चूड़ियों का परिचय, उपयोग, गति के आधार पर प्रकार, और चूड़ी के भाग

आज हम जानेंगे चूड़ियों(threads) का परिचय, कार्य के अनुसार चूड़ियों के उपयोग, गति के आधार पर चूड़ियों के प्रकार, तथा चूड़ी के भाग के बारे में |

चूड़ियों का परिचय(introduction of threads)

किसी गोल आकार को जॉब के बाहरी या भीतरी सतह पर एक समान दूरी से लगातार बढ़ती हुई घुमावदार झुकी हुई झिर्रियों(grooves) को चूड़ियां कहते हैं|

बाहरी चूड़ियां(external threads)

जॉब के बाहरी सतह पर बनी चूड़ियों को बाहरी चूड़ियां(external threads) कहते हैं| जैसे-बोल्ट, स्टड, पेच और स्पिन्डल आदि में कटी चूड़ियां |

भीतरी चूड़ियां(internal threads)

जॉब के गोल छेद में कटी चूड़ियों को भीतरी चूड़ियां(internal threads) कहते हैं, जैसे- नट, या जॉब के अन्य छेदो में कटी चूड़ियां |

कार्य के अनुसार चूड़ियों के उपयोग (threads use according to works)

अलग-अलग कार्यों के अनुसार चूड़ियों का उपयोग निम्न प्रकार से कर सकते हैं|
1. बंधक की तरह(as a fastener)
2. गति देने के लिए(for transmit motion)
3. भार उठाने के लिए(for load lifting)
4. सही माप के लिए(for accurate measurement)
5. गति को कम करने के लिए(for speed reduction)
6. समायोजन के लिए(for adjustment)

बंधक की तरह(as a fastener)

पेच चूड़ियों(screw threads) की सहायता से दो या दो से अधिक भागों(parts) को आपस में आसानी से जोड़ा जा सकता है, जैसे- नट, बोल्ट, तथा स्क्रू द्वारा

गति देने के लिए(for transmit motion)

पेच चूड़ियों की सहायता से गति भी दी जा सकती है, जैसे-लेथ मशीन की लीड स्क्रु और रैक एवं पिनियन |

भार उठाने के लिए(for load lifting)

पेच चूड़ियों(screw threads) की सहायता से कम बल लगाकर अधिक भार को आसानी से उठाया जा सकता है, जैसे-स्क्रु जैक की सहायता से भारी वाहनों को आसानी से उठाया जा सकता है |

सही माप के लिए(for accurate measurement)

पेच चूड़ियों(screw threads) का प्रयोग करके सही माप ले सकते हैं, जैसे- माइक्रोमीटर द्वारा मांप लेना |
गति को कम करने के लिए(for speed reduction)
चूड़ियों की सहायता से गति को कम किया जा सकता है|जैसे- वर्म तथा वर्म व्हील  के द्वारा गति को कम करना |

समायोजन के लिए(for adjustment)

चूड़ियों(threads) की सहायता से किसी वस्तु को समायोजन कर सकते हैं, जैसे- डाई स्टॉक में समायोजन(adjustment) करना |

गति के आधार पर चूड़ियों के प्रकार(types of threads according to speed)

गति के आधार पर सभी चूड़ियां दो प्रकार की होती हैं|
1. वामाव्रत चूड़ियां(left hand threads)
2. दक्षिणावर्त चूड़ियां(right hand threads)


वामाव्रत चूड़ियां(left hand threads)

Left-hand-threads,वामावर्त-चुडिया
Left-hand-threads


यह चूड़ियां घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में घूमाते समय कसी जाती है|
इन चूड़ियों का झुकाव(inclination) बायी और होता है |

दक्षिणावर्त चूड़ियां(right hand threads)

Right-hand-threads,दक्षिणावर्त-चूड़ियां
Right-hand-threads


दक्षिणावर्त चूड़ियां घड़ी की सुई की दिशा(clockwise) में घूमाते समय कसी जाती हैं |
इन चूड़ियों का झुकाव(inclination) दायीं और होता है | इन चूड़ियों का उपयोग अधिकतर इंजीनियरिंग कार्यों में किया जाता है |

चूड़ी के भाग(parts of threads)

चूड़ी के भागों को आप इस चित्र के माध्यम से देख व समझ सकते हैं|

Parts-of-threads,चूड़ी-के-भाग
Parts-of-threads

1. मेजर डायमीटर(major diameter)

यह किसी चूड़ी का सबसे बड़ा व्यास होता है|

2. माइनर डायमीटर(minor diameter)

यहां किसी चूड़ी का सबसे छोटा व्यास होता है |

3. पिच डायमीटर(pitch diameter)

यह किसी चूड़ी का काल्पनिक व्यास होता है जो कि मेजर डायमीटर तथा माइनर डायमीटर के बीच में स्थित होता है यदि मेजर डायमीटर में से चूड़ी की अकेली गहराई घटा दी जाए तो पिच डायमीटर ज्ञात हो जाता है |

4. अक्ष(axis)

किसी पेज(screw) के बीचो बीच केंद्र(centre) से उसकी पूरी लंबाई तक गुजरती हुई सीधी रेखा को अक्ष(axis) कहते हैं |

5. पिच(pitch)

एक चूड़ी(thread) के केंद्र(centre) से दूसरी चूड़ी के केंद्र के बीच की दूरी को पिच कहते हैं |

6. लीड(lead)

पेज चूड़ी(screw thread) एक चक्कर में जितनी दूरी तय करती है वह उसकी लीड कहलाती है सिंगल स्टड वाली चूड़ी में लीड और पिच बराबर होती है |

7. क्रेस्ट(crest)

चूड़ी की दोनों साइडें ऊपर की तरफ जिस स्थान पर आकर मिलती हैं उसे क्रेस्ट कहते हैं |
8. रूट(root)
पेच चूड़ी की दोनों साइडें नीचे की तरफ जिस स्थान पर आकर मिलती हैं उसे रूट कहते हैं |

9. फ्लेंक या साइड(falank aur side)

यह चूड़ी की तिरछी सतह होती है, जो क्रेस्ट और रूट को मिलाती है |

10. चूड़ी का कोण(angle of thread)

पेज चूड़ी की दोनों साइड आपस में मिलने के बाद जो कौण बनता है उसे चूड़ी का कौण कहते हैं |

11. हेलिक्स कोण(helix angle)

पिच डायमीटर अक्ष के लंबवत पेच चूड़ी के हेलिक्स के द्वारा बनाया हुआ कोण हेलिक्स कोण कहलाता है |

12. चूड़ी की गहराई(depth of threads)

पेच चूड़ी के क्रेस्ट और रूट के बीच की दूरी को यदि अक्ष के लंबवत मान लिया जाए तो वह चूड़ी की गहराई कहलाती है |

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