वाशर (Washer) क्या है वासर के प्रकार Types Of Washer और नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut)

ITI Fitter theory मैं आज हम जानेंगे वाशर (Washer) क्या है वासर के प्रकार Types Of Washer और नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut) आदि के बारे में |

वाशर (Washer) क्या है

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जब नट और बोल्ट से दो भागों को अस्थायी रूप से जोड़ा जाता है तो नट को कसते समय पार्ट की सतह को खराब होने से बचाने एवं जोड़े जाने वाले पार्टो पर एक समान और पर्याप्त दाब (Pressure) देने के लिए वाशर प्रयोग किए जाते हैं। 

वाशर कि धातु Washer Ki Dhatu - वाशर प्रायः धातु (metal) की शीट से बनाए जाते हैं, जिनके सैंटर में बोल्ट को पास करने के लिए छेद बनाया जाता है। कार्य के अनुसार फैरस एवं नॉन-फैरस धातुओं के वाशर भी बनाए जाते हैं। 

वाशर के प्रकार Types Of Washer

वासर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जोकि निम्नलिखित है-

  1. प्लेन वाशर (Plain Washer)
  2. स्प्रिंग वाशर (Spring Washer)
  3. लॉकिंग वाशर (Locking Washer)

प्लेन वाशर (Plain Washer)

प्लेन वाशर मैटल का एक गोलाकार टुकड़ा होता है, जिसे नट के नीचे चिकनी बेयरिंग सतह (Bearing Surface) उपस्थित करने के लिए दिया जाता है। यह नट के दबाव को अधिक क्षेत्रफल में फैलाता है। यह नट को मैटल काटने से भी बचाता है और इस तरह नट को अधिक टाइट होने देता है। किसी-किसी प्लेन वाशर की ऊपरी चौरस सतह चैम्फर की हुई होती है। 

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अगर D = बोल्ट का नॉमिनल डायामीटर हो, तो 

वाशर का डायामीटर = 2D + 1/.8", या 2D +3 मि.मी. वाशर की मोटाई = 1/8 D 

चैम्फर का कोण = 30° और 

छेद का डायामीटर = D मुक्त (Clear) होता है। 


स्प्रिंग वाशर (Spring Washer)

स्प्रिंग वाशर कंपन्न (Vibration) और जर्किंग (Jerking) वाले स्थानों में नट के नीचे दिए जाते हैं, जहाँ नट के ढीले हो जाने का भय रहता है। इनका इस्तेमाल लॉकिंग अरेंजमेंट के लिए किया जाता है। नट को टाइट करके जब इसे दबाया जाता है तो यह कठोर रुकावट का प्रत्यत्न करता है, जिससे नट की चूड़ियाँ बोल्ट की चूड़ियों को पकड़े रहती हैं, अत: नट ढीला नहीं होता। यह स्प्रिंग वाशर पांच प्रकार का होता है -

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(i) सिंगल पैटर्न (Single Pattern) सिंगल कॉइल्ड     (Single Coiled) 

(ii) स्टैंडर्ड पैटर्न (Standard Pattern) 

(iii) डबल पैटर्न (Double Pattern) 

(iv) ग्रिप पैटर्न (Grip Pattern) (v) गर्डर पैटर्न (Girder Pattern) 


लॉकिंग वाशर (Locking Washer) 

ये कई प्रकार के होते हैं और नट के अनुसार बनाए जाते हैं। इनका प्रयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहाँ नट-बोल्ट से पार्ट्स को कसने के बाद कंपन्न से इनके ढीले हो जाने का डर रहता है। इनका प्रयोग अधिकतर ऑटोमोबाइल वाहनों में किया जाता है। 

Locking-Washer, ITI-FITTER-THEORY-Tools


लॉकिंग वाशर का प्रयोग (Uses Of Locking Washer) 

  • अस्थायी फास्टनिंग करते समय पार्ट्स की सरफेस पर नट से खरोंच (Scratch) लगने से बचाने के लिए। 
  • टेंपरेरी फास्टनिंग करते समय अच्छी ग्रिपिंग लाने के लिए। 
  • नट और पार्ट्स के बीच में स्पर्श का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए। नट पर कंपन्न या झटके का असर कम करने के लिए। 
  • फिटिंग करते समय समायोजन (Adjustment) करने के लिए। 


नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut)

लॉक नट या चैक नट (Lock Nut or Check Nut) 

इस नट का इस्तेमाल हमेशा साधारण स्टैंडर्ड नट के साथ किया जाता है। स्टैंडर्ड नट को कसकर ऊपर से लॉक नट या चैक नट कस देने पर स्टैण्डड नट ढीला नहीं होता है। यह चैक नट भी एक हैक्सागनल नट ही होता है, जिसकी ऊपर-नीचे की दोनों साइड स्टैण्डर्ड होती हैं। इसकी मोटाई 0.6 D से 0.8D होती है। 

