सरक्लिप (Circlip) | सरक्लिप का वर्गीकरण (Classification Of Circlip)

 दोस्तों इस पोस्ट में हम जानेंगे फिटर थ्योरी Fitter Theory के अध्याय सरक्लिप (Circlip)|सरक्लिप का वर्गीकरण (Classification Of Circlip) जैसे Axially Assemble Ring,Radially Assemble Ring और  Circlip के प्रकार के बारे में |

सरक्लिप (Circlip)

सरक्लिप (Circlip) ऐसी बन्धक युक्ति (Fastening Device) है, जिसका प्रयोग एसेम्बली में चलने वाले पार्ट्स को स्थिर (Fixed) करने के लिए किया जाता है। सरक्लिप को रीटेनिंग रिंग्स (Retaining Rings) भी कहते हैं।



Circlip

 सरक्लिप प्रायः स्प्रिंग के बने होते हैं, जिससे कि फास्टनर को उचित डिग्री पर प्रत्यास्थता से विकृत तथा मूल आकार में पुनः वापिस लाया जा सके। सरक्लिप का कार्य घूमने वाले पार्टो को पकड़ना होता है।

अन्दरूनी सरक्लिप (Internal Circlip)

Internal-Circlip

 
इंटर्नल सरक्लिप (Internal Circlip) हमेशा सुराख के अन्दर या बोर के अन्दर फिट किये जाते हैं। 

सरक्लिप का वर्गीकरण (Classification Of Circlip) 

सरक्लिप को कार्य के अनुसार दो भागों में वर्गीकृत (Classification) किया गया है। 

  1. एक्सीयल एसैम्बल रिंग (Axially Assemble Ring)
  2. रेडियली एसेम्बल रिंग (Radially Assemble Ring)

एक्सीयल एसैम्बल रिंग (Axially Assemble Ring)

सरक्लिप या रिंग प्रायः शाफ्ट या बोर के अक्ष के समान्तर लगाये जाते हैं, जिनमें रिंग उपयोग किये जाने हों अधिकांशत: एक्सीयली रिंग्स में कुछ गैप होता है। ये ग्रूव्स में सम्पर्क (Connect) बनाते हैं, जिनमें इन्हें सैट या फिट किया जाता है। इसके कारण अधिकांशतः एक्सीयली एसैम्बली (Axially Assembly) में उपेक्षित उच्च थ्रस्ट-लोड सहने की क्षमता होती है। 

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एक्सीयली एसैम्बल रिंग के प्रकार (Types Of Axially Assemble Ring)

  1. बेसिक इंटर्नल रिंग (Basic Internal Rings)
  2. मौलिक बाहरी रिंग (Basic External Ring)
  3. इनवर्टेड इंटर्नल रिंग (Inverted Internal Ring)
  4. हैवी ड्यूटी एक्सटनेल रिंग (Heavy Duty External Ring)
  5. परमानेंट शोल्डर रिंग (Permanent Solder Ring)

बेसिक इंटर्नल रिंग (Basic Internal Rings) 

इनमें आपसी खुलने का गैप कम होता है। ग्रूव को अधिकांश परिधि पर रिंग का अधिकतम संपर्क देने के लिए तथा एसैम्बली में उच्च थ्रस्ट की क्षमता की व्यवस्था करने के लिए रिंग का बाहरी व्यास नेबोर या ग्रूव के व्यास के संकेन्द्रिय (Concentric) होता है।

मौलिक बाहरी रिंग (Basic External Ring)

इस प्रकार के रिंग में बहुत कम गैप होता है। इसका टेपर सैक्शन (बाहरी) रिंग के लगभग चारों ओर होता है, तथा इंटर्नल टाईप, यह अधिक स्थायी सैट के बिना अधिकतम लचीलापन (Flexibility) देते हैं। इसका आन्तरिक व्यास, शाफ्ट तथा ग्रूव के व्यासके संकेन्द्रय होता है।

इनवर्टेड इंटर्नल रिंग (Inverted Internal Ring)

इनके बोर या हाऊसिंग में (सिकुड़ने) के लिए तुलानात्मक रूप से गैप कम होता है। इसका अतिरिक्त व्यास बोर या ग्रूव के व्यास के समकेन्द्रिय होता है। इसका टेपर सैक्शन ग्रूव की पर्याप्त गहराई में अधिकतम लचीलेपन तथा बैठने के लिए परिधि के अधिक भाग के चारों तरफ एक्सटेड (बढ़ता) होता है। ये रिंग रिटेन्ड पार्ट के सापेक्ष एक समान शोल्डर तथा अधिक एसैम्बली क्लियरेन्स की व्यवस्था करते हैं। 

Inverted-Internal-Ring,Inverted-Internal-Circlip,


लग्स की आंतरिक परिधि में स्थित होने के अतिरिक्त इनकी डिजाइन इनवर्टेड इंटर्नल रिंग्स के समान ही होती है। जब इन्हें शाफ्ट या उसके समान पार्ट ग्रूव में लगाया जाता है तो ये पकड़े जाने वाले पार्ट के साथ समान शोल्डर की व्यवस्था करते हैं।

हैवी ड्यूटी एक्सटनेलरिंग (Heavy Duty External Ring)

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Heavy Duty External Ring कि औसत रेडियल सेक्शन की ऊंचाई और थिकनैस अधिक होती है । बार-बार दोहराने वाली लोडिंग और फटिग के कारण यह हैवी थ्रस्ट लोड के विरुद्ध अच्छी पकड़ कर करती है ।

परमानेंट शोल्डर रिंग (Permanent Solder Ring)

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Permanent Solder Ring सर्क्लिप को फैलाया या सिंकुड़ा नहीं जा सकता है क्योंकि, यह बिना गैप वाली Ring बनायी जाती है । इसकी परिधि पर चारों ओर नोचिस बने हुए होते हैं । यह बेहद साफ मेटीरियल्स से बनायी जाती है । इसे एक बार फिक्स करने के बाद यह शाफ्ट पर परमानेंट शोल्डर बना लेती है । यह वाटर प्रूफ बनावट के लिए उपयोगी होती है ।

रेडियली एसैम्बल्ड रिंग (Redialed Assembled Ring)

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यह अक्ष के रेडियल दिशा पर लगाये जाते हैं। रेडियल एसैम्बल्ड रिंग में इंस्टालेशन के लिए अधिक गैप होता है। रेडियल टाईप में एक्सियल रिंग की अपेक्षा सामान्य थ्रस्ट की क्षमता कम होती है। 

रेडियली एसैम्बल्ड रिंग के प्रकार (Types Of Radially Assemble Ring)

  1. क्रेसेन्ट रिंग (Kresent Ring)
  2. ई-रिंग(E-Ring)
  3. टू-पार्ट इंटरलॉकिंग रिंग (Two Part Interlocking Ring)
  4. हाई स्ट्रेंग्थ टाईप रिंग (High Strength Type Ring)

क्रेसेन्ट रिंग (Kresent Ring)

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इन रिंगस में शाफ्ट पर ग्रूव में रेडियल एसैम्बली के लिए अधिक गैप होता है तथा ये पकड़े जाने वाले पार्ट के साथ कम शोल्डर की व्यवस्था करते हैं। 

ई-रिंग(E-Ring)

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ई-रिंग(E-Ring) में अधिक गैप और अधिक बाहरी व्यास होता है इसकी अंदरूनी रिंग परिधि पर तीन परत होती हैं । यह छोटी शाफ्ट पर अपेक्षाकृत बड़े व्यास वाला शोल्डर प्रदान करने में सहायक होती है ।

टू-पार्ट इंटरलॉकिंग रिंग (Two Part Interlocking Ring)

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ये एक्सटर्नल रेडियली एसैम्बली रिंग होते हैं, जो उपयोग किये जाने वाले शाफ्ट पर चारों तरफ पूरी तरह से एक समान शोल्डर बनाते हैं। ये रिंग के आधे भाग प्रत्येक सिरे पर इंटरइंगेजिंग लग्स के द्वारा एक साथ लॉक हो जाते हैं । लगाते एवं निकालते समय बेण्डिग में आवश्यक लचीलेपन के लिए प्रत्येक आधे भाग का केन्द्र पर सैक्शन कम होता है। जब रिंग को ग्रुव में एसैम्बल किया जाता है तो ये उच्च रोटेशन स्पीड का प्रतिरोध करते हैं। 

हाई स्ट्रेंग्थ टाईप (High Strength Type Ring)

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ये रेडियली एसैम्बल्ड रिंग होते हैं तथा इनमे दो बड़े लग्स होते हैं, जोकी ग्रूव के बड़े भाग को परिमाप के चारों तरफ सम्पर्क बनाते हैं। ये थ्रस्ट लोड से अच्छे प्रतिरोध की व्यवस्था करते हैं। ये रिंग तुलनात्मक साइज 'ई' या क्रेसेन्ट प्रकार के रिंग की अपेक्षा मोटे होते हैं। ये रिंग गहरे ग्रूव में बैठते हैं तथा छोटे व्यास के शाफ्ट पर बड़े शोल्डर की व्यवस्था करते हैं। 

लेखक की कलम से-
दोस्तों में हूं Sunil Kumar Yadav और इस पोस्ट में हमने जाना आईटीआई फिटर थ्योरी ITI Fitter theory के अध्याय सरक्लिप (Circlip) | सरक्लिप का वर्गीकरण (Classification Of Circlip) जैसे Axially Assemble Ring,Radially Assemble Ring और  Circlip के प्रकार के बारे में | जैसा कि मैं उम्मीद करता हूं इस पोस्ट में आपने Circlip के बारे में उचित जानकारी प्राप्त की होगी | इसी प्रकार ITI Fitter Theory से संबंधित जानकारी  प्राप्त करने  और ITI Online Exam की प्रैक्टिस के लिए हमारे साथ बने रहे तथा अपने दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें | इस पोस्ट के बारे में अगर आपका कोई सुझाव या शिकायत है तो कृपया हमें टिप्पणी(comments) करें हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा धन्यवाद |

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