पिन (Pin) क्या होती है | पिन के प्रकार Types Of Pin तथा पिन (Pin) के महत्व (Importance of Pin)

 दोस्तों इस पोस्ट में हम जानेंगे आईटीआई फिटर थ्योरी ITI Fitter theory के अध्याय | पिन (Pin) क्या होती है पिन के प्रकार Types Of Pin तथा पिन (Pin) के महत्व (Importance of Pin) के बारे में |

पिन (Pin) क्या होती है

पिन एक अस्थाई फास्टनर Temporary Fastener है|
इसका प्रयोग भी कॉटर की तरह होता है, जिसको शाफ्ट की अक्ष (Axial) के क्रॉस में छेद करके प्रयोग में लाया जाता है। कार्य के अनुसार ये कई प्रकार की पायी जाती हैं, जैसे-ठोस (Solid) पिन, स्प्लिट पिन तथा गजन पिन आदि। ये हल्के कार्यों के लिए उपयोगी हैं, यानी इनके द्वारा स्पिण्डल या छोटे शाफ्ट पर पहिए, गियर व लीवर आदि अस्थायी रूप से कसे जाते हैं। इन कार्यों के लिए टेपर पिन अधिक उपयोगी सिद्ध होती है। इसका स्टैंडर्ड, टेपर 50 से 1 होता है तथा नौमिनल साइज इसके बड़े सिर का व्यास होता है। यह कम्पोनेंट को एक साथ लोकेट करने तथा पकड़ने की एक विधि है |

पिन के प्रकार Types Of Pin

मुख्य रूप से 5 प्रकार की पिन प्रयोग में ली जाती है | जो निम्नलिखित हैं -


  1. पैरलल पिन्स (Parallel Pin)
  2. कॉटर पिन्स (Cotter Pin)
  3. टेपर पिन्स (Taper Pin)
  4. डावल पिन (Dowel pins)
  5. स्प्रिंग पिन (Spring Pin)


पैरलल पिन्स (Parallel Pin)



Parallel-Pin, Parallel-Pins,

ये रीमींग किये गये होल में डावल की तरह फिट की जाती है तथा रिटेनिंग रिंग से स्थिति में पकड़ी जाती है। 

कॉटर पिन्स (Cotter Pin)

Cotter-Pin, Cotter-Pins,

कॉटर पिन्स (Cotter Pin) ज्यादातर उपयोग कटिंग डाइयों में किया जात है। इसे गाइड पिन के नाम से भी जाना जाता है। इस पिन के द्वारा शीट को निर्धारित स्थान पर गाइड किया जाता है। इससे स्प्लिट डाई भी गाइड की जाती है।

टेपर पिन्स (Taper Pin)

Taper-Pin, Taper-Pins,


टेपर पिन पार्ट्स को शुद्धता से स्थिर करती है। कम्पोनेन्ट की स्थिति को बदले बिना सरलता से डिस्मेंटल तथा एसैम्बल किया जा सकता है। टेपर पिन को फिट करने वाले होल में टेपर पिन रीमर के उपयोग से फिनिश किया जाता है। 


डावल पिन (Dowel pins)

डावल पीन एक बेलनाकार आकार कि होती हैं | यह पिन आवश्यकता अनुसार अलग-अलग लंबाई की बनाई जा सकती हैं |

डावल पिन का उपयोग Use Of Dowel pins

डावल पिन Dowel pins  का उपयोग मुख्य रूप से दो वस्तुओं के बीच में सापेक्ष गति को रोकने के‌ लिये किया जाता है तथा इसके द्वारा किसी दूसरे Joint लगाने वाले Element को Support  भी प्रदान किया जाता है | डावल पिन Dowel pin प्रायः मृदु इस्पात Mild Steel की बनी होती है या फिर लगाए जाने वाले जॉइंट के हिसाब से हम Material को आवश्यकतानुसार Select कर सकते हैं |

स्प्रिंग पिन (Spring Pin) 

Spring-Pin, Spring-Pins,


ये एसैम्बली को एक साथ ड्रिलिंग तथा रीमिंग करने की आवश्यकता का विलोपन करती है। कुछ मिसएलाइनमेंट के केस में स्प्रिंग पिन स्वतः एडजस्ट हो जाती है। 

पीनिंग (Pinning)

Pinning


एक साथ जब दो पार्ट को एसैम्बली करने की यह एसैम्बली की एक विधि है। मूल रूप से यह रिवेटिंग के समान ही है। 

स्टेकिंग (Steking)

Steking,


यह एसैम्बली में पार्टो को रिटेन (प्रतिधारण) करने की विधि है जिसमें कुछ भाग को या पूरे कम्पोनेन्ट को अन्य कम्पोनेन्ट में बल द्वारा डाला जाता है। यह फिट की दक्षता को बढ़ाती है। 

पिन का महत्व (Importance of Pin)

यह दो या अधिक पार्ट्स को शुद्धता से स्थिर करने में प्रयोग होता है। इसके द्वारा पार्ट्स को अलग-अलग एवं अपनी स्थिति में पुनः स्थिर किया जा सकता है। एसैम्बली के प्रकार पर निर्भर करते हुए विभिन्न प्रकार के डावल्स Pin प्रयोग किये जाते हैं। एसेम्बली में डावेल किये गये कम्पोनेन्ट को सदैव रिटैनिंग स्क्रू के साथ फिक्स किया जा सकता है।

लेखक की कलम से-
दोस्तों में हूं Sunil Kumar और इस पोस्ट में हमने जाना आईटीआई फिटर थ्योरी ITI Fitter theory के अध्याय | पिन (Pin) क्या होती है | पिन के प्रकार Types Of Pin तथा पिन (Pin) के महत्व (Importance of Pin) के बारे में|इसी प्रकार ITI Fitter theory से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ बने रहे तथा अपने दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इस पोस्ट के बारे में अगर आपका कोई सुझाव या शिकायत है तो कृपया हमें टिप्पणी(comments) करें हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा धन्यवाद |

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