अलौह मिश्रण (Non Ferrous Alloys In Hindi)

 इस पोस्ट में हम जानेंगे अलौह मिश्रण Non Ferrous Alloys और अलौह मिश्र धातुओं के प्रकार जैसे पीतल (Brass),मूंज धातु (Muntz Metal), काँसा (Bronze),फास्फर काँसा (Phosphor Bronze),सिलिकन काँसा (Silicon Bronze), बन्दूक धातु (Gun Metal), मैंगनीज काँसा (Managanese Bronze) बैबिट धातु (Babbit Metal), मोनल धातु (Monel Metal), इयूरेलूमिन एलॉय (Duralumin Alloy), 'वाई' एलॉय (Y'Alloy), आदि | 


अलौह मिश्रण (Non Ferrous Alloys)

जब दो या दो से अधिक अलौह धातुओं को मिलाया जाता है तो जो मिश्रण (Alloy) बनता है, उसे अलौह मिश्रण (Non Ferrous Alloy) कहते हैं। 

अलौह मिश्र धातुओं के प्रकार (Types of Non Ferrous Alloy)

मुख्य रूप से अलोह मिश्रण 11 प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित प्रकार के होते हैं - 

  1. पीतल (Brass)
  2. मूंज धातु (Muntz Metal) 
  3. काँसा (Bronze) 
  4. फास्फर काँसा (Phosphor Bronze) 
  5. सिलिकन काँसा (Silicon Bronze) 
  6. बन्दूक धातु (Gun Metal) 
  7. मैंगनीज काँसा (Managanese Bronze) 
  8. बैबिट धातु (Babbit Metal) 
  9. मोनल धातु (Monel Metal) 
  10. इयूरेलूमिन एलॉय (Duralumin Alloy) 
  11. 'वाई' एलॉय (Y'Alloy) 


पीतल (Brass)

ताँबा और जस्ते के मिश्रण से पीतल को बनाया जाता है। 

ताँबा और जस्ते के अलग-अलग अनुपात से कई प्रकार के एलॉय बनाये जाते हैं। 

इस पर हवा और पानी का प्रभाव नहीं पड़ता है तथा इस पर जंग नहीं लगता है। 

यह मुलायम तथा तन्य होता है तथा इसमें उच्च तनन सामर्थ्य होती है। 

यह चुम्बक द्वारा नहीं खिंचता है। यह विद्युत और ताप का अच्छा चालक होता है। इसका गलनांक ताँबे से कम होता है। यह पीला रंग लिये हुए चमकदार होता है। 

इसमें 1% से 2% तक लैड मिलाकर इसकी मशीनन (Machining) क्वालिटी को सुधारा जा सकता है। 

पीतल (Brass) का उपयोग (Use Of Brass)

इसका अधिकतर उपयोग घरेलू बर्तन, बियरिंग बुश, गहने आदि बनाने के लिए किया जाता है। 

मूंज धातु (Muntz Metal)

इसको 60% ताँबा तथा 40% जस्ते के मिश्रण से बनाया जाता है। 

यह साधारण पीतल की अपेक्षा अधिक कठोर होता है और अधिक तन्य होता है। 

मूंज धातु (Muntz Metal) का उपयोग (Use Of Muntz Metal)

इसका अधिकतर उपयोग विद्युत सामान, फ्यूज तथा मशीनों के छोटे-छोटे पुर्जे (Parts) बनाने के लिए किया जाता है। 

काँसा (Bronze)

इसको ताँबा तथा टिन के मिश्रण से बनाया जाता है, जिसमें ताँबा 75% से 950% तक तथा टिन 5% से 25 % तक होता है। 

यह ताँबे से अधिक कठोर होता है। यह भंगुर तथा इसका रंग सफेद होता है। इस पर चमकदार पॉलिश की जा सकती है। इसको आसानी से ढाला (Cast) जा सकता है। इस पर नमी और वायु का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 

काँसा (Bronze) का उपयोग (Use Of Bronze)

इसका उपयोग घरेलू बर्तन, मूर्तियाँ, घण्टे, सक्क, बन्दूक की नली, टेलीफोन और टेलीग्राफ के तार आदि बनाने में 

किया जाता है। 


फास्फर काँसा (Phosphor Bronze)

यदि काँसे में फास्फर मिला दिया जाये तो उसे फास्फर काँसा कहते है। 

इसमें फोर्ज, रॉट या ढलाई के अनुसार अलग-अलग मात्रा में मिश्रण तत्व मिलाए जाते हैं। 

सामान्य फास्फर काँसे में 93.7% ताँबा, 6% टिन तथा 0.3% फास्फोरस होता है। फास्फोरस मिलाने से इसकी तन्यता तथा सामर्थ्यता बढ़ जाती है एवं ढलाई भी अच्छी होती है। 

फास्फर काँसा का उपयोग (Use Of Phosphor Bronze)

इसका उपयोग पम्प के पुर्जे (Parts) बियरिंग, गियर, स्प्रिंग आदि बनाने के लिए किया जाता है। 

सिलिकन काँसा (Silicon Bronze)

 यह काँसे में सिलिकन मिलाकर बनाया जाता है। 

इसको बनाने के लिए 96% ताँबा, 3% सिलिकन, 1% मैगनीज या जस्ता प्रयोग किया जाता है। 

इस पर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 

इसकी ढलाई, रोलिंग, फोर्जिंग, स्टैम्पिंग की जा सकती है तथा इसे गर्म या ठण्डी अवस्था में प्रेस किया जा सकता है। 

सिलिकन काँसा का उपयोग (Use Of Silicon Bronze)

 इसका अधिकतर उपयोग टैंक, स्टोव, बॉयलर के पुर्जे (Parts) बनाने के लिए किया जाता है। 

बन्दूक धातु (Gun Metal)

इस धातु को ताँबा, टिन तथा जस्ते के मिश्रण से बनाया जाता है जिसमें 88% ताँबा, 10% टिन और 2% जस्ता प्रयोग किया जाता है। 

ठण्डी अवस्था में इस पर कार्य नहीं किया जा सकता है परन्तु 600°C पर इसे गर्म करके फोर्ज किया जा सकता है। 

यह मजबूत मिश्रित धातु होती है। इस पर हवा, पानी और मौसम का प्रभाव नहीं पड़ता है। 

इस पर जंग नहीं लगती है। यह कठोर भी होती है। 

बन्दूक धातु का उपयोग (Use Of Gun Metal )

इसका अधिकतर उपयोग बॉयलर फिटिंग्स, बियरिंग, ब्रुश, तोपें, बन्दूक, गियर्स आदि बनाने के लिए किया जाता है। 


मैंगनीज काँसा Managanese Bronze

इसको ताँबा, जस्ता, लैड और कम मात्रा में मैंगनीज के मिश्रण को मिलाकर बनाया जाता है। 

यह फास्फर काँसे की अपेक्षा अधिक कठोर तथा मजबूत होता है। 

मैंगनीज काँसा उपयोग (Use Of Managanese Bronze)

 इसका अधिकतर उपयोग प्लन्जर, फीड पम्प, छड़ तथा ब्रुश बनाने के लिए किया जाता है । इसके अलावा इससे कभी-कभी वर्म गीयर भी बनाये जाते हैं। 

बैबिट धातु (Babbit Metal) 

इसको टिन, एंटीमनी और ताँबे के मिश्रण से बनाया जाता है, जिसमें 88% टिन, 8% एंटीमनी तथा 4% ताँबा मिलाया जाता है। 

यह एक मुलायम धातु होती है, इसकी सामर्थ्य (Strength)भी कम होती है। 

बैबिट धातु का उपयोग (Use Of Babbit Metal) 

इसका अधिकतर उपयोग बियरिंग में लाइनिंग के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग ऐसी बियरिंगों के लिए किया जाता है, जिनको उच्च दाब और अधिक भार पर चलाना होता है। 

मोनल धातु (Monel Metal)

इसको बनाने के लिए निकिल, ताँबा तथा थोड़ी-सी मात्रा में ऐल्यूमीनियम या मैगनीज के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसमें 60% निकिल,38% ताँबा तथा अल्प मात्रा में ऐल्यूमीनियम या मैंगनीज मिलाई जाती है। 

इसमें चीमड़पन तथा तन्यता का गुण होता है। इसको ऊष्मा उपचारित किया जा सकता है। इसको सरलता से मशीनन (Machining) किया जा सकता है। यह अधिक तापमान पर भी मजबूत बना रहता है। इस पर जंग नहीं लगती है। 

मोनल धातु का उपयोग (Use Of Monel Metal)

इसका अधिकतर उपयोग इस्पात टरबाइन ब्लेड तथा अभिकेन्द्रीय पम्प (Centrifugal Pump) बनाने और छड़, चादर तथा तार आदि बनाने में किया जाता है। 

ड्यूरेलूमिन एलॉय (Duralumin Alloy)

इसको बनाने के लिए 3.5% से 4.5% ताँबा, 0.4% से 0.7% तक मैंगनीज, 0.4% से 0.7% तक मैगनेशियम तथा बाकी ऐल्यूमीनियम का मिश्रण प्रयोग किया जाता है। 

कार्य के बाद 3 या 4 दिन तक रखकर इसकी कठोरन (Hardning) की जा सकती है। 

इस पर जंग नहीं लगता है। यह विद्युत का सुचालक होता है। 

ड्यूरेलूमिन एलॉय का उपयोग (Use Of Duralumin Alloy)

इसका अधिकतर उपयोग विद्युत केबल तथा हवाई जहाज के पुर्जे (Parts) बनाने के लिए किया जाता है। 

'वाई' एलॉय ('Y' Alloy) 

इसको बनाने के लिए 3.5% से 4.5% ताँबा, 1.8% से 2.3% तक निकिल, 1.2% से 1.7% तक मैंगनीशियम और बाकी ऐल्यूमीनियम का प्रयोग किया जाता है। 

यह अधिकतर चादर या पत्ती के रूप में पाया जाता है। अधिक तापमान पर भी यह मजबूत बना रहता है। 

'वाई' एलॉय का उपयोग (Use Of 'Y' Alloy)

इसका अधिकतर उपयोग इंजन के पिस्टन बनाने के लिए किया जाता है। 



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