इस पोस्ट में हम विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी, और एसैम्बलिंग क्या है, और इनके क्या लाभ है के बारे में विस्तार से जानेंगे|
विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी का परिचय(introduction of interchangeability)
जब कभी हमें एक ही तरह के पार्ट्स अधिक मात्रा में बनाने हो जो कि बिल्कुल एक ही साइज, एक ही आकार और परिशुद्धता में एक दूसरे के स्थान पर फिट हो जाएं तो इसे विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी(interchangeability) कहते हैं|
जब कभी मशीन के किसी खराब या घिसे हुए पुर्जे(parts) को बदलना पड़े तो उसके स्थान पर फिट किए जाने वाला पुर्जा किसी भी कंपनी से मंगवाया गया हो या नया हो तो यह खुर्जा बिना मशीनिंग संक्रिया(machining operation) के आसानी से फिट हो जाए और मशीन पहले की तरह कार्य करने लगे तो पूर्जों के फिट होने कि इस गुण को भी विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी कहते हैं|
अतः अगर दूसरे शब्दों में कहें तो मशीन या उपकरण में घिसे और टूटे-फूटे पुर्जो के स्थान पर नए पूजों की अदला-बदली को इंटरचेंजेबिलिटी कहते हैं|
एसैम्बलिंग क्या है
जब कोई भी उपकरण या मशीन बनाने के लिए अलग-अलग आकार की पूर्जो(parts) की आवश्यकता होती है, जिन्हें विभिन्न विधियों से बना कर और आपस में जोड़कर उपकरण या मशीन का नाम दिया जाता है इन पार्ट्स को जोड़ने की क्रिया को एसैम्बलिंग(assembling) कहा जाता है|
विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी के लाभ
विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी के अनेक लाभ हैं जो इस प्रकार है|
1. असेंबलिंग में कम समय लगता है|
2. पार्ट का रिजेक्शन(rejection) कम होता है|
3. उत्पादन तथा उपयोग के क्षेत्र में बढ़ोतरी होती है|
4. घिसे और टूटे मशीन पुर्जो को बदलने में सुविधा होती है क्योंकि बाजार में मिलने वाले पुर्जे मूल पुर्जे के विवरण के अनुसार बने होते है|
दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना विनिमयशीलता या इंटरचेंजेबिलिटी, और एसैम्बलिंग क्या है, और इनके क्या लाभ हैं | अगर आपको हमारा पोस्ट पसंद आया कृपया फॉलो करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
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