इस पोस्ट में हम अलौह धातुएं | Non Ferrous Metals के बारे में जानेंगे अलौह धातुओं के प्रकार जैसे ताँबा ऐल्यूमीनियम लैड टिन जस्ता एवं लौह धातु तथा अलौह धातुओं में अन्तर |
अलौह धातुएं | Non Ferrous Metals
वह धातु जिसमें लौह कण नहीं पाए जाते हैं, उन्हें अलौह धातुएं कहते हैं |
इस प्रकार की धातुएं मुलायम, धातुवर्धनीय एवं तन्य होती हैं, जैसे तांबा एल्यूमीनियम जस्ता लेड टिन आदि |
अलौह धातुओं के प्रकार | Types Of Non Ferrous Metals
अलौह धातुएं मुख्यत: पांच प्रकार की होती हैं जो निम्नलिखित हैं |
- ताँबा (Copper)
- ऐल्यूमीनियम (Aluminium)
- लैड (Lead)
- टिन (Tin)
- जस्ता (Zinc)
ताँबा (Copper)
ताँबा मुख्य रूप से कॉपर पाइराइटीज नामक अयस्क से प्राप्त किया जाता है।
इसको अयस्क के रूप में खानों से प्राप्त किया जाता है। जब इसे खानों से प्राप्त किया जाता है, उस समय इसमें 33% तक ताँबा होता है। इसको भट्टी के द्वारा साफ करके ताँबा प्राप्त किया जाता है।
यह एक विशेष प्रकार के भूरे लाल रंग की चमकदार मुलायम धातु होती है
इसमें तन्यता, धात्वर्धनीयता का गुण होता है, इसके कारण इसके तार और चादर बनाई जा सकती हैं।
यह ताप और विद्युत की सुचालक होती है।
ताँबा (Copper) का गलनांक 1083°C होता है तथा इसका आपेक्षिक घनत्व 8.93 होता है।
इसको आसानी से सोल्डरिंग किया जा सकता है। इसको अनिलिंग (Annealing) किया जा सकता है।
इसके तार की तनन सामर्थ्य 3.15 से 4.72 मीटरी टन /से.मी. होती है।
ताँबा (Copper) का उपयोग (Use Of Copper)
ताँबे का अधिकतर उपयोग भाप के पाईप, ट्यूब, रिवेट, तार, विभिन्न प्रकार के विद्युत उपकरण, गहने आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा टिन और जस्ते के साथ मिलाकर कई प्रकार के एलॉय बनाये जाते हैं।
ऐल्यूमीनियम (Aluminium)
ऐल्यूमीनियम को बॉक्साइड अथवा एल्युमिना अयस्क से प्राप्त किया जाता है। इसको विद्युत भट्टी में साफ करके ऐल्यूमीनियम प्राप्त किया जाता है।
यह हल्के नीले रंग की मुलायम तथा हल्की धातु होती है। यह तन्य तथा धातुवर्धनीय होती है।
ऐल्यूमीनियम (Aluminium) का गलनांक 658°C तथा आपेक्षिक घनत्व 2.7 होता है। यह ऊष्मा तथा विद्युत की चालक होती है। यह चुम्बकीय नहीं होती है।
इसकी तनन सामर्थ्य कम (0.95से. 1.57 मीटरीटन/से.मी.). होती है।
यह 100°C से150°C तक भंगुर तथा धातुवर्धनीय होती है।
ऐल्यूमीनियम (Aluminium) का उपयोग (Use Of Aluminium)
इसका अधिकतर उपयोग हवाई जहाज के पुर्जे (Parts), ऑटोमोबाइल पुर्जे (Parts), घरेलू बर्तन, विद्युत तार, चादर आदि बनाने के लिए किया जाता है । इसके अलावा इसका उपयोग पेंट बनाने के लिए किया जाता है। .
लैड (Lead)
लैड मुख्य रूप से गैलेना (Galena) नामक अयस्क से प्राप्त किया जाता है।
यह नीलापन लिए ग्रे श्वेत (Blue Grey White) रंग का होता है।
इस पर पानी तथा अम्लों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। - यह मुलायम, धातुवर्धनीय तथा तन्य धातु होती है तथा यह अधिक भारी धातु होती है।
लैड (Lead) का गलनांक 327°C होता है तथा इसका आपेक्षिक घनत्व 11.3 होता है।
लैड (Lead) का उपयोग (Use Of Lead)
इसका अधिकतर उपयोग बन्दूक की गोलियाँ, बैटरी के सैल, विद्युत तारों के कवर, लैड पेंट तथा एलॉय बनाने के लिए किया जाता है।
टिन (Tin)
यह मुख्य रूप से टिन स्टोन (Tin Stone) नामक अयस्क से बनाया जाता है।
यह चाँदी के समान चमकीली सफेद रंग की नरम धातु होती है। इसमें धातुवर्धनीयता तथा तन्यता का गुण होता है |
टिन (Tin) का गलनांक 230°C होता है। इस पर वायु तथा अम्लों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
यह 100°C पर अधिक तन्य तथा धातुवर्धनीय हो जाती है, जिससे इससे पत्र बनाए जा सकते हैं तथा तार खींचे जा सकते हैं।
टिन (Tin) का उपयोग (Use Of Tin)
इसका उपयोग लोहे की चादरों पर टिन का लैप चढ़ाने के लिए, डिब्बे, कनस्तर, संदूक, टिन पन्नी (Tin Foil) जो सिगरेट लिपेटने के काम आती है, पीतल के बर्तनों पर कलई करने, टिन कोटिंग तथा विभिन्न प्रकार के एलॉय बनाने के लिए किया जाता है।
जस्ता (Zinc)
जस्ता मुख्य रूप से जिंक सल्फाइड और जिंक कार्बोनेट नामक अयस्कों से प्राप्त किया जाता है।
यह हल्के नीले रंग की धातु होती है।
जस्ता (Zinc) का गलनांक 420°C तथा आपेक्षिक घनत्व 7.1 होता है। यह 100°C से 150°C तापमान के बीच तन्य होता है।
लोहे की चादरों की जंग से बचाने के लिए लेप द्वारा पतली परत चढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
यह भंगुर होता है परन्तु गर्म करने पर धातुवर्धनीय हो जाता है इसलिए इसको रोलिंग भी किया जा सकता है।
इस पर अम्ल/तेजाब का असर जल्दी पड़ता है।
जस्ता (Zinc) का उपयोग (Use Of Zinc)
इसका अधिकतर उपयोग धातुओं पर कोटिंग करने, जिंक पेंट बनाने तथा एलॉय बनाने में किया जाता है।
लौह धातु तथा अलौह धातुओं में अन्तर (Differance Between Ferrous Metal and Non Ferrous Metal)
लौह धातुएँ (Ferrous Metal)
(1) इनमें लोहे की मात्रा उपस्थित होती है।
(2) ये कम सिकुड़ती हैं।
(3) ये अधिकतर काले और ग्रे रंग की होती हैं।
(4) इन पर जंग अधिक लगता है।
(5) इनका गलनांक अधिक होता है।
(6) लोहा, इस्पात तथा इसके मिश्रण इस वर्ग में आते है। (7) ये ठण्डी स्थिति में भंगुर होती है।
अलौह धातुएँ (Non Ferrous Metal)
(1) इनमें लोहे की मात्रा नहीं होती है।
(2) ये अधिक सिकुड़ती हैं।
(3) ये अलग-अलग रंगों में पायी जाती हैं।
(4) इन पर जंग नहीं लगता है।
(5) इनका गलनांक अपेक्षाकृत कम होता है।
(6) ताँबा, ऐल्यूमीनियम, लैड, जस्ता, टिन इस वर्ग में आते हैं।
(7) ये गरम अवस्था में भंगुर होती है।
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