Lock-Nut-or-Check-Nut


स्वतः पाशन नट (Self-Locking Nut)

इस नट को साइमण्डस नट (Symonds Nut) भी कहते हैं। यह एक ऐसा नट है, जिसमें नट को ऊपरी भाग में नाईलोन या फायबर की रिंग लगी रहती है। रिंग का आन्तरिक व्यास बोल्ट के थ्रेड के कोर व्यास से छोटा होता है। बंद करते समय नट लगाये गई नाईलोन स्वयं थ्रेड काट लेता है। ये पोजिटिव ग्रिप की व्यवस्था करता है तथा कम्पन्न के कारण नट को ढीला होने से बचाता है। 

Self-Locking-Nut


तार पाशन (Wire Lock) 

इस एसैम्बली में कई स्क्रू तथा बोल्ट को लॉक करने की विधि है। इस विधि में शाफ्ट स्टील वायर को डाल कर घुमाया जाता है। 

Wire-Lock,


सॉन नट या विल्स नट (Sawn Nut Or Wiles Nut)

यह एक हैक्सागनल नट होता है, जिसकी एक साइड से चौड़ाई के करीब एक स्लॉट कटा होता है। स्लॉट के ऊपरी में कैप स्क्रू के लिए क्लीयर छेद (Clear Hole) होता है निचले हिस्से के छेद में चूड़िया बनी रहती है।

Sawn-Nut-Or-Wiles-Nut

नट को कसने के बाद एक कैप स्क्रू साइड को छोटे छेद में की दिया जाता है। स्क्रू के टाइट होने से नट के ऊपरी हिस्से की चूड़ियों और बोल्ट की चूड़ियों (Threads) के बीच (Friction, बढ़ जाती है, जिस कारण नट बोल्ट के साथ लॉक हो जाता है अर्थात् वह ढीला नहीं होता है। 


स्प्लिट पिन विधि (Split Pin Method) 

स्प्लिट पिन अर्द्ध गोलाकार क्रॉस-सैक्शन के स्टील के तार को मोड़कर बनाई हुई रहती है। यह बोल्ट में इस प्रकार छेद करके फिट की जाती है कि नट की ऊपरी सतह (Top Face) से सटी रहे। यह नट को घूमने और ढीला होने नहीं देती है। छेद का डायामीटर करीब 0.2D रखा जाता है। 

Split-Pin,Split-Pin-Method

पिन को छेद में फिट करके उसके निचले सिरे को दोनों तक 

अलग-अलग कर दिया जाता है, स्प्लिट पिन का इस्तेमाल इस कार्य के लिए बने हुए स्पेशल नट के साथ भी किया जाता है। स्प्लिट पिन का उपयोग स्लॉटिड नट, कैसल नट, हैक्सागलन नट क्लीविश पिन इत्यादि को लॉक करने के लिए किया जाता है तथा विभिन्न तरह से उपयोग की जाती है। 


ग्रूव्ड नट ( पेनिग नट) (Pening Nut)

यह हैक्सागनल नट होता है, जिसका निचला भाग सिलैण्ड्रीकल सरफेस पर सिलैण्ड्रीकल बना होता है। इसमें एक रिसेस ग्रूव होता है जिसमें नट को लॉक करने के लिए सेट स्क्रू उपयोग किया जाता है|

Pening-Nut,Gruvd-Nut


लेट या लॉकिग प्लेट (Stop-Plate or Locking Plate)

यह एक प्लेट होती है, जिसमें इस प्रकार के ग्रूव कटे होते हैं, जो नट के प्रत्येक - वें चक्कर में उसके कोनों (Corners) में फिट हो जाते हैं। यह प्लेट एक कैप स्क्रू के सहारे नट के साथ कसी जाती है। 

Locking-Plate,Stop-Plate


लग सहित लॉक वाशर्स (Lock & Washers with Lug)

 इस व्यवस्था में लग को व्यवस्थित करने के लिए लॉकिंग होल ड्रिल किया जाता है। नट के साथ वाशर को मोड़कर नट के मूवमेंट को रोका जाता है। 

Lock-Washers-with-Lug


टैब वाशर्स लॉकिंग (Tab washers Locking)

टैब वाशर्स का उपयोग नट को लॉक करने में किया जाता है, जो एड्स (Ends) या कोने के निकट स्थित हो। 

Tab-washers-Locking


स्प्रिंग वाशर्स लॉकिंग (Spring Washers Locking)

Spring-Washers-Locking


स्प्रिंग वाशर्स प्रायः इकहरे (Single) या दोहरे क्वाइल (Double Quils) में मिलते हैं। ये कार्य में नट के नीचे वाशर की तरह लगाये जाते हैं। यह वाशर एसैम्बली को ढीले होने से बचाने में सहायक होते हैं। 

