हेलो दोस्तों मेरा नाम है सुनिल कुमार और मैं आज आपको बताऊंगा| गेज के इस्तेमाल के लाभ के बारे में साथ ही गेज के आकार और उसकी धातु कौन सी होती है तथा शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर यह कितने प्रकार के होते हैं|
गेज का परिचय|introduction of gauge
अधिकतर कारखानों में एक ही साइज और आकृति के पार्ट्स का उत्पादन अधिक संख्या में होता है|उन्हें चेक करने के लिए गेजों का इस्तेमाल किया जाता है|इन सभी पार्ट्स को चेक करने के लिए स्टील रूल वर्नियर कैलीपर वर्नियर माइक्रोमीटर आदि का इस्तेमाल किया जा सकता ह परंतु इनसे समय अधिक लगता है और बार-बार चेक करने से समय नष्ट होने के कारण उनकी कीमत बढ़ जाती है अधिक (सैकड़ों) पुर्जों को चेक करने में गलती होने की संभावना भी रहती है| इसलिए एक ही साइज के बहुत सारे पार्ट्स को चेक करने के लिए हम गेज का उपयोग करते हैं|
गेज का आकार एवं धातु|shape and material of gauge
अलग-अलग कार्य के अनुसार गेज इस प्रकार से बनाई जाते हैं| कि उनसे किसी कार्य खंड या जॉब की लंबाई, मोटाई, कौणीय सतह, छेद तथा आंतरिक एवं बाहरी चूड़ियां चेक करने के लिए किया जा सके|कम उपयोग में आने वाली गेज हाई कार्बन स्टील (high Carbon Steel) की बनी होती है और इनको कठोर करके ग्राइंड (grind) कर लिया जाता है|
जिन गेजों का इस्तेमाल अधिक होता है और जिनके घिसने का डर रहता है, उन्हें क्रोमियम स्टील या वैनेडियम स्टील से बनाया जाता है| और उनकी इलेक्ट्रोप्लेटिंग की जाती है|
इलेक्ट्रोप्लेटिंग क्या है?
गेजो को जल्दी-जल्दी किसने से बचाने के लिए उनकी चेकिंग सतह (गेजिंग सतह) पर क्रोमियम की एक परत चढ़ा देते हैं, जिसे इलेक्ट्रोप्लेटिंग कहते हैं|इसके बाद गेज की ग्राइंडिंग तथा लैपिंग करके उसे परिशुद्ध बना लिया जाता है|शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर गेज के प्रकार|types of gauge according to accuracy and use
शुद्धता एवं प्रयोग के आधार पर गेंजों को चार प्रकार से विभाजित किया जा सकता है|
1. वर्कशॉप गेज|workshop gauge
2. इंस्पेक्शन गेज|inspection gauge
3. रेफरेंस गेज|reference gauge
4. रेडियस गेज|radius gauge
वर्कशॉप गेज|workshop gauge
इस प्रकार के गैजों का इस्तेमाल कार्यशाला (workshop) में कारीगर द्वारा कार्य करते समय किया जाता है|इस प्रकार के गेजों की टोलरेंस अपेक्षाकृत इंफेक्शन गेजों तथा रिफरेंस गेजो से कम रखी जाती है|
इंस्पेक्शन गेज|inspection gauge
इंस्पेक्शन गेजों का इस्तेमाल वर्कशॉप गेजो की सूक्ष्मता(accuracy) को चेक करने के लिए प्रोडक्शन इंस्पेक्टर के द्वारा किया जाता है|रिफरेंस गेज|reference gauge
रिफरेंस गैजों का इस्तेमाल इंस्पेक्शन गेजों तथा वर्कशॉप गेजो की क्षमता को चेक करने के लिए किया जाता है|इनको मास्टर गेज या कंट्रोल गेज भी कहते हैं|
रेडियस गेज|radius gauge
रेडियस गेज को फिलेट गेज भी कहते है|इस गेज के द्वारा किसी कार्य खंड या जॉब भीतरी या बाहरी रेडियस चेक की जाती है
यह सेट के रूप में पाई जाती है, जिसमें रेडियस के अनुसार कई ब्लेड होती है| इन ब्लेडों को एक नट और एक पेच की सहायता से एक होल्डर में फिट कर दिया जाता है|
रेडियस गेज का साइज
भारतीय स्टैंडर्ड के अनुसार 0.6 मिलीमीटर से 25 मिलीमीटर तक साइज में पाई जाती है|यह तीन सेटों के रूप में मिलती है
1. 0.6से0.8 मिलीमीटर
2. 1 से 6 मिलीमीटर 1,1.2,1.6,2.5,3,4,5,6 मिलीमीटर
3. 8 से 25 मिलीमीटर 8,10,12,14,16,18,20,22,25 मिलीमीटर
गेजों के इस्तेमाल के लाभ|advantage of gauge use
1. समय की बचत|time saving2. बर्बादी से बचत|wastage saving
3. इंटरचेन्जेबिलिटी|interchangeability
4. वर्गीकरण करना|classification
समय की बचत|time saving
गेजों की सहायता से कम समय में अधिक संख्या में कार्यखण्ड या जॉब को चेक किया जा सकता है|बर्बादी से बचत|wastage saving
कारीगर के द्वारा जॉब या कार्यखण्ड को चेक करने से गलत जॉब नहीं बन सकता जिससे धातु बर्बाद होने से बच जाती है|इंटरचेन्जेबिलिटी|interchangeability
इंटरचेन्जेबिलिटी से पार्ट्स को अदला-बदली करने लायक बनाने में आसानी होती है|तथा इंटरचेन्जेबिलिटी से शुद्धता आती है जिसके कारण पार्ट्स को जोड़ते समय सही-सही जुड़ते हैं|
वर्गीकरण करना|classification
गेज का इस्तेमाल करने से असेंबलिंग करते समय पार्ट्स का वर्गीकरण आसानी से किया जा सकता है|दोस्तों आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा कृपया हमें कमेंट करके सुझाव दें धन्यवाद
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