ग्राइंडिंग पहिए की ग्रेड, एवं ग्राइंडिंग पहिए का चयन कैसे करें

 

इस पोस्ट में हम ग्राइंडिंग पहिए की ग्रेड की बारे में जानेंगे ग्राइंडिंग पहिए का चयन कैसे करते हैं
ग्राइंडिंग पहिए की संरचना, तथा ग्राइंडिंग पहिए के विभिन्न ऑपरेशन जैसे लोडिंग, ग्लेजिंग, ड्रेसिंग, आदि के बारे में जानेंगे|

ग्राइंडिंग पहिए की ग्रेड क्या होती है( grade of grinding wheels)

ग्राइंडिंग पहिए के लिए बॉण्ड की कठोरता(hardness) को दर्शाना ही ग्रेड कहलाता है|
अगर दूसरे शब्दों में कहें तो बॉण्ड की सामर्थ्यता को ही ग्राइंडिंग पहिए कि ग्रेड कहा जाता है|
जिन ग्राइंडिंग पहियों में अपघर्षक (abrasive) जल्दी-जल्दी टूट कर गिर जाते हैं, वह मुलायम ग्रेड की होते हैं|
और जो कणों को मजबूती से जुड़े रखते हैं उन्हें कठोर ग्रेड के पहिए कहते हैं |
बॉण्ड की कठोरता A से Z तक होती है, A ग्रेड का पहिया मुलायम(soft) तथा Z ग्रेड का पहिया सबसे कठोर(hard) होते हैं |

ग्राइंडिंग पहिए की ग्रेड का चयन कैसे करें (grade selection of grinding wheels)

ग्राइंडिंग पहिए की ग्रेड का चयन मुख्य रूप से तीन बातों पर निर्भर करता है
1. घिसाई किए जाने वाले पदार्थ की कठोरता पर|
2. ग्राइंडिंग पहिए और कार्य की गति पर|
3. कार्य के संपर्क में ग्राइंडिंग पहिए के आर्क पर |

ग्राइंडिंग पहिए का उपयोग धातु एवं कार्य के अनुसार होता है जैसे कम कार्य के लिए कठोर पहिए की आवश्यकता होती है |और अधिक कार्य के लिए मुलायम पहिए की आवश्यकता होती है|
जिन कार्यों में कम्पन्न होने की संभावना हो वहां कठोर पहिए का प्रयोग किया जाता है|

ग्राइंडिंग पहिए की संरचना(structure of grinding wheel)

ग्राइंडिंग पहिए के घनत्व का बोध करना उसकी संरचना कहलाता है अथवा ग्राइंडिंग पहिए के अपघर्षक(abrasive) कणों के बीच के अंतर को ही उसकी संरचना कहते हैं|
ग्राइंडिंग पहिए में बॉण्ड का अनुपात उसके अनुपात का 10% से 30% तक होता है |
संगम संरचना वाले पहियो मैं अपघर्षक कण पास पास होते हैं और रन्र्धता(porosity) कम होती है तथा खुली संरचना वाले पहियों मैं अपघर्षक कण दूर दूर होते हैं एवं रन्र्धता(porosity) अधिक होती है|
ग्राइंडिंग पहिए की सघन संरचना 1 से 8 तक तथा खुली संरचना को 9 से 16 तक व्यक्त किया जाता है|


ग्राइंडिंग पहिए की संरचना का चयन(structure selection off grinding wheel)

ग्राइंडिंग पहिया की संरचना का चयन मुख्यतः तीन बातों पर निर्भर करता है
1. ग्राइंड की जाने वाली धातु की कठोरता पर
2. वांछित फिनिश के आधार पर
3. ग्राइंडिंग संक्रिया के आधार पर


कठोर और भंगुर पदार्थों की ग्राइंडिंग और फिनिशिंग के लिए सघन संरचना वाले पहिए का प्रयोग किया जाता है और मुलायम तथा अन्य पदार्थों की ग्राइंडिंग और फिनिशिंग के लिए खुली संरचना वाले ग्राइंडिंग पहिए का प्रयोग किया जाता है|


ग्राइंडिंग पहियों का साइज और  विनिर्देशन(size and specification of grinding wheel)

ग्राइंडिंग पहिए मानक साइज(standard size) के बनाए जाते हैं |
ग्राइंडिंग पहिए का साइज उनके ग्राइंडिंग व्यास, उनकी मोटाई और छेद(hole) के व्यास से व्यक्त होता है|
इसके अतिरिक्त कुछ संकेत अक्षर ग्राइंडिंग पहिए के ऊपर क्रम से लिखे जाते हैं जैसे
1. अपघर्षक का प्रकार(type of abrasive)
2. ग्रेन साइज(grain size)
3. ग्रेड(grade)
4. संरचना(structure)
5. बॉन्ड का प्रकार(types of bond)
6. उत्पादक का रिकॉर्ड(record of productor)


41A46HSV6

इसमें A - अपघर्षक(abrasive)
B - ग्रेन साइज(grain size) H- ग्रेड(grade) S- संरचना(structure) V- बॉन्ड का प्रकार(types of bond) 41ओर 6 उत्पादक के रिकॉर्ड के संकेत है|


ग्राइंडिंग पहिए का चयन कैसे करें(selection of grinding wheel)

ग्राइंडिंग पहिए का चयन हमेशा कार्य के अनुसार ही किया जाता है क्योंकि एक दूसरे से भिन्न होते हैं|
ग्राइंडिंग पहिए का चयन करते समय पांच बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है|
1. पहिए का साइज(size of wheel)
2.अपघर्षक(abrasive)
3. कणो का साइज(size of grain)
4. बॉण्ड(bond)
5. कार्य की गति(speed of work)


1. पहिए का साइज(size of wheel)

अलग-अलग साइज के अनुसार ग्राइंडिंग पहिए अलग-अलग प्रकार के होते हैं इनमें पतला पहिया(thik wheel) घिसाई(grinding) के लिए प्रयोग किया जाता है|
किसी भी कार्यखण्ड या जॉब के लिए एक अच्छे साइज के पहिए की आवश्यकता होती है |

2.अपघर्षक(abrasive)

कृत्रिम अपघर्षक मैं सिलीकान कार्बाईड के गुण तन्न सामर्थ्य(tensile strength) वाले पदार्थों को ग्राइंड करने के लिए उपयुक्त रहता है|

3. कणो का साइज(size of grain)

कार्यखण्ड अथवा जॉब की सफाई के लिए कणो का साइज उपयुक्त होना जरूरी होता है
एक अच्छी फिनिश प्राप्त करने के लिए ग्रेन साइज छोटा होना चाहिए| और जिस स्थान पर अच्छी फिनिश की आवश्यकता नहीं हो वहां मोटे ग्रेन साइज का उपयोग करना चाहिए|

4. बॉण्ड(bond)

बॉण्ड का चुनाव करना एक कठिन कार्य होता है|
इसमें नरम कार्य(soft work) के लिए सख्त पाहिए (Hard wheel) का इस्तेमाल करना चाहिए|
और सख्त(hard) कार्य के लिए नरम पहिए का उपयोग करना चाहिए|

5. कार्य की गति(speed of work)

ग्राइंडिंग पहिए का चुनाव करते समय जॉब की गति का भी ध्यान रखा जाना अति आवश्यक होता है|
इसमें अधिक गति वाले पहिए का बॉन्ड सख्त होना चाहिए तथा कम गति वाले पहिए का बॉन्ड मुलायम होना चाहिए|


ग्राइंडिंग व्हील का उपयोग गति के आधार पर हम इस टेबल के माध्यम से देख सकते हैं|

Grinding-cutting-speed-according-metal
Cutting-speed-of-grinding


लोडिंग (loading)

ग्राइंडिंग पहिए से नर्म (soft) पदार्थों की ग्राइंडिंग करते समय पदार्थ के छोटे-छोटे बारीक कण ग्राइंडिंग पहिए(grinding wheel) के छोटे-छोटे चित्रों में फंस जाते हैं इसे ही लोडिंग कहा जाता है|
यदि ग्राइंडिंग पहिए की गति कम और धातु कठोर हो तो लोडिंग हो जाती है|
यदि लोडिंग ग्राइंडिंग पहिए का उपयोग किया जाए तो जो पर निशान पड़ जाते हैं और बियरिंग भी ठीक कार्य नहीं कर पाता है| एवं पहिया भी एक तरफ होकर चलने लगता है|


ग्लेजिंग(glazing)

जब ग्राइंडिंग पहिए से अधिक ग्राइंडिंग की जाती है दोपहिया शीशे की तरह चिकना बन जाता है इसमें अपघर्षक कण बांड से जल्दी झड़ जाते हैं, ग्राइंडिंग पहिए की इस स्थिति को ग्लेजिंग कहते हैं |
यदि बॉन्ड भी अपघर्षक(abrasive) काणों के साथ घिसता जाता है तो पहिया सही हालत में रहता है और सही कटाई भी करता है|
ग्लेजिंग की समस्या से निपटने के लिए धातु वाला ग्राइंडिंग पहिया प्रयोग में लाया जाता है|


ड्रेसिंग(dressing)

अपघर्षक(abrasive) कणों को तोड़कर नए कण बाहर निकालने की क्रिया को ड्रेसिंग कहा जाता है
यह क्रिया एक ड्रेसर औजार(tool) की सहायता से की जाती है|

ड्रेसिंग औजार(dressing tool) हीरा कार्बाइड या टंगस्टन कार्बाईड का बना होता है|

ग्राइंडिंग पहिए में अनावश्यक पदार्थ भर जाने के कारण पहिए की घिसाई क्षमता के कम हो जाने से ड्रेसिंग करने की आवश्यकता होती है|
ड्रेसिंग प्रक्रिया के द्वारा भरे हुए अनावश्यक पदार्थों को निकाल दिया जाता है और नए घिसाई की स्थिति में निकल आते हैं|
यदि ग्राइंडिंग पहिया ठीक, साफ और तेज(sharp) होता है तो ग्राइंडिंग ठीक होती है
इस पोस्ट में हमने ग्राइंडिंग पहिए की संरचना, तथा ग्राइंडिंग पहिए के विभिन्न ऑपरेशन जैसे लोडिंग, ग्लेजिंग, ड्रेसिंग, आदि के बारे में जाना
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