लेखक की कलम से-

दोस्तों में हूं Sunil Kumar और इस पोस्ट में हमने जाना ITI Fitter theory के पार्ट वाशर (Washer) क्या है वासर के प्रकार Types Of Washer और नट के लिए लॉकिंग व्यवस्था (Locking Arrangements for Nut) आदि के बारे में इसी प्रकार ITI Fitter theory से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ बने रहे तथा अपने दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इस पोस्ट के बारे में अगर आपका कोई सुझाव या शिकायत है तो कृपया हमें टिप्पणी(comments) करें हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा धन्यवाद |

नट (Nut) क्या है बनावट के अनुसर नट के प्रकार Types Of Nut In Hindi

 इस पोस्ट में हम जानेंगे नट (Nut) क्या है और बनावट के अनुसर नट के प्रकार Types Of Nut के बारे मे जैसे Hexagonal Nut, Square Nut, T-Nut, Wing Nut, Cap Nut, Flanged Nut, Round Nut, आदि|

नट (Nut) क्या है

यह चूड़ीदार छेद (Threaded Hole) वाला धातु का एक टुकड़ा होता है, जिसे बोल्ट या स्टड के सिरे पर कसा या चढ़ाया जाता है। 

Nut,Types-Of-Nut

नट एवं बोल्ट की सहायता से दो भागों को जोड़ लिया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर बड़ी आसानी से अलग-अलग कर लिया जाता है। अलग करते समय न तो जोड़े गए पार्टस खराब होते हैं और न ही नट और बोल्ट। 

बनावट के अनुसर नट के प्रकार Types Of Nut

बनावट के अनुसार नट Nut मुख्यत 11 प्रकार के होते हैं जो निम्न प्रकार हैं

  1. षडभुजाकार नट  (Hexagonal Nut)
  2. वर्गाकार नट (Square Nut)
  3. स्वतः पाशन नट (Self Locking Nuth) (साइमण्ड्स लॉकनट) (Symonds Lock Nut)
  4. टी-नट (T-Nut)
  5. खाचेंदार नट (Slotted nut) 
  6. पंखुडी नट (Wing Nut)
  7. नर्ल्ड नट (Knurled Nut)
  8. कैप नट (Cap Nut)
  9. फ्लजदार नट (Flanged Nut)
  10. हैक्सागनल वैल्ड नट (Hexagonal Weld Nut)
  11. राउण्ड नट(Round Nut)


षडभुजाकार नट (Hexagonal Nut)

प्रायः सभी प्रकार के साधारण कार्यों के लिए षटकोनणीय नट का इस्तेमाल अधिक होता है। इसे कसने एवं खोलने में भी आसानी रहती है। चूंकि स्पैन दूसरी पकड़ के लिए उसे सिर्फ 60° के कोण पर घुमाना पड़ता है। इस नट के ऊपरी सभी कोने (Corners ) गोल या और हुए (Chamfered) होते हैं। कोण की चैम्फरिंग (Chamfered) नट के आधार के साथ 30° या 45° कोण पर की जाती है। चैम्फरिंग के कारण प्रत्येक खड़े फेस पर एक चाप या आर्क और नट के ऊपर एक सर्किल (Circle) बन जाता है। 

Hexagonal-Nut,Hexagonal-Nut-Use

नट की मोटाई, T = D 

आर पार एक फेस से दूसरे फेस की चौड़ाई 

W =3/2D+1/8" = 1.5D+3 मि.मी. 

एक कोने से ठीक उसके विपरीत कोने की दूरी = 2D और चैम्फर आर्क या चाप का रेडियस,

 R ,=11/8 या 11/8D के करीब होता है जबकि D = बोल्ट का नौमिनल डायामीटर 

हैक्सागनल नट विभिन्न मोटाई में मिलते हैं। पतले नट्स को लॉक नट की तरह उपयोग किया जाता है। 


वर्गाकार नट (Square Nut) 

हैक्सागनल नट के बाद स्क्वेयर नट ही अधिक इस्तेमाल होता है। खोलते या कसते समय हैक्सागनल नट की अपेक्षा इस पर स्पैनर की बहुत मजबूत पकड़ होती है, लेकिन स्पैनर को उसकी दूसरी पकड के लिए 90° के कोण तक घुमाना पड़ता है। हैक्सागनल नट के समान ही उसके ऊपरी सभी कोण चैम्फर किये हुए होते हैं। 

Square-Nut

अगर D = बोल्ट का नौमिनल डायामीटर (Nominal Diameter) हो तो नट की मोटाई T= D एक फेस से दूसरे विपरीत फेस की दूरी 

W =3/2D+1/8 " = D + 3 मि. मी. 

चैम्फर का कोण = 30° और चैम्फर चाप का रेडियस , R = 2D के करीब। 

स्वतः पाशन नट (Self Locking Nut) या (साइमण्ड्स लॉकनट) (Symonds Lock Nut)

Self-Locking-Nut,Symonds-Lock-Nut

इस नट में अन्दरूनी खांचे (Internal Grooves) कटे होते हैं, जिनमें फाईबर या नाइलोन का रिंग लगा होता है। यह रिंग बोर पर नट को टाइट पकड़ता है तथा लॉकिंग डिवाइस की तरह कार्य करता है। 


टी-नट (T-Nut) 

T-Nut

टी-नट का उपयोग स्टड के साथ मशीन टूल्स पर पकड़ने की युक्ति (Holding Devices) या वर्कपीस को फिक्स करने के लिए किया जाता है। 


खाचेंदार नट (Slotted nut) 

यह एक हैक्सागनल नट होता है, जिसके ऊपरी सिर पर स्लॉट कटे होते हैं। इसे बोल्ट पर कसने के बाद जिस स्लॉट की सीध में बोल्ट का छेद आता है, उसमें स्प्लिट पिन डालकर पिन के निचले सिरे को दायें-बायें फैला दिया जाता है। 

Slotted-nut

इस नट के एक चक्कर में छह लॉकिंग स्थितियाँ होती हैं, अतः पिन फिट करने के लिए बोल्ट के छेद की सीध में कोई भी स्थिति लाने में सुविधा रहती है। लेकिन इन स्लॉटों (Slots) के कारण नट की ताकत कम हो जाती है। 


पंखुडी नट (Wing Nut)

इस नट को फ्लाई नट (Fly Nut) भी कहा जाता है। 

Wing-Nut

इस नट को अंगूठे और तर्जनी अंगुली के सहारे आसानी से खोला या कसा जाता है। इसका इस्तेमाल भी वहाँ किया जाता है, जहाँ बार-बार नट को एडजस्ट करने की आवश्यकता होती है। यह हॉट फोर्ज कास्ट (टाईप- A) तथा कोल्ड फोर्ज (टाईप- B) में मिलते हैं। 


नर्ल्ड नट (Knurled Nut)

यह भी कैप्सटन नट के समान एक गोलाकार (Cylindrical) शक्ल का नट होता है, जिसकी ऊपरी वक्रदार (Curved) सतह नर्ल की हुई (knurled) होती है। इसका इस्तेमाल अधिकतर मापने वाले औजार, मार्किंग टूल और वैसे-छोटे-छोटे उन औजारों में किया जाता है, जिसके नट को बार-बार खोलने और कसने की आवश्यकता होती है। इसे खोलने या कसने के लिए किसी साधन की आवश्यकता नहीं होती है। इसे हाथ से ही खोला या कसा जाता है। 

ये टाइप 'A' तथा टाईप 'B' में मिलते हैं। 

Knurled-Nut


 कैप नट (Cap Nut) 

यह भी एक प्रकार का हैक्सागन नट ही होता है, जिससे ऊपर एक गोलाकार टोपी (Cap) बनी रहती है। 

Cap-Nut

इस नट की गोलाकार टोपी (Cylindrical Cap) बोल्ट के सिरे को जंग (Corrosion) से बचाती है और चूड़ी से होने वाली लीकेज (Leakage) को रोकती है। इसे डोम नट (Dome Nut) भी कहते हैं। 


फ्लैजदार नट (Flanged Nut)

यह एक हैक्सागनल नट होता है, जिसके साथ एक चौरस गोलाकर डिस्क (Disc) अर्थात् वाशर जुड़ा रहता है। 

Flanged-Nut

इसकी सहायता से आवश्यकता से बड़े साइज के छेदों में भी बोल्ट कसा जाता है। 


हैक्सागनल वैल्ड नट (Hexagonal Weld Nut)

इन नट्स का उपयोग प्लेट वर्क पर वैल्डिंग करने के लिए 

जाता है। 

हैक्सागनल वैल्ड नट की विशेषताएँ 

एक स्पाईगाट रिंग होता है, जो प्लेट के रिंग में फिट होता है।

तीन प्रोजेक्शन होते हैं जो वैल्ड की जाने वाली सरफेस पर एक समान सम्पर्क की व्यवस्था करते हैं। 

कवैल्डिंग के समय थ्रेड्स को बचाने के लिए एक सिरे पर काउण्टरसंक होल होता है। 

Hexagonal-Weld-Nut

राउण्ड नट (Round Nut) 

राउंड नट चार प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं -

  1. स्लाटेड राउण्ड नट (Slotted Round Nut)
    Slotted-Round-Nut

  2. हुक रेंच के लिए स्लाटेड नट (Slotted Nut with Hook Wrench) 
    Slotted-Nut-with-Hook-Wrench

  3. पिन होल सहित राउण्ड नट (Round Nut With Pin Holes)
    Round-Nut-With-Pin-Holes

  4. फेस हॉल के साथ राउण्ड नट (Round Nut With Face Hole)

Round-Nut-With-Face-Hole

इस पोस्ट में हमने जाना नट (Nut) क्या है और बनावट के अनुसर नट के प्रकार Types Of Nut के बारे मे जैसे Hexagonal Nut, Square Nut, T-Nut, Wing Nut, Cap Nut, Flanged Nut, Round Nut, आदि के बारे में ITI Fitter theory से संबंधित इस तरह की जानकारी समय-समय पर पाने के लिए कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें धन्यवाद

बोल्ट (Bolt) क्या होते है | Bolt के प्रकार Types Of Bolt In Hindi

इस पोस्ट में हम जानेंगे बोल्ट (Bolt) क्या होते है | Bolt के प्रकार Types Of Bolt In Hindi और Classification Of Foundation Bolt के बारे में 

बोल्ट (Bolt) क्या होते है What Is Bolt

बोल्ट एक अस्थाई औजार है इसका उपयोग किसी 2 पार्टो को अस्थाई रूप से जोड़ने के लिए किया जाता है |

यह एक गोल छड़ का बना होता है, जिसके एक सिरे पर स्थायी शीर्ष (Permanent Head) तथा दूसरे सिरे पर चूड़ियाँ कटी होती हैं, जिन पर नट (Nut).को कस सकते हैं। हैड और चूड़ी के बीच वाले भाग को शैंक (Shank) कहते हैं। 

Bolt, बोल्ट,


Bolt मुख्यतः माइल्ड स्टील के बने होते हैं परन्तु कुछ विशेष कार्यों के लिए पीतल, तांबे और हल्की एलॉय के भी बनाए जाते हैं। 

बोल्ट का साइज - चूड़ी वाले भाग के व्यास एवं हैड को छोड़कर शेष लम्बाई से प्रकट किया जाता है। 


बोल्ट के प्रकार | Types Of Bolt

 बोल्ट मुख्यत 10 प्रकार के होते हैं। जोकि निम्नलिखित है-

  1. पट्भुजाकार हैड बोल्ट (Hexagonal Head Bold)
  2. वर्गाकार हैड बोल्ट (Square Head Bolt) 
  3. कप या गोल हैड बोल्ड (Cup or Round-Head Bolt) 
  4. 'टी' हैड बोल्ट ('T' Head Bolt)
  5. चीज हैड बोल्ड (Cheese Head Bolt)
  6. काउन्टरसंक हैड बोल्ट (Countersunk Head Bolt)
  7. हुक बोल्ट (Hook Bolt) 
  8. हैडलैस टेपर बोल्ट (Headless Taper Bolt)
  9. आई बोल्ट (Eye Bolt) 
  10. फाउण्डेशन बोल्ट्स (Foundation Bolts) 


 पट्भुजाकार हैड बोल्ट (Hexagonal Head Bolt)


यह सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला बोल्ट है, नट का खोलते समय बोल्ट को घूमने (Turning) से बचाने के लिए बोल्ट के हैड को दूसरे स्पैनर (Spanner) से पकड़ा जाता है। हैक्सागनल हैड ऊपरी सिरे पर चैम्फर (Chamfer) किया हुआ होता है। बोल्ट हैड एक स्टैंडर्ड साइज का होता है। 

Hexagonal-Head-Bolt,Hexagonal-Bolt,Hexagonal-Bolt-Use

अगर D = बोल्ट का नोमिनल डायामीटर है तो बोल्ट हैड का साइज 

चैम्फर का कोण 30° और हैड की मोटाई = 0.8D से D तक इसकी लम्बाई हैड को छोड़कर मापी जाती है। 



वर्गाकार हैड बोल्ट (Square Head Bolt) 


इस प्रकार के बोल्ट का इस्तेमाल वहाँ किया जाता है, जहाँ हैड को ग्रूव में फिट करना होता है। नट को खोलने और कसते समय बोल्ट को घूमने से बचाने के लिए ग्रूव को भी स्क्वेयर अर्थात वर्गाकार शक्ल का बनाया जाता है। इस बोल्ट का इस्तेमाल अधिकतर शाफ्ट के लिए बियरिंग (Bearings) में किया जाता है। बोल्ट का यह स्क्वेयर हैड भी ऊपरी सिरे पर चैम्फर किया हुआ (Chamfered) होता है। 

Square-Head-Bolt,Square-Bolt,Square-Bolt-Use,


बोल्ड हैड की मोटाई 0.8D से D तक एक फेस से दूसरे फेस की चौड़ाई आर-पार 1.5 D + 3 मि.मी. होती है। जब स्क्वेयर हैड बोल्ड के हैड को बाहर रखना होता है तो वैसे कामों के लिए बोल्ट हैड में स्क्वेयर क्रॉस सैक्शन की गर्दन (Neck) बनी रहती है जो जोड़े जाने वाले पार्ट के स्क्वेयर छेद में फिट होती है। यह स्क्वेयर गर्दन नट को खोलते या कसते समय बोल्ट को घूमने नहीं देती है। 



कप या गोल हैड बोल्ड (Cup or Round-Head Bolt) 


इसका हैड गोल होता है, इसलिए इसे पकड़ा नहीं जा सकता है। 

हैड के नीचे वाला भाग चौरस बना होता है। कुछ बोल्टों में (Snug) बना होता है,जो कसते समय बोल्ट को घूमने से बचाता है। 

Cup-Or-Round-Head-Bolt,Round-Bolt,Round-Head-Bolt

कप या गोल हैड बोल्ड प्रयोग अधिकतर लकड़ी के कार्यों में किया जाता है। 



'टी' हैड बोल्ट ('T' Head Bolt)


इसका प्रयोग मशीन टेबल में जॉब या अन्य प्रकार की क्लैम्पिंग डिवाइस (Clamping Devices) को कसने के लिए किया जाता है। 

T-Head-Bolt,T-Bolt,T-Head-Bolt-Use

इसका हैड आयताकार तथा गर्दन वर्गाकार होती हैं। 



चीज हैड बोल्ड (Cheese Head Bolt) 

इससे बोल्ट के हैड के नीचे, एक गोल पिन लगी होती है। 

Cheese-Head-Bolt,Cheese-Bolt

इसका प्रयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहाँ पर स्पैनर प्रयोग न किया जा सके। 


काउन्टरसंक हैड बोल्ट (Countersunk Head Bolt) 

Countersunk-Head-Bolt


 जहाँ जोड़े जाने वाले पार्टी की सतह से बोल्ट का हैड ऊंचा नहीं रखा जा सकता, वहां काउन्टरसंक हैड का इस्तेमाल किया जाता है। इसके हैड में स्नग बना रहता है। इसकी गर्दन स्क्वेयर क्रॉस सैक्शन की भी होती है जिसके कारण नट खोलते -- कसते समय यह फिसलता नहीं है। 



हुक बोल्ट (Hook Bolt) 


यह बोल्ट सिर्फ एक पार्ट के छेद में फिट होता है और दूसरे पार्ट ___को हुक शक्ल के बोल्ट-हैड से पकड़ता है। 

Hook-Bolt


इसकी स्क्वेयर गर्दन बोल्ट को घूमने से बचाती है। 


हैडलैस टेपर बोल्ट (Headless Taper Bolt)


इसमें हैड नहीं होता है लेकिन इसका शैंक टेपर होता है। 

Headless-Taper-Bolt


इसका इस्तेमाल मुख्यतः समुद्री जहाज की शाफ्ट कपलिंग्स (Marine Shaft Couplings) में किया जाता है। 


आई बोल्ट (Eye Bolt) 

Eye-Bolt

 इसका इस्तेमाल भारी मशीनों को उठाने के लिए एक जुगाड़ के समान किया जाता है। यह मशीन के चूड़ीदार छेद में फिट किया जाता है। 


फाउण्डेशन बोल्ट्स (Foundation Bolts) 

इनके द्वारा मशीन को भूमितल पर स्थित (Fixed) किया जाता है। 

फाउंडेशन बोल्ट भी कई प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं|

  1. आई फाउंडेशन बोल्ट Eye Foundation Bolt
  2. रैग बोल्ट Rag Bolt
  3. लेविस बोल्ट Lewis Bolt
  4. कॉटर बोल्ट Cotter Bolt 


आई फाउंडेशन बोल्ट (Eye Foundation Bolt) 

यह बहुत साधारण प्रकार का फाउण्डेशन बोल्ट है। 

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माइल्ड स्टील या रॉट आयरन की छड़ को पीटकर यह बहुत शीघ्रतापूर्वक बनाया जा सकता है। इसे छेद के अन्दर लटकाकर उसके चारों तरफ से खाली स्थानों को सीमेन्ट - कंक्रीट से भर दिया जाता है। इसकी आई (Eye) में एक माइल्ड स्टील का टुकड़ा लगा रहता है। 


रैग बोल्ट (Rag Bolt) 

कंक्रीट फाउंडेशन के साथ भारी मशीनों को कसने के लिए रैग बोल्ट का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है। इसका निचला भाग आयताकर होता है, जिसकी चौड़ाई नीचे की ओर क्रमशः बढ़ती जाती है। इसके किनारों (Edge) पर ग्रूव कटे रहते हैं। 

Rag-Bolt

इसके चूड़ीदार भाग को मशीन के आधार के छेदों में लगाकर ऊपर से नट कसा जाता है और निचले भाग की सतह के नीचे छोड़े हुए छेद में लटका दिया जाता है। फिर सीमेंट और बालू बराबर-बराबर मात्रा में लेकर तथा पानी से तर करके बोल्ट के चारों तरफ के खाली स्थानों को भर दिया जाता है। सीमेन्ट के सैट हो जाने के बाद फिर नट को पूरा टाइट किया जाता है। 


लेविस बोल्ट (Lewis Bolt) 

इसकी एक साइड टेपर होती है, जिसे उसके अनुरूप छेद के टेपर साइड की तरफ रखा जाता है। दूसरी साइड पर चाबी (Key) लगी होती है। 

Lewis-Bolt,Lewis-Bolt-Use

 इसे सीमेंट कंक्रीट चारों ओर से दबा लेती है, जिससे बोल्ट हिलने नहीं पाता। जब बोल्ड को निकालना होता है तो पहले चाबी को निकालते हैं क्योंकि चाबी टेपर होने के कारण आसानी से बाहर निकल जाती 

है। 


कॉटर बोल्ट Cotter bolt) 

यह एक विशेष प्रकार का बोल्ट है, जो भारी मशीनों की फाउंडेशन के लिए प्रयोग किया जाता है। 

Cotter-Bolt, Cotter-Bolt-Use

इस बोल्ट के नीचे एक प्लेट होती है, जिसमें स्लॉट कटा होता है। इस स्लॉट में कॉटर को फिट किया जाता है। कॉटर के ऊपर एक वाशर रखा जाता है, जो कॉटर के लिए समतल सतह तैयार करता है। 


फाउण्डेशन बोल्ट का वर्गीकरण Classification Of Foundation Bolt


फाउण्डेशन बोल्ट प्रायः दो भागों में वर्गीकृत किये जाते हैं 

  1. स्थिर बोल्ट (Fixed Bolts) अ
  2. स्थिर बोल्ट (Removeabie Bolts) 


स्थिर प्रकार के बोल्ट (Bolt of Fixed Type) 

रैग बोल्ट (Reg Bolt) साधारणत फोर्ज किया हुआ तथा लेड या सीमेंट के साथ भरा रहता है, ऐसे बोल्ट को आई फाउण्डेशन बोल्ट कहते हैं। 

इसे सहारा देने के लिए बोल्ट के चारों तरफ क्ले का कैप बनाया जाता है तथा इस होल में सीसा (Lead) डाला जाता है। भरने के बाद, इसे संचित करने के लिए लेड की स्थिति पर सिलबन्द कर देना चाहिए। लेड को भरते समय ये सावधानी रखी जानी चाहिए कि होल में पानी ज्यादा इकट्ठा न हो : अन्यथा जल्दी से भाप उत्पन्न होगी, जिससे कि लेड बाहर आयेगा, जिसके कारण गम्भीर रूप से जल 

सकते हैं |

लेड (सीसा) के बदले जहाँ पर शीघ्र सेटिंग आवश्यक हो, पुरानी चीनी - मिट्टी के बर्तन में रॉक सल्फर को पिघलाया जा सकता है जितना संभव हो उतना अतिशीघ्र बोल्ट के सुराख में डालना चाहिये ताकि ठण्डा न हो। 


अस्थिर प्रकार के फाउण्डेशन (Removeable Tyap
Foundation) 

बड़ी-बड़ी मशीनों को सैट करने के लिए बड़ा कॉटर या बोल्ट (Cottor or Bolt) प्रयोग में लाया जाता है। इस बोल्ट में वर्गाकार फाउण्डेशन प्लेट रहती है तथा नीचे की तरफ हटाने योग्य कॉटर (Cotter) होता है। फाउण्डेशन का निर्माण करते समय बोल्ट के सुराख के साथ में पाकेट छोड़ दी जाती है जो आवश्यकता पड़ने पर किसी समय भी 

बदली जा सकती है। 


राल बोल्ट (Rall Bolt) 

इस फाउण्डेशन में राल बोल्ट पर चार क्लेम्प्स लचीले रूप में लगाये जाते हैं, जो टाइप करने पर वेज क्रिया से फैलते हैं। ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें हटाया एवं पुन: उपयोग किया जा सकता है। 


फैलने वाला कोनिकल वाशर फाउण्डेशन बोल्ट (Expanding Conical Washer Foundation Bolt) 

इसमें एक बोल्ट होता है, जिसमें कोनिकल चूड़ियाँ (Conical Threads), वाशर (Washer) तथा फैरूल (Ferrule) लगे होते हैं। बोल्ट को बाहर निकालने पर वाशर चपटे (Flat) हो जाते हैं, जो फैलकर सुराख (Hole) के आंतरिक भाग को मजबूती से पकड़ते हैं। 


ग्राउटिंग (Grouting)

फाउण्डेशन बोल्ट तथा वेज के साथ मशीन को सरेंखण स्थिति में लेवल करने के बाद, मशीन के निचले भाग तथा फाउण्डेशन ब्लॉक या फ्लोर भूतल के बीच कुछ स्थान शेष रह जायेगा। इस स्थान को ग्राउटिंग, मैटेरियल जैसे - सीमेन्ट, कंक्रीट या सल्फर या लेड से भरा जाता है तथा इस विधि को ग्राउटिंग कहते है |

जब "मोल्ड बाक्स उपयोग होते हैं तथा उनके पाकेट में क्रमश: एंकर या फाउण्डेशन बोल्ट को लटकाया जाता है तो पॉकेट्स को ग्राउटिंग मैटेरियल से भरा जाता है। 


इस पोस्ट में हमने बोल्ट के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त की उम्मीद है आपको यह जानकारी मददगार साबित होगी इसी तरह ITI Fitter Theory की जानकारी पाने के लिए कृपया हमारे साथ बने रहे हो दोस्तों को शेयर करें धन्यवाद


बंधक या फास्टनर (Fasteners) और फास्टनिंग (Fastening) क्या होते हैं Types Of Fastening In Hindi

 दोस्तों मैं सुनिल कुमार आज आपको बताऊंगा Fasteners और Fastening क्या होते हैं तथा Fastening कितने प्रकार की होती है और यह है हमारे लिए क्यों जरूरी है आइए जानते हैं इसके बारे में |

बंधक या फास्टनर (Fasteners) और फास्टनिंग (Fastening) क्या होते हैं


मशीन को छोटे या बड़े अर्थात् विभिन्न प्रकार के पार्ट्स से मिलाकर बनाया जाता है। इन पार्ट्स को आपस में जोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की युक्तियां (Devices) प्रयोग में लाई जाती है | इन युक्तियो (Devices) को बन्ध बन्धक या फास्टनर (fasteners) कहते हैं और जिस कार्यविधि से इन यक्तियों का प्रयोग करते हैं, उसे फास्टनिंग (Fastening) कहते हैं। 

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फास्टनिंग के प्रकार (Types Of Fastening)

Fastening मुख्यतः तीन प्रकार से की जाती है जो निम्नलिखित है

  1. अस्थायी फास्टनिंग (Temporary Fastening) 
  2. अर्द्ध स्थायी बन्धन (Semi Permanent Fastening) 
  3. स्थायी बन्धन (Permanent Fastening) 


अस्थायी फास्टनिंग (Temporary Fastening) 


मशीन के कई पार्ट्स ऐसे होते हैं, जिनको बार-बार जोड़ने तथा खोलने की आवश्यकता होती है। इसलिए ऐसे पार्ट्स की  अस्थायी फास्टनिंग (Temporary Fastening) की जाती है जैसे - नट और बोल्ट, की(Key), कॉर्टर, पिन, स्क्रू और स्टड इत्यादि से पार्ट्स को जोड़ना। 


अर्द्ध स्थायी बन्धन (Semi Permanent Fastening) 


मशीन के कई पार्ट्स ऐसे होते हैं, जिनको न तो स्थायी रूप से बाँधा । जाता है और न ही अस्थायी रूप से। इस प्रकार की फास्टनिंग तब प्रयोग की जाती है, जब पार्टो को जोड़ देने के बाद किसी कारणवश अलग करने की आवश्यकता पड़ती है। 

इसमें पार्ट्स को यदि अलग किया जाता है तो फास्टनर खराब हो सकता है लेकिन पार्टो में अधिक खराबी नहीं आती है | जैसे - सोल्डरिंग करके पार्टो को जोड़ना। 



स्थायी बन्धन (Permanent Fastening) 

मशीन के कई पार्ट्स ऐसे होते हैं, जिनको स्थायी रूप से आपस में जोडा जाता है। इसमें जोड़े गए पार्ट्स को आसानी से अलग नहीं किया जा सकता। यदि इनको अलग करने की कोशिश की जाए तो पार्ट्स और फास्टनर दोनों के ही खराब होने की संभावना रहती है, जैसे-रिवेटिंग, ब्रेजिंग तथा वैल्डिंग करना। 

Fasteners क्यों जरूरी है

दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं आज का युग औद्योगिक युग है जिसमें विभिन्न कल कारखानों से अनेक प्रकार की मशीनों का निर्माण होता है इन सभी मशीनों को बनाने के लिए छोटे-छोटे पार्टो को आपस में जोड़ा जाता है इसलिए कल कारखानों में जो कारीगर काम करते हैं उनका Fasteners के बारे में जानना जरूरी होता है ताकि वह किसी पार्ट को जोड़ते समय उसकी जरूरत के हिसाब से Fasteners का उपयोग करें तथा एक अच्छा तथा मजबूत जोड़ तैयार करने में सफल हो सके
इसीलिए ITI Fitter theory मैं Fasteners के बारे में पढ़ाया जाता है ताकि हमें एक कुशल फीटर मिल सके |