ब्रेजिंग क्या है What Is Brazing in hindi | ब्रेजिंग के प्रकार Types of Brazing ओर ब्रेजिंग के उपयोग

 ब्रेजिंग क्या है What Is Brazing in hindi | ब्रेजिंग के प्रकार Types of Brazing ओर ब्रेजिंग के उपयोग

ब्रेजिंग एक स्थाई बंधक (permanent fastener) है|  यह दो धातुओं को आपस में जोड़ने की एक युक्ति होती है

जैसे हम वेल्डिंग या सोल्डरिंग के द्वारा दो धातुओं को आपस में जोड़ते हैं ठीक उसी प्रकार ब्रेजिंग भी धातुओं को आपस में जोड़ने का कार्य करती है |

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हालांकि यह वेल्डिंग और सोल्डरिंग से थोड़ी सी अलग होती है| जोकि इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं-  ब्रेजिंग क्या है, What Is Brazing, Brazing करने की विधि, Brazing कितने प्रकार की होती है. Brazing फिलर मैटेरियल, Brazing के उपयोग इन सब के बारे में विस्तार से बताया गया है|

Brazing करने की विधि

  • बेजिंग द्वारा जोड़े जाने वाली सतहों को सबसे पहले सोल्डरिंग की तरह साफ कर लिया जाता है । 
  • फिर इन अंगों पर फ्लक्स लगाकर तथा परस्पर मिलाकर वाँछित जोड़ की आकृति में रखकर पतले तार से बाँध देते हैं , जिससे गरम करने पर ये भाग अलग - अलग न हो जायें । 
  • फ्लक्स के रूप में सुहागा ( Borax ) का उपयोग किया जाता है । कार्य को ब्रेजिंग भट्टी ( Brazing Hearth ) में रखकर इस पर चारों ओर से कोयला या एस्बेस्टस के छोटे टुकड़े भर देते हैं , जिससे वे ऊष्मा को बाहर न निकलने दें । 
  • जब कार्य आवश्यक तापमान तक गरम हो जाता है तो जोड़ पर कठोर सोल्डर या स्पेल्टर ( Spelter ) को रखते हैं ।
  • जैसे - जैसे सोल्डर पिघलता है , यह जोड़ पर बहता है तथा ब्रेजिंग होती है । ब्रेजिंग के बाद कार्य को धीरे - धीरे ठंडा होने दिया जाता है । ठंडा होने पर कार्य को 5 % कास्टिक सोडे के उबलते घोल में डालकर जोड़ पर शेष बचे फ्लक्स को हटा दिया जाता है ।
  •  इसके पश्चात् कार्य को पानी से धोकर साफ कर दिया जाता ब्रेजिंग समान तथा असमान धातुओं को एक गलनीय एलॉय ( 600 ° C से अधिक गलनांक वाला स्पेल्टर ) द्वारा जोड़ने की विधि है । स्पेल्टर अर्थात् फिलर धातु पाउडर के रूप में कॉपर , टिन और जिंक की एक एलॉय है । 
  • कठोर सोल्डरिंग की इस विधि में फ्लक्स ( बोरेक्स ) को प्रयुक्त किया जाता है । कार्य को गरम किया जाता है ताकि स्पेल्टर पिघल सके और स्पेल्टर को प्रयुक्त करके ठंडा होने दिया जाता है । 
  • यह विधि पाईप एवं उनकी फिटिंग्स , टूल शैंक पर कार्बाइड टिप्स , इलैक्ट्रिक पार्ट्स , रेडिएटर्स , कास्ट आयरन को पार्ट्स की मरम्मत एवं हीट एक्सचेन्जर्स को जोड़ने के लिए उपयोगी है । कठोर सोल्डरिंग की इस विधि द्वारा सोफ्ट सोल्डरिंग प्रोसिस की तुलना में अधिक मजबूत जोड़ बनाए जाते हैं । परन्तु बिट के स्थान पर धातु के टुकड़ों को गरम किया जाता पेस्ट को तैयार करने के लिए स्पेल्टर और बोरेक्स ( फ्लक्स ) को मिलाकर पानी की उपयुक्त मात्रा मिलाई जाती है |

ब्रेजिंग के प्रकार ( Types of Brazing )

ब्रेजिंग मुख्य से पांच प्रकार से की जाती है जो निम्न प्रकार है-

  1. टॉर्च ब्रेजिंग ( Torch Brazing ) 
  2. प्रतिरोध ब्रेजिंग ( Resistance Brazing ) 
  3. फरनैस ब्रेजिंग ( Furnace Brazing )
  4. उच्च आवृति ब्रेजिंग ( High Frequency Brazing )
  5. मैटल बाथ ब्रेजिंग ( Metal Bath Brazing )


टॉर्च ब्रेजिंग ( Torch Brazing ) 

ब्रेजिंग के लिए प्रयोग की जाने वाली अत्यंत साधारण विधि है । धातुओं को ब्रेज करने से पहले दोनों टुकड़ों को एक समान रूप से गरम करने के लिए प्राकृतिक ज्वाला ( Natural Flame ) का प्रयोग किया जाता हैं |

प्रयोग किए जाने वाले ईंधन ( Fuel ) ऑक्सी - ऐसिटलीन , ऑक्सी हाइड्रोजन अथवा प्राकृतिक गैस हो सकते हैं । दोनों अवयवों को एक समान ब्रेजिंग तापमान तक लाने के लिए इन्हें जोड़ों के आस - पास भी गरम किया जाता है |

आपरेशन को तेज गति से करने तथा पार्ट्स को समान रूप से गरम करने के लिए प्राय : मल्टीपल टिप टॉर्च का प्रयोग किया जाता है ।

प्रतिरोध ब्रेजिंग ( Resistance Brazing ) 

इस प्रोसिस में ब्रेज किए जाने वाले पार्ट्स में से विद्युत धारा पास की जाती है । धारा के प्रवाह के लिए उत्पन्न हुआ प्रतिरोध ऊष्मा ( Heat ) उत्पन्न करता है और ब्रेजिंग पदार्थ एवं फ्लक्स को पिघला देता है ।

रेजिस्टैंस के उपयोग हेतु जल शीतित कार्बन इलैक्ट्रोड रखने वाली विशेष प्रकार की मशीनें डिजाइन की गई है ।

इस प्रोसेस के मुख्य लाभ- 

( i ) दाब के अंतर्गत गरम करना , 

( ii ) तेजी से गरम और ठंडा करना , ( iii ) ऊष्मा ( Heat पर आसान कंट्रोल तथा ( iv ) अकुशल कारीगरों को स्वीकारना है ।

फरनैस ब्रेजिंग ( Furnace Brazing )

कम से कम ऑक्सिडेशन चाहने वाले जटिल समन्वायोजनों ( Complicate Assemblies ) अथवा बहुत - से जोड़ रखने वाली यूनिटों एवं अधिक संख्या में छोटे - छोटे भागों के उत्पादन कार्यों के लिए प्राय : बिजली से गरमी देने वाली और वातावरण को कंट्रोल करने वाली भट्टियाँ आदर्श रूप से उपयोगी हैं । 

ब्रेज किए जाने वाले अवयव भट्टी में से धीरे - धीरे पास किए जाते हैं । भट्टी की गरमी स्पेल्टर को पिघला देती है और कैपिलरी . क्रिया इसे जोड़ के अंदर ले जाती है ।

बहुत कम फ्लक्स अथवा बिल्कुल नहीं की आवश्यकता होती है क्योंकि भट्टी का सुरक्षित अथवा प्राकृतिक वातावरण ऑक्सीडेशन को कम करता है ।

उच्च आवृति ब्रेजिंग ( High Frequency Brazing)

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धातुओं को जोड़ने की यह तेज और दक्ष ( Efficient ) विधि है । व्यवस्थित करने से पहले पार्ट्स को अच्छी तरह से साफ करके फ्लक्स लगा लेना चाहिए । स्थिति में लाकर कॉइल के अंदर से उच्च आवृत्ति की धारा ( Current ) को तब तक पास किया जाता है जब तक कि टूल ब्रेजिग तापमान तक नहीं पहुंच जाता है । इस विधि की ब्रेजिंग करने की गति ( Speed ) स्वयं ही इसे वृहद उत्पादन ( Mass Production ) की ओर ले जाती है ।

मैटल बाथ ब्रेजिंग ( Metal Bath Brazing )

यह पार्ट्स को डुबोकर की जाने वाली यह विधि है , जिसमें पिघली हुई धातु ( स्पेल्टर ) को छानकर एक कुंड ( Bath ) में भर लिया जाता है और जिन पार्ट्स को जोड़ना होता है , उन पर फ्लक्स लगाकर और कलैम्प करके पिघले हुए स्पेल्टर में डुबोकर ब्रेजिंग कर लो जाती है । इस प्रकार की ब्रेजिंग प्राय : उत्पादन कार्यों के लिए की जाती है ।

 Brazing फिलर मटेरियल

किसी धातु को जोड़ने के लिए जो अतिरिक्त धातु भरी जाती है उसे हम फिलर मटेरियल कहते हैं, इस का गलनांक बिंदु जोड़े जाने वाली धातु से बहुत कम होता है, कुछ ब्रेजिंग तकनीक ऐसी होती हैं जिनमें फिलर मटेरियल को पहले ही ब्रेजिंग पॉइंट पर रखा जाता है, फिलर बनाने के लिए कई प्रकार की धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि इस प्रकार है -

  • एलमुनियम सिलिकॉन
  • कॉपर सिल्वर
  • कॉपर जिंक
  • सोना सिल्वर
  • सिल्वर
  • निकल मिश्रधातु

ब्रेजिंग के उपयोग ( Applications of Brazing )

  • डाई , पंच एवं कटिंग टूल को बनाने के लिए ।
  • टंगस्टन कार्बाइड जैसे कठोर धातुओं को जोड़ने के लिए । निकल ( Nickel ) और इसकी मिश्र ( Alloy ) धातुओं को जोड़ने के लिए ।
  • स्टीम टरबाइन एवं साइकल के निर्माण के लिए ।
  • कार्बन इस्पातों ( Carbon Steels ) को नॉन -- फैरस धातुओं , जैसे कॉपर या सिल्वर तथा इसके एलॉय से जोड़ने के लिए । 
  • पाइप फिटिंग्स , टैक्स , टूल्स पर कार्बाइड टिप्स , रेडियेटर्स , हीट एक्सचेन्जर्स एवं इलैक्ट्रीकल पार्ट्स को जोड़ने के साथ - साथ ढलाइयों ( Castings ) की मरम्मत करने के लिए Brazing का उपयोग किया जाता है |

इस पोस्ट में हमने ब्रेजिंग क्या है, What Is Brazing, Brazing करने की विधि, Brazing कितने प्रकार की होती है. Brazing फिलर मैटेरियल, Brazing के उपयोग इन सब के बारे विस्तारपूर्वक जाना अगर आप को यह पोस्ट अच्छा लगा तो कृपया इसे अपने दोस्तों में शेयर करें तथा Iti fitter theory से संबंधित इस प्रकार  की जानकारी पाने के लिए कृपया हमारे साथ बने रहे धन्यवाद |

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