ग्राइंडिंग मशीन के प्रकार और ग्राइंडिंग की विधियां | types of grinding machine and methods of grinding

इस पोस्ट में हम जानेंगे ग्राइंडिंग मशीन, ग्राइंडिंग मशीन के प्रकार एवं ग्राइंडिंग की विधियां, ग्राइंडिंग की चाल तथा फीड के बारे में

ग्राइंडिंग मशीन(grinding machine)

ग्राइंडिंग मशीन एक सूक्ष्म कर्तन औजार(cutting tool) होता है| जिसके द्वारा धातु को रफ व फिनिश के रूप में काटा जाता है |

ग्राइंडिंग मशीन में उच्च गुणवत्ता की सतह फिनिश करने की क्षमता पाई जाती है |

यह मशीन विभिन्न विधियों से धातु को ग्राइंड करती है जैसे फ्लैट सतह, आंतरिक और बाह्य बेलनाकार सतह, टेपर सतह, असमान सतह, आदि |

ग्राइन्डर मशीन के प्रकार (types of grinder machine)

मुख्य रूप से चार प्रकार के ग्राइंडर प्रयोग किए जाते हैं |

1. बेंच ग्राइन्डर(bench grinder)

2. पेडेस्टल ग्राइन्डर(pedestal grinder)

3. पोर्टेबल ग्राइन्डर(portable grinder)

4. फ्लैक्सिबल शाफ्ट ग्राइन्डर(flexible shaft grinder)

बेंच ग्राइन्डर(bench grinder)

इस प्रकार की ग्राइंडर को बेंच या मेज पर फिट किया जाता है| इसका प्रयोग हल्के कार्यों की ग्राइंडिंग करने के लिए किया जाता है |

Bench-grinder


यह ग्राइंडर एक मोटर के द्वारा चलता है जिसमें दो स्पिंडल लगे होते हैं जिस पर दो ग्राइंडिंग पहिए (grinding wheel) लगे होते हैं |

बेंच ग्राइन्डर मशीन के एक स्पिण्डल पर कोरस ग्रेन पहिया तथा दूसरे स्पिण्डल पर फाइन ग्रेन पहिया लगा होता है |

पेडेस्टल ग्राइन्डर(pedestal grinder)

पेडेस्टल ग्राइन्डर एक बेंच (pedestal) पर बना होता है, और यह है बेंच फर्श पर कसा जाता है |



पेडेस्टल ग्राइन्डर को एक मोटर के द्वारा चलाया जाता है |

इस ग्राइन्डर मैं भी दो स्पिण्डल लगे होते हैं जो कि ग्राइंडिंग पहियों से जुड़े होते हैं |

पेडेस्टल ग्राइन्डर के एक स्पिण्डल पर कोरस ग्रेन पहिया तथा दूसरे स्पिण्डल पर फाइन ग्रेन पहिया लगा होता है |

इस प्रकार की ग्राइन्डर का प्रयोग भारी कार्यों के लिए किया जाता है |

पोर्टेबल ग्राइन्डर(portable grinder)

पोर्टेबल ग्राइन्डर मैं मोटर के बाहरी सिरे पर ग्राइंडिंग पहिया फिट होता है |

इस ग्राइंडर को हाथ से पकड़ कर प्रयोग में लाया जाता है |

पोर्टेबल ग्राइन्डर का प्रयोग भारी कार्यों के लिए किया जाता है |

इस ग्राइंडर का अधिकतर उपयोग कास्टिंग (casting) या लोकोमोटिव शॉप वेल्डिंग कीये हुए कार्यखंड या जॉब से अतिरिक्त धातु की ग्राइंडिंग करने के लिए किया जाता है |

फ्लैक्सिबल शाफ्ट ग्राइन्डर(flexible shaft grinder)

फ्लैक्सिबल शाफ्ट ग्राइन्डर कॉम हाथ से पकड़ कर काम में लिया जाता है |

इस ग्राइंडर में विद्युत मोटर के आगे एक फ्लैक्सिबल शाफ्ट लगी होती है | और शाफ्ट की सीरे पर ग्राइंडिंग पहिया लगा होता है|

फ्लैक्सिबल शाफ्ट ग्राइन्डर का उपयोग सेंडिंग बफिंग, रोटेटिंग, आदि कार्यों के लिए किया जाता है |

ग्राइंडिंग की विधियां (methods of grinding)

ग्राइंडिंग करते समय अलग-अलग प्रकार के कार्यों की ग्राइंडिंग के अनुसार अलग-अलग विधि प्रयोग में ली जाती है मुख्य रूप से सात विधियों का प्रयोग किया जाता है जो निम्नलिखित प्रकार हैं |

1 सतह ग्राइंडिंग(surface grinding)

2. फलक ग्राइंडिंग(face grinding)

3. बेलनाकार ग्राइंडिंग(cylindrical grinding)

4. आंतरिक ग्राइंडिंग(internal grinding)

5. प्लंज कट ग्राइंडिंग(plunge cut grinding)

6. फॉर्म ग्राइंडिंग(form grinding)

7. केंद्र रहित ग्राइंडिंग(centerless grinding)

सतह ग्राइंडिंग(surface grinding)

सतह ग्राइंडिंग विधि के द्वारा क्षैतिज सतहों (horizontal surface ) की ग्राइंडिंग की जाती है |



इस विधि में कार्यखंड या जॉब को आगे पीछे तथा दाएं बाएं गति करने वाली मेजों पर पकड़कर ग्राइंडिंग की जाती है |

फलक ग्राइंडिंग(face grinding)

फलक ग्राइंडिंग विधि के द्वारा ऊर्ध्वाधर (vertical) चौरस सतह की ग्राइंडिंग की जाती है |

बेलनाकार ग्राइंडिंग(cylindrical grinding)

इस विधि से बेलनाकार (cylindrical) तथा टेपर सतह की ग्राइंडिंग की जाती है |



टेपर सतह पर जो ग्राइंडिंग की जाती है उसे टेपर ग्राइंडिंग कहते हैं |

आंतरिक ग्राइंडिंग(internal grinding)

इस विधि से बेलनाकार (cylindrical) और छिद्रों के अंदर की ग्राइंडिंग की जाती है |

प्लंज कट ग्राइंडिंग(plunge cut grinding)

इस विधि के द्वारा छोटे कार्य खंड या जॉब की ग्राइंडिंग की जाती है|

इस विधि में पहिए को कार्य या जॉब की सतह में सीधा फीड किया जाता है |

फॉर्म ग्राइंडिंग(form grinding)

इस विधि के द्वारा कार्य खंड या जॉब की ग्राइंडिंग करके फाॅर्मड सताए प्राप्त करते हैं |

इस विधि में पहिए की ड्रेसिंग करके कार्य या जॉब की सतह पर फिड दिया जाता है |

केंद्र रहित ग्राइंडिंग(centerless grinding)

इस विधि में बेलनाकार सतहो पर बाहरी ग्राइंडिंग की जाती है|


यह बेलनाकार और टेपर जॉब या कार्यखंड जिनमें केंद्र(centre) नहीं होता है उनमें केंद्र रहित ग्राइंडिंग की जाती है |

ऑफहैंड ग्राइंडिंग (off hand grinding)

जिन कार्यखंड या जॉबो मैं एक अच्छी फिनिश और एक्यूरेसी की आवश्यकता नहीं होती है वहां ऑफहैंड ग्राइंडिंग की जाती है |

इस विधि के द्वारा जॉब पर हाथ से दबाव देकर ग्राइंडर के द्वारा घिसाई की जाती है |

ऑफहैंड ग्राइंडिंग बेंच ग्राइंडर तथा पेडेस्टल ग्राइंडर के द्वारा की जाती है |

ऑफहैंड ग्राइंडिंग के लिए औजार (tools for off hand grinding)

ऑफहैंड ग्राइंडिंग के लिए निम्नलिखित 5 औजार प्रयोग में लाए जाते हैं |

1. स्क्राइबर (scribers)

2. पंच (punches)

3. छैनी (chisel)

4. ट्विस्ट ड्रिल (twist drill)

5. एकल बिंदु कर्तन औजार (single point cutting tools)


ग्राइंडिंग पहिए की कर्तन चाल (cutting speed of grinding wheel)

ग्राइंडिंग पहिए की परिधि पर किसी बिंदु की परिधीय गति कर्तन चाल कहलाती है |

ग्राइंडिंग पहिए की कर्तन चाल को प्रति सेकण्ड में मापा जाता है |

ग्राइंडिंग पहिए की कर्तन गति का सूत्र

 v= πDN÷1000×60

यहां पर v=कर्तन गति

N= चक्कर प्रति मिनट (R.P.M)

D= पहिए का व्यास

ब्रिटिश प्रणाली में कर्तन गति फिट प्रति मिनट में ज्ञात करते हैं |

कर्तन गति = πDN÷12

ग्राइंडिंग पहिए की फीड (feed off grinding wheel)

किसी ग्राइंडिंग पहिए के द्वारा एक चक्कर में कार्य खंड्या जॉब पर चली गई दूरी को फीड (feed) कहते हैं |

फीड को मिली मीटर प्रति चक्कर से प्रदर्शित किया जाता है|

रफ कार्य के लिए फीड 0.025 से 0.01 होनी चाहिए तथा फिनिश कार्य के लिए 0.0625 से 0.0125 मिली मीटर तक होनी चाहिए |

यदि हम फीड को अधिक रखते हैं तो उत्पन्न स्पार्क की धारा भी अधिक होगी |


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