इस पोस्ट में हम जानेंगे लैपिंग क्या होती है लैपिंग औजार एवं लैपिंग विधि और लैपिंग के क्या लाभ हैं|
लैपिंग(lapping)
यह एक सरफेस फिनिशिंग क्रिया का भाग है जब हम किसी धातु पर मशीनींग और ग्राइंडिंग करते हैं तो उसके पश्चात भी अधिक फिनिशिंग की आवश्यकता होती है | इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए जो संक्रिया की जाती है उसे लैपिंग कहते हैं|लैपिंग विधि के द्वारा जॉब या कार्य खंड की घिसाई करके जॉब की सतह से अशुद्धता(roughness) और तरंगता(waviness) एवं अन्य अनियमितताओं को समाप्त किया जाता है तथापि फिनिशिंग में सुधार किया जाता है|
इस विधि का उपयोग अच्छी फिनिश वाले कार्य खंड पर किया जाता है, जैसे:- पिस्टन पिन, पिस्टन रिंग, गेज ब्लॉक, वाल्व सीट, मशीन औजारों की गाइड तथा स्लाइड मार्गों आदि पर |
यह क्रिया हाथ अथवा मशीन के द्वारा बाहरी एवं आंतरिक दोनों प्रकार की सतहों पर की जा सकती है |
लैपिंग औजार(lapping tool)
लैपिंग के लिए प्रयोग किए जाने वाले पदार्थ काम मुलायम होना जरूरी है, जिससे घिसने वाले कण आसानी से बैठाये जा सके|यह एक काटने वाला औजार है, जो विभिन्न आकार में बनाया जा सकता है और यह घर्षण विधि के द्वारा काटता है|
लैप बनाने के लिए मृदु ढलवा लोहा(mild cast iron) तांबा, पीतल, सीसा और कभी-कभी कठोर लकड़ी का भी प्रयोग किया जाता है|
लैपिंग माध्यम(lapping media)
लैप को बनाने के लिए अलग-अलग प्रकार के अपघर्षक कणों को पेस्ट के रूप में प्रयोग किया जाता है| इन्हें चार्जिंग पदार्थ भी कहते हैं, जैसे:- हीरा, एमरी, कोंरडम, क्रोमियम ऑक्साइड, अल्युमिनियम ऑक्साइड तथा सिलिकॉन आदि|अधिकतर लैपिंग के लिए डायमंड पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है|
एलुमिनियम ऑक्साइड के अपघर्षक को उच्च फिनिश प्राप्ति हेतु प्रयोग में लाया जाता है|
तथा सिलीकान कार्बाईड वाले लेप अधिक धातु काटते हैं तथा इनके द्वारा सतह रफ बनती है |
लैपिंग पाउडर के ग्रेड(grades of lapping powder)
लैपिंग पाउडर कई फ्लोर साइजों में मिलते हैं शुक्षम कार्यों के लिए इनको तेल के साथ मिलाकर कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है जो कम अधिक समय तक तेल में तैरते हैं, वे सबसे सूक्ष्म अपघर्षक होतै है|लैपिंग करते समय इन अपघर्षको के साथ मोबिल आयल, लॉर्ड आयल, मिट्टी का तेल अथवा तारपीन का तेल उपयोग में लाया जाता है|
लैपिंग विधि(method of lapping)
लैपिंग में दो प्रकार की लैपिंग विधि प्रयोग की जाती है|1. हस्त लैपिंग(hand lapping)
2. मशीन लैपिंग(machine lapping)
हस्त लैपिंग(hand lapping)
इस विधि के अनुसार लैप जॉब या कार्य खंड में से किसी एक को हाथ से पकड़ कर दूसरे को गति प्रदान की जाती है|जिससे इन दोनों की सतह एक दूसरे के संपर्क में रहकर रगड़ खाती रहे|
लेकिन कुछ परिस्थितियों में लैपिंग कंपाउंड को दोनों संपर्क सतहों के बीच में रखकर एक सतह को स्थिर तथा दूसरी सतह को उसके ऊपर रगड़ा जाता है|
इसका उपयोग इंजन के वाल्व और वाल्व सीट आदि की लैपिंग के लिए किया जाता है|
मशीन लैपिंग(machine lapping)
इस विधि का प्रयोग बेयरिंग के बाॅल, रोलर, रेस, गियरों, क्रैंक शाफ़्ट, पिस्टन पिनों, गेज ब्लॉक, एवं अन्य ऑटोमोबाइल पार्ट्स और माइक्रोमीटर के स्पिंडल आदि पर उच्च परिष्कृत सतह प्राप्त करने के लिए किया जाता है|इस विधि में अनेक प्रकार की मशीनों का प्रयोग किया जाता है|
एक ऊर्ध्वाधर अक्ष लैपिंग मशीन के ऊर्ध्वाधर स्पिंण्डल पर दो पहिए एक ऊपर और दूसरा उसके नीचे होता है | जॉब या कार्य खंड इन दोनों के बीच में रहकर वाहक सहित ढीले कटाई वाले कणों को फिड किया जाता है|
इस मशीन का एक और उन्नत रुप वह है जिसमें घूमने वाले पहियों के स्थान पर दो बाॅण्डेड अपघर्षक पहिए लगे होते हैं|
इनके साथ ढीले काटने वाले कणों की आवश्यकता नहीं होती है|
इन दोनों प्रकार की मशीनों में नीचे वाला पहिया घूमता है और ऊपरवाला पहिया नहीं घूमता है परंतु जॉब या कार्य खंडों के ऊपर फ्लोट करता है|
इन दोनों मशीनों को केवल वृत्ताकार और चपटे कार्यों के लिए ही प्रयोग किया जाता है|
अपघर्षक बेल्ट लैपिंग मशीन का उपयोग क्रैंक शाफ़्ट पर बेयरिंग, केम शाफ़्ट कि सतह लैपिंग करने के लिए किया जाता है|
इसमें अपघर्षक काणो से लेपित कपड़े या कागज की बेल्ट का प्रयोग किया जाता है|
सेंटर लैस लैपिंग मशीन पर लगातार रूप से लैपिंग क्रिया गोल सातहो वाले पार्ट्स जैसे:- पिस्टन पिन, बियरिंग रेस, और कप, आदि पर की जाती है|
लैपिंग के लाभ(advantage of lapping)
1. लैपिंग से छोटे-छोटे पॉइंट तथा डॉट दूर हो जाते हैं|2. जॉब पर उच्च कोटि की पॉलिश तथा फर्निशिंग आ जाती है|
3. जॉब पर जंग लगने का खतरा नहीं रहता है|
4. सत्य इतनी समतल एवं सूक्ष्म बन जाती है कि दोनों सतहों के मिलने पर वेक्यूम जाता है|
5. उच्च गति पर जॉब को चला सकते हैं|
6. लैपिंग के प्रयोग से इच्छित फिट प्राप्त की जा सकती है|
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