंजक की इकाई मिनट के रूप में प्राप्त होती है। तो हमारा फॉर्मूला सही है।


यहां हम टेप ड्रिल साइज के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर चित्र के माध्यम से दिखाने का प्रयास करेंगे


Tap drill size, tape drill size nikalna

Tap drill size


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Tap wrench|टेप रिंच

टेप रिंच एक ऐसा औजार है जो हस्त टैपिंग करते समय टैप के पकड़ने के लिए किया जाता है |यह रिंच अनेक प्रकार के होते हैं कार्य के अनुसार यह अलग-अलग प्रकार से प्रयोग किए जाते हैं

Types of tap wrench|टेप रिंच के प्रकार

टेप रिंच तीन प्रकार के होते हैं
1. ठोस टेप रिंच (solid Tap wrench)
2. समायोजित टेप रिंच (adjustable tap wrench)
3. टी हत्था टेप रिंच (T hand tap wrench)

 ठोस टेप रिंच (solid Tap wrench)

इस प्रकार की टेप रेंज म एक या एक से अधिक वर्गाकार खान से बने होते हैं|
एक खांचे वाले टेप रिंच में एक ही साइज के टेप फिट हो सकते है तथा अधिक कांचे वाले टेप रेंज में अलग-अलग साइज के टेप फिट हो सकते हैं|

समायोजित टेप रिंच (adjustable tap wrench)

इस प्रकार के टेप रिंच में दोनों तरफ हथे लगे होते हैं जिनमें एक स्थिर तथा दूसरा घूम सकता है|
इस प्रकार के रिंग्स के बीच में दो जबड़े लगे होते हैं जिनमें एक स्थिर तथा दूसरा समायोजित (adjusttable) होता है
समायोजन (adjusttable) जबड़े के हत्थे को घुमाने पर इसे आगे पीछे समायोजित किया जा सकता है

टी हत्था टेप रिंच (T hand tap wrench)

इस प्रकार का टेप रिंच दो उठे हुए भागों के बीच गहरी सतह वाले छेद में टेपिंग करने के लिए किया जाता है|
इस प्रकार की टेप रेंज में एक चक लगा होता है जिसे व्यवस्थित करके विभिन्न साइज के टेप पकड़ने के लिए उपयोग किया जाता है |

हस्त टेपिंग विधि|hand tapping method

हस्त टेपिंग करते समय निम्नलिखित विधि प्रयोग करनी चाहिए-
1. जॉब में टेप की साइज के अनुसार सही साइज का ड्रिल छिद्र कर लेना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि ड्रिल छिद्र बिल्कुल सीधा हो|
2. ड्रिलिंग करते समय छिद्र के मुख पर आई बर्र को हटाकर हल्का सा चेंबर कर लेना चाहिए
3. कार्य खंड या जॉब को अच्छी तरह से बांध लेना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि किया हुआ ड्रिल छिद्र वाइज के कार्य खंड या जॉब के लंबवत रहे
4. टेपर टेप को रिंच में अच्छी तरह पकड़ लेना चाहिए
5. टेपको ड्रिल छिद पर रख कर दो या तीन चक्कर घुमाने चाहिए फिर रिंच को निकालकर ट्राय स्क्वायर से चेक करना चाहिए कि टेप जॉब की सतह से 90 डिग्री में टेपिंग कर रहा है अथवा नहीं|
6. यदि टेप जॉब की सतह से 90 डिग्री में टेपिंग नहीं कर रहा है वह तो टेप को सीधा करके टेपिंग करनी चाहिए|
7. टेपर टेप द्वारा पूरी चूड़ियां काटने के बाद द्वितीय टेप का प्रयोग करना चाहिए और बाद में फर्निशिंग टेप का प्रयोग करना चाहिए|

टेप के बार बार टूटने का कारण|causes for breakage of Tap

1. टेप के साइंज के अनुसार किया हुआ ड्रिल छेद छोटा होना
2. क्या हुआ छेद टेपर में होना
3. टेपिंग करते समय अधिक बड़े या अधिक छोटे टेप रिंच का प्रयोग करना
4. टेपिंग करते समय टेप पर अधिक दबाव डालना
5. टेप के कटिंग टीथ(cutting teeth) का घिस जाना
6. कार्य खंड या जॉब को बेंच वाइस मैं अच्छी तरह नहीं बांधना
7. टाइपिंग करते समय टेप को आधा चक्कर आगे और आधा चक्कर पीछे नहीं घूमाना
8. बंद छेद मैं टेपिंग करते समय चिप्स की सफाई नहीं करना
9. टेपिंग करते समय स्नेहक का प्रयोग नहीं करना
10. टेपिंग करते समय टेप सेट के तीनों टेपो का क्रम से प्रयोग नहीं करना|

How many salary of pipe fitter mechanic?|पाइप फिटर मैकेनिक की सैलरी कितनी है?

 How many salary of pipe fitter mechanic?

एक पाइप फिटर मैकेनिक की सैलरी अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग निर्धारित की जाती है
कुछ ऐसे संस्थान है जहां पर पाइप फिटर मैकेनिक की सैलरी बहुत ज्यादा होती है तो कुछ ऐसे संस्थान भी हैं जहां पाइप फिटर मैकेनिक की सैलरी बहुत ही कम होती है 
आज हम उन सभी संस्थानों के बारे में चर्चा करेंगे जहां एक पाइप फिटर अपने व्यवसाय में अधिक से अधिक पैसा कमा सकता है तथा जहां पर पाइप फिटर की सैलरी बहुत ज्यादा होती है या मीडियम से कुछ ज्यादा होती है

पाइप फिटर का औसत वेतनPipe Fitter's Average Salary

अगर बात की जाए पाइप फिटर की तो पाइप फिटर का औसत वेतन लगभग 10000 से ₹15000 के बीच माना जाता है शुरुआती दौर में यह इससे कम भी हो सकता है लेकिन एक पाइप फिटर की कड़ी मेहनत और जुझारू परवर्ती के चलते आने वाले दिनों में या भविष्य में यह सैलरी इससे ज्यादा भी हो सकती है हां लेकिन अगर भारत की बात की जाए तो कैरियर के शुरुआती दिनों में यह सैलरी 1000 से ₹15000 के बीच में होती है

पाइप फिटर मैकेनिक को ज्यादा सैलरी देने वाले संस्थान

वैसे तो अनेकों ऐसे संस्थान हैं जो पाइप फिटर के महत्व को समझते हैं और उसे ज्यादा सैलरी देते हैं लेकिन हम कुछ संस्थान के बारे में चर्चा करेंगे जहां पर एक पाइप फिटर मैकेनिक जोब पाकर एक अच्छी कमाई अर्जित कर सकता है आइए देखते हैं इन संस्थानों के बारे में

सभी सरकारी संस्थान जहां पर पाइप फिटर मैकेनिक की स्थाई भर्ती होती है

उन सरकारी संस्थानों में एक पाइप फिटर मैकेनिक अच्छी सैलरी पाने की उम्मीद हमेशा होती है और ऐसे संस्थानों में एक पाइप फिटर मैकेनिक का न्यूनतम वेतन₹1800 पे बैंड से स्टार्ट होता है 
यानी अगर मंथली इनकम की बात करें तो लगभग ₹20000 न्यूनतम होता है

वह गैर सरकारी कंपनियां जो  लिमिटेड होती हैं

गैर सरकारी लिमिटेड कंपनियों में एक पाइप फिटर मैकेनिक की आवश्यकता होती है और यह कंपनियां कुछ समय पश्चात एक कामगार को कंपनी बेसिस पर नियुक्ति देती है और उन्हें वह सारी सुविधाएं और सारे वेतन प्रदान करती है जो एक सरकारी कर्मचारी को प्राप्त होते हैं इसलिए इन कंपनियों का फिक्स वेतन तो कहा नहीं जा सकता लेकिन एक सफल कारीगर जो लिमिटेड कंपनी में कंपनी रोल पर भर्ती हुआ है उसे सभी सरकारी फैकेल्टी जो वेतन देती हैं ठीक उसी प्रकार सारे वेतन और भत्ते दिए होते हैं

दोस्तों आज हमने बताया एक पाइप फिटर मैकेनिक की सैलरी कितनी होती है अगर आपका कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

धन्यवाद



आधार कार्ड में दस्तावेज़ अपलोड Document upload in Aadhar Card